एमटी वासुदेवन नायर के जन्मदिन पर संगीतकार रमेश नारायण द्वारा अभिनेता आसिफ अली का अपमान
रमेश नारायण और आसिफ अली के बीच विवाद
हाल ही में एक प्रतिष्ठित आयोजन में विख्यात संगीतकार रमेश नारायण और प्रसिद्ध अभिनेता आसिफ अली के बीच एक विवाद खड़ा हो गया। यह विवाद एमटी वासुदेवन नायर के जन्मदिन समारोह पर आयोजित एक फिल्म 'मनोरथंगल' के ट्रेलर लॉन्च के दौरान हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य न सिर्फ फिल्म का प्रचार करना था, बल्कि एमटी वासुदेवन नायर के अद्वितीय योगदान को भी सम्मानित करना था।
घटना कैसे शुरू हुई?
यह घटना तब घटित हुई जब समारोह में रमेश नारायण को एक स्मृति चिन्ह देने के लिए अभिनेता आसिफ अली को आमंत्रित किया गया। जैसे ही आसिफ अली ने मंच पर आकर स्मृति चिन्ह देने की कोशिश की, रमेश नारायण ने उसे लेने से इनकार कर दिया। इस घटना ने वहां मौजूद सभी अतिथियों को आश्चर्यचकित कर दिया और सोशल मीडिया पर भी यह चर्चा का विषय बन गया।
रमेश नारायण का स्पष्टीकरण
बाद में रमेश नारायण ने अपने एक बयान में इस घटना पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि वह किसी को अपमानित करने का विचार नहीं रखते थे और अगर उनके इस कृत्य से किसी को ठेस पहुँची है तो वह इसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं। उन्होने स्पष्ट किया कि उन्हें मंच पर आने का आमंत्रण नहीं मिला था और इस वजह से उन्हें ऐसा लगा जैसे उन्हें सम्मेलन से बाहर रखा गया हो।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर यह घटना जल्द ही वायरल हो गई। जहां कुछ लोगों ने रमेश नारायण के व्यवहार को अनुचित ठहराया, वहीं कुछ अन्य ने उनके इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि अंतत: यह उनका व्यक्तिगत निर्णय था।
रमेश नारायण और आसिफ अली का संबंध
रमेश नारायण ने आगे आकर आसिफ अली की तारीफ की और उन्हें अपना पसंदीदा अभिनेता बताया। उन्होंने यह भी बताया कि वे व्यक्तिगत रूप से आसिफ अली को फोन कर इस मामले को सुलझाने का प्रयास करेंगे।
प्रशंसकों की प्रतिक्रिया
इस घटना पर प्रशंसकों की भी मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ ने इसे केवल एक गलतफहमी करार दिया, जबकि अन्य ने कहा कि इस प्रकार के सार्वजनिक असहमति से बचना चाहिए था।
इस प्रकार के घटनाक्रमों से यह स्पष्ट होता है कि आजकल की मीडिया और सोशल मीडिया की सक्रियता के चलते किसी भी छोटी सी घटना को भी बड़ा रूप दिया जा सकता है। महत्वपूर्ण यह है कि दोनों पक्ष इसे सकारात्मक रूप से लेकर समाधान निकालने का प्रयास करें।
Aniket Jadhav
जुलाई 16, 2024 AT 22:04ye to bas ek misunderstanding hai bhai, koi bhi badi baat nahi hai
Renu Madasseri
जुलाई 18, 2024 AT 06:52रमेश जी का व्यवहार बिल्कुल समझ में आता है। जब आपको मंच पर आमंत्रित नहीं किया जाता, तो वो आपके लिए अपमान की बात बन जाती है। बस एक छोटा सा सम्मान चाहिए था, और वो भी नहीं मिला।
आसिफ अली तो एक अच्छे अभिनेता हैं, लेकिन इस तरह के आयोजनों में विवेक से काम लेना चाहिए। क्या वो नहीं जानते थे कि रमेश जी का एमटी वासुदेवन नायