ताइवान की कंपनियों द्वारा COVID-19 के प्रभाव को कम करने के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं का पुनर्गठन

ताइवान की कंपनियों द्वारा COVID-19 के प्रभाव को कम करने के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं का पुनर्गठन
27 जुलाई 2024 8 टिप्पणि Kaushal Badgujar

ताइवान की कंपनियों द्वारा COVID-19 के प्रभाव को कम करने के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं का पुनर्गठन

COVID-19 के प्रभाव का सामना

ताइवान की कंपनियाँ COVID-19 के प्रभाव से अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को बचाने के लिए सक्रिय कदम उठा रही हैं। चीन में COVID-19 मामलों के फिर से बढ़ने के कारण संभावित व्यवधानों से निपटने के लिए, उन्होंने आपूर्तिकर्ताओं को विविधता प्रदान करने, भंडारण बढ़ाने और डिजिटल तकनीकों में निवेश करने जैसे नए कदम उठाए हैं। इस कदम का उद्देश्य आपूर्ति श्रृंखला की विश्वसनीयता और संतुलित प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।

आपूर्तिकर्ता विविधीकरण

ताइवान की कंपनियों ने महसूस किया है कि एक ही स्रोत पर निर्भरता उनके व्यवसाय को जोखिम में डाल सकती है। इस वजह से अब वे विभिन्न देशों और क्षेत्रों से आपूर्तिकर्ताओं को शामिल कर रही हैं। इस प्रक्रिया से विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलती है, और यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि यदि एक क्षेत्र में कोई व्यवधान होता है, तो अन्य क्षेत्रों से आपूर्ति जारी रह सके।

भंडारण बढ़ाने के कदम

कंपनियों ने यह भी निर्णय लिया है कि वे अपने उत्पादों का भंडारण बढ़ाएंगी ताकि आकस्मिक स्थितियों में वे आपूर्ति श्रृंखला की निरंतरता बनाए रख सकें। वर्तमान समय में, अनेक कंपनियाँ अपने उत्पादों का अतिरिक्त भंडारण करती हैं ताकि उन्हें नए उत्पादों की जरूरत पड़ने पर आसानी हो। यही कारण है कि भंडारण की क्षमता में वृद्धि आपूर्ति श्रृंखला को स्थायी बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

डिजिटल तकनीकों का उपयोग

डिजिटल तकनीकों के उपयोग ने ताइवान की कंपनियों को अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं की निगरानी और प्रबंधन में सुधार करने में मदद की है। अब वे रियल-टाइम डेटा का उपयोग करते हुए अपने आपूर्तिकर्ताओं और ग्राहकों के साथ बेहतर समन्वय कर सकती हैं। डिजिटल तकनीकों के माध्यम से वे विभिन्न स्थानों पर होने वाले व्यवधानों की पूर्वानुमान कर सकती हैं और तदनुसार अपनी रणनीतियों को समायोजित कर सकती हैं।

ताइवान इन्सटीट्यूट फॉर इन्फॉर्मेशन इंडस्ट्री (III) की भूमिका

ताइवान इन्सटीट्यूट फॉर इन्फॉर्मेशन इंडस्ट्री (III) भी इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वे आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में डिजिटल तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। III के पास विविध योजनाएँ और पहलकदमियाँ हैं जो कंपनियों को स्वयम अपग्रेड करने में सहायता करती हैं। इस पहल द्वारा कंपनियाँ अपनी कार्यप्रणाली में सुधार कर रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि उनके व्यवसाय में न्यूनतम व्यवधान हो।

सरकारी सहायता

ताइवानी सरकार भी इस असामान्य स्थिति के दौरान व्यापारिक निकायों का साथ दे रही है। वे वित्तीय सहायता, सब्सिडी और अन्य योजनाओं के माध्यम से व्यवसायियों को राहत प्रदान कर रही हैं। इसके साथ ही, उनमें से अनेक सरकारी विभाग स्मार्ट आपूर्ति श्रृंखलाओं के विकास को प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ताइवानी व्यापारियों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश में किसी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश को प्रोत्साहन

ताइवान एक्स्टर्नल ट्रेड डेवलपमेंट काउंसिल (TAITRA) भी, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश को सुगम बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रही है। TAITRA की विभिन्न पहलकदमियाँ देशों के बीच व्यापार को सरल बना रही हैं और निवेशकों का विश्वास बढ़ा रही हैं। इसके माध्यम से ताइवान अपनी वैश्विक साख को बनाए रख रहा है और भविष्य में उभरने वाले नए व्यापार अवसरों का लाभ उठा सकता है।

स्मार्ट आपूर्ति श्रृंखला विकास

इसके अलावा, ताइवानी आर्थिक मामलों के मंत्रालय (MOEA) ने स्मार्ट आपूर्ति श्रृंखलाओं के विकास को प्राथमिकता दी है। स्मार्ट आपूर्ति श्रृंखलाओं के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर निगरानी, डेटा विश्लेषण और मिलाजुला प्रतिक्रियाओं को संभव बनाना है। MOEA के इसके प्रयास से ताइवानी कंपनियाँ अधिक प्रभावी और निपुण बन रही हैं।

निष्कर्ष

संक्षेप में, ताइवान की कंपनियों और सरकार के सामूहिक प्रयास से COVID-19 के प्रभाव को कम किया जा रहा है। विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं के साथ जुड़े रहने, भंडारण बढ़ाने, और डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने जैसी रणनीतियों के माध्यम से ताइवानी व्यवसाय संकट से निपटने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही, सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सहायता और प्रोत्साहन ने इस राह को और भी सुरक्षित और प्रभावी बना दिया है। इस प्रकार, ताइवान अपनी वैश्विक व्यापार आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखे हुए है।

8 टिप्पणि

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    Vishnu Nair

    जुलाई 27, 2024 AT 05:12

    ये सब डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और स्मार्ट सप्लाई चेन वाली बातें तो बहुत अच्छी लग रही हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब एक बड़ा ग्लोबल स्केल पर डेटा मैनिपुलेशन का हिस्सा हो सकता है? जब ताइवान अपनी आपूर्ति श्रृंखला को रिसिलिएंट बनाता है, तो वो असल में एक डिजिटल डोमिनो इफेक्ट शुरू कर रहा है-जिसमें चीन की लोकल सप्लाई नेटवर्क्स को अनावश्यक रूप से वीक किया जा रहा है। ये सब एक लॉन्ग-टर्म इकोनॉमिक रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रैटेजी है जो लोकल इंडस्ट्रीज को अंतरराष्ट्रीय डेटा फ्लो में डूबा देती है। हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि जब भी कोई टेक्नोलॉजी एडवांस होती है, तो उसका पहला लाभ उठाने वाले वो ही होते हैं जो उसके बारे में सब कुछ नियंत्रित करते हैं।

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    Kamal Singh

    जुलाई 28, 2024 AT 05:53

    मैं तो बस इतना कहूंगा कि जब दुनिया भर में लोग अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को फिर से बना रहे हैं, तो ताइवान ने एक ऐसा मॉडल बनाया है जो दरअसल इंसानी अनुकूलन का जीवंत उदाहरण है। ये बस टेक्नोलॉजी नहीं है-ये एक नया तरीका है सोचने का। जब आप भंडारण बढ़ाते हैं, तो आप डर को नियंत्रित कर रहे होते हैं। जब आप डिजिटल नेटवर्क्स का इस्तेमाल करते हैं, तो आप अनिश्चितता को जानकारी में बदल रहे होते हैं। ये बहुत सुंदर है। अगर हम इसी तरह अपने छोटे व्यवसायों को भी सशक्त बना लें, तो भारत भी एक दिन इस राह पर चल सकता है।

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    Jasmeet Johal

    जुलाई 28, 2024 AT 15:35
    सब कुछ बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन क्या ये सब वाकई काम कर रहा है या बस बड़े बड़े शब्दों का झूठा ढोंग है
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    Shreyas Wagh

    जुलाई 28, 2024 AT 19:35

    सप्लाई चेन एक जीवित नस है जो व्यापार के शरीर में खून बहाती है। ताइवान ने इसे बचाने के लिए न सिर्फ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया, बल्कि एक नए दर्शन को अपनाया-जहाँ अस्थिरता एक अवसर है, न कि एक खतरा। ये बात तो हर कोई कहता है, लेकिन जब तक कोई इसे अपनी नीतियों में उतारता है, तब तक ये बस एक शानदार विचार रहता है। ताइवान ने इसे जीवन में उतार दिया।

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    Pinkesh Patel

    जुलाई 29, 2024 AT 01:40

    लोग इतना बड़ा बाजार बना रहे हैं लेकिन क्या कोई ध्यान दे रहा है कि इन सभी डिजिटल सिस्टम्स में एक छोटी सी गलती भी पूरी आपूर्ति श्रृंखला को अंधेरे में डाल सकती है? और फिर जब सब टूट जाए तो फिर वो कहेंगे कि ये तो आपकी जिम्मेदारी है। लोग बस टेक्नोलॉजी के आगे झुक जाते हैं और भूल जाते हैं कि इंसान अभी भी दुनिया का नियंत्रण रखता है।

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    Abdul Kareem

    जुलाई 29, 2024 AT 21:30

    इस लेख में जिन तकनीकों की बात की गई है, उनमें से कुछ ऐसी हैं जिनका उपयोग भारत के छोटे उद्यमियों के लिए बहुत लाभदायक हो सकता है। लेकिन क्या इनके लिए कोई सरल गाइड या सहायता प्रदान की जा रही है? जब तक हम यह नहीं सुनिश्चित करते कि ये बदलाव सबके लिए पहुँचने वाले हैं, तब तक ये सिर्फ एक बड़ी कंपनियों की बात रहेगी।

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    Namrata Kaur

    जुलाई 31, 2024 AT 01:47

    भंडारण बढ़ाना और डिजिटल टूल्स इस्तेमाल करना बहुत अच्छी बात है। लेकिन छोटे व्यापारी इसे कैसे करेंगे? उनके पास तो पैसा भी नहीं होता। इसका समाधान क्या है?

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    indra maley

    अगस्त 1, 2024 AT 00:45

    जब आप आपूर्ति श्रृंखला को स्मार्ट बनाते हैं तो आप असल में एक नया संबंध बना रहे होते हैं-इंसान और मशीन के बीच। लेकिन क्या हम इस नए संबंध को इतना तेजी से अपना रहे हैं कि इंसानी ताकत को भूल रहे हैं? डेटा तो बताता है कि क्या हो रहा है, लेकिन इंसान ही बता सकता है कि क्यों हो रहा है।

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