अंगद की शादी से टूटा तुलसी-मिहिर का 38 साल का रिश्ता, 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2' में बड़ा ट्विस्ट

अंगद की शादी से टूटा तुलसी-मिहिर का 38 साल का रिश्ता, 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2' में बड़ा ट्विस्ट
16 नवंबर 2025 0 टिप्पणि Kaushal Badgujar

जब अंगद ने वृंदा के साथ मंदिर में शादी कर ली, तो वो सिर्फ एक शादी नहीं थी — ये एक परिवार के 38 साल के विश्वास का टूटना था। तुलसी और मिहिर का रिश्ता, जो दशकों से एक नमूना रहा, अब एक अज्ञात दिशा की ओर बढ़ रहा है। ये घटना अंगद की शादी की वजह से नहीं, बल्कि उसके पीछे के झूठ, छिपाव और एक माँ की गलत निर्णय लेने की भावना से टूटा है। ये सब स्टार प्लस पर रोजाना रात 10:30 बजे चलने वाली धारावाहिक 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2'भारत के नवीनतम एपिसोड में दिखाया गया है।

शादी का झूठ और तुलसी का दोहरा रोल

अंगद की शादी की योजना पहले मिताली के साथ तय थी — नॉयना की भतीजी, और अंगद की पहली पसंद। लेकिन शादी के दिन, अंगद गायब हो गया। उसने वृंदा के साथ मंदिर में विवाह कर लिया। क्यों? क्योंकि उसे पता चला कि मिताली ने अपने दोस्तों से पैसे उधार लिए थे और उन्हें चुकाने से बचने के लिए खुद को 'साया' का बलि बना रही थी। अंगद ने उसे चेतावनी दी: अगर तू शादी रद्द कर देगी, तो मैं तुझे जनता के सामने नहीं लाऊंगा। उसने स्वीकार कर लिया। लेकिन जब मिताली ने शादी रद्द नहीं की, तो अंगद ने अपनी राह खुद बना ली।

तुलसी ने इस बात को जान लिया था। उसने शादी से एक दिन पहले प्रार्थना की: "अंगद के शब्द सच हों, मिताली इस शादी से वापस आए"। लेकिन जब उसने अंगद की शादी के बाद वृंदा को स्वीकार किया, तो मिहिर ने उसे बर्बर तरीके से सवाल किया।

"अब तुम्हारे फैसले हैं, मेरा क्या काम?"

मिहिर ने शादी की खबर टीवी पर देखकर सुनी। उसने तुलसी को घर पर घेर लिया। उसके शब्द अब तक दर्शकों के कानों में गूंज रहे हैं: "तो कहां गई थी परी की खुशी जब तुमने उसके खिलाफ गवाही दी थी। अंगद की शादी मेरे पीठ पीछे करवाकर तुमने कौन सी खुशी की बात कर रही है?" और फिर — जो दिल तोड़ देने वाला था — "अब अगर सारे फैसले तुम्हारे हैं, तो इस रिश्ते में मेरा क्या काम है? अरे, हमारा रिश्ता बचा है कि नहीं?"

तुलसी ने समझाने की कोशिश की — कि मैंने अंगद को एक बुरी रिश्ते से बचाना चाहा। मिहिर ने कान बंद कर लिए। ये सिर्फ शादी का विवाद नहीं, बल्कि एक शादीशुदा जीवन में आम बातचीत का अंत था। एक ऐसा परिवार, जहां माँ और पति के बीच आपसी समझ हमेशा आधार रही, अब एक बड़ी दीवार से बंट गया है।

एक बहू के दर्द की याद

क्योंकि सास भी कभी बहू थी — ये शीर्षक अब एक भावुक झलक बन गया है। तुलसी खुद एक बहू थी, जिसने अपने सास के साथ अनेक लड़ाइयाँ लड़ीं। अब वो वही सास बन गई है, जिसके निर्णयों से बहू की खुशी नहीं, बल्कि बहू की इच्छा को नियंत्रित करने की कोशिश हो रही है। उसने अंगद को वृंदा के साथ बुलाया, और उसने उसे चेहरे पर थप्पड़ मार दिया। लेकिन उसके बाद उसने उसे गले लगा लिया। ये झटका उसके दिल का था — उसकी डर, उसकी असुरक्षा, उसकी भूल का एहसास।

मिहिर की बातें ने दर्शकों को चौंका दिया। कई ने सोशल मीडिया पर लिखा: "ये तो हमारे घर की कहानी है। माँ बच्चों को बचाने के नाम पर बाप को बाहर कर देती है।" एक वयस्क दर्शक ने कहा: "हम सब तुलसी के साथ रहे, लेकिन आज हम मिहिर के साथ रो रहे हैं।"

परिवार का अंडा टूट रहा है

अंगद की शादी का असर सिर्फ तुलसी-मिहिर तक सीमित नहीं है। परी — तुलसी की बेटी — भी इस टूटे हुए रिश्ते का शिकार बन गई है। उसने माँ के फैसले का समर्थन किया, लेकिन अब वो अपने पिता से दूर हो रही है। नॉयना, मिताली की सास, अभी भी दावा कर रही हैं कि मिताली की शादी होगी — ये एक और टूटी हुई उम्मीद है।

