विश्व हिंदी दिवस 2025: क्यों है यह विशेष?
क्या आप जानते हैं कि हर साल 10 जनवरी को एक ऐसा दिन मनाया जाता है जो हिंदी से जुड़ी भावनाओं को जगा देता है? यही है विश्व हिंदी दिवस, जहाँ हिन्दी‑भाषी लोग गाइडलाइन लेकर अपनी भाषा को विश्व पटल पर लाने की कोशिश करते हैं। 2025 का यह दिन भी ऐसे ही कई कारणों से खास है – चलिए जानते हैं क्यों।
इतिहास और उद्देश्य
वर्ल्ड हिंदी डे का शुरुआत 2006 में भारत सरकार ने की थी। तब ‘हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा बनाना’ का लक्ष्य रखा गया था, क्योंकि तब तक हिंदी केवल भारत में ही सीमित थी। 10 जनवरी को इस उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया, क्योंकि उस दिन 1901 में पहला ‘हिंदी सम्मेलन’ आयोजित हुआ था। आज हिंदी को 600 मिलियन से ज्यादा लोग बोलते हैं – ये संख्या दिखाती है कि भाषा का प्रभाव कितनी दूर तक फैल चुका है।
भू‑राजनीति, व्यापार, शिक्षा और डिजिटल मीडिया में हिंदी का बढ़ता योगदान इस दिन को महत्व देता है। 2025 में, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर हिंदी कंटेंट की खपत पिछले पाँच सालों में दो‑तीन गुना बढ़ी है, जिससे भाषा का आर्थिक असर भी स्पष्ट हो रहा है। इसलिए, विश्व हिंदी दिवस को सिर्फ एक समारोह नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास का इंजन माना जाता है।
उत्सव के रूप और भागीदारी
हर साल इस दिन स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय में हिंदी कविता प्रतियोगिताएँ, निबंध लेखन और मंचन होते हैं। 2025 में, खासकर ऑनलाइन वेबिनार और लाइव स्ट्रीमिंग का रुझान बढ़ा है। कई विदेशों में भारतीय डाइस्पोरा ने अपने स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर हिंदी कार्यशालाएँ आयोजित कीं, जिससे भाषा की अंतरराष्ट्रीय पहुँच और मजबूत हुई।
सरकार भी इस दिन को प्रमोट करने के लिए विशेष अभियान चलाती है। उदाहरण के तौर पर, ‘हिंदी सत्र’। इस अभियान में विभिन्न क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियों ने हिंदी में बातचीत किया, जिससे जनता को भाषा के उपयोग में सहजता मिली। सोशल मीडिया पर #WorldHindiDay2025 टैग से लाखों पोस्ट बने, जो दिखाता है कि लोग डिजिटल रूप से भी इस दिन को सेलिब्रेट कर रहे हैं।
यदि आप इस दिन को खास बनाना चाहते हैं, तो घर में भी छोटे‑छोटे कदम उठा सकते हैं। हिंदी में खाना बनाते समय रेसिपी पढ़ें, परिवार के साथ हिंदी गाने गाएँ या फिर बच्चो को हिंदी कहानियाँ सुनाएँ। ये छोटे‑छोटे काम भाषा को जीवन में बनाए रखने में मदद करते हैं।
साथ ही, यदि आप लेख लिखने या वीडियो बनाने में रुचि रखते हैं, तो विश्व हिंदी दिवस के बारे में अपना कंटेंट बनाकर इस उत्सव को और भी व्यापक बना सकते हैं। याद रखें, भाषा सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि लोगों के बीच का पुल है।
अंत में, आप इस दिन को कैसे मनाएँगे, इसकी योजना बनाकर ही नहीं, बल्कि भाषा को रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में लागू करके ही आप इस दिवस की असली भावना को जीवित रख पाएँगे। तो, इस 10 जनवरी को हिंदी को खुशी‑खुशी अपनाएँ और अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित करें।