वृंदा की माँ ने एक ज्वेलरी दुकान पर बताया कि उसकी बेटी की शादी उनके घर में होगी। ये छोटी सी बात बड़े अर्थों में एक नया घर बनाने की शुरुआत है। लेकिन तुलसी और मिहिर का घर — जहां एक बार चाय की चुस्कियाँ और बच्चों के बारे में बातें होती थीं — अब खालीपन से भर गया है।

एपिसोड 106 का अंत: थप्पड़ और बाद में गले लगना

एपिसोड 106 का अंत: थप्पड़ और बाद में गले लगना

एपिसोड 106 में तुलसी ने अंगद को थप्पड़ मारा। दर्शकों ने इसे देखकर चिल्लाया — "अब तो बस हो गया!" लेकिन उसके बाद, जब वो उसे गले लगाती है, तो वो थप्पड़ नहीं, बल्कि एक आह है। एक ऐसी आह जो कहती है: "मैंने तुम्हें बचाना चाहा, लेकिन तुम्हें खो दिया।"

मिहिर अभी भी शांत नहीं हुआ। उसने अभी तक तुलसी से बात नहीं की। उसके चेहरे पर दर्द नहीं, बल्कि निराशा है। ये अब एक रिश्ते का अंत नहीं, बल्कि एक जीवन का अंत हो सकता है।

दर्शकों का प्रतिक्रिया: एक नया रियलिटी

इस धारावाहिक को अब टीआरपी में नंबर 2 पर रखा गया है — जो 'अनुपमा' के नंबर 1 के रिकॉर्ड को चुनौती दे रहा है। लेकिन ये सिर्फ दर्शकों की संख्या नहीं है। ये उनके दिलों की गूंज है। एक दर्शक ने लिखा: "मैं अपनी माँ को याद कर रहा हूँ — वो भी मेरी शादी के खिलाफ थीं, फिर एक दिन उन्होंने कहा — अगर तुम खुश हो तो मैं भी खुश हूँ।" ये धारावाहिक अब कोई कल्पना नहीं, बल्कि एक आईना है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्यों तुलसी ने अंगद को थप्पड़ मारा और फिर गले लगाया?

तुलसी ने थप्पड़ मारा क्योंकि वो अपने बेटे के लिए डर रही थी — डर था कि उसका निर्णय उसकी जिंदगी बर्बाद कर देगा। लेकिन जब उसने अंगद की बात सुनी और वृंदा के बारे में पता चला, तो उसे एहसास हुआ कि उसने अपनी बहू के रूप में जो दर्द झेला, उसी को अब वो अपनी बहू को दे रही है। गले लगाना उसकी खुद की भूल का एहसास था।

मिहिर का रिश्ता टूटने का खतरा क्यों है?

मिहिर को लगता है कि तुलसी ने उसकी भूमिका को निरस्त कर दिया है। वो चाहते हैं कि शादी के फैसले दोनों के साथ हों। जब उन्हें पता चला कि तुलसी ने उन्हें बिना बताए अंगद की शादी की राह बना ली, तो उन्हें लगा कि वो अब घर में एक अनावश्यक व्यक्ति बन गए हैं। ये एक पुराने नमूने का अंत है — जहां पति बस आर्थिक समर्थक थे, न कि भावनात्मक साझेदार।

वृंदा कौन है और उसकी शादी क्यों इतनी बड़ी बात बन गई?

वृंदा एक साधारण लड़की है, जिसकी माँ ने उसकी शादी के लिए घर का इंतजाम किया है। उसकी शादी बड़ी बात बनी क्योंकि वो एक ऐसी बहू है जिसे तुलसी ने शुरू में नहीं माना, लेकिन जिसने अपने दिल से सच्चाई दिखाई। इस शादी में एक नया आदर्श है — जहां प्यार और सच्चाई, शाही नाम और परिवार की इच्छा से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

क्या तुलसी और मिहिर का रिश्ता बच पाएगा?

अभी तक कोई संकेत नहीं है। लेकिन धारावाहिक के इतिहास में ऐसी बड़ी टूट बाद में बहुत बड़े बदलाव के साथ जुड़ी हैं। अगर तुलसी अपनी गलती को स्वीकार करती है और मिहिर को बताती है कि वो उसे एक साथी नहीं, बल्कि एक साथी के रूप में चाहती है, तो शायद रिश्ता बच जाए। लेकिन अगर दोनों अपनी अहंकार को नहीं छोड़ते, तो ये रिश्ता नहीं, बल्कि एक दीवार बन जाएगी।

इस धारावाहिक का वास्तविक जीवन पर क्या प्रभाव हो रहा है?

कई परिवारों में अब शादी के बारे में बातचीत शुरू हो रही है — बेटे-बेटियों के साथ, माता-पिता के साथ। एक अध्ययन में देखा गया कि इस धारावाहिक के बाद 37% परिवारों ने शादी के फैसले में बच्चों को ज्यादा आवाज देने का फैसला किया। ये धारावाहिक सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक संवाद बन गया है।

क्या ये धारावाहिक असली जीवन की तरह है?

हाँ। बहुत से परिवारों में माँ अपने बच्चों को बचाने के नाम पर पति को बाहर कर देती हैं। पति शांत रहते हैं, लेकिन दिल टूट जाता है। तुलसी और मिहिर का रिश्ता उसी का दर्शन है — जहाँ प्यार की जगह नियंत्रण आ जाता है, और एक शादी एक परिवार के टूटने की शुरुआत बन जाती है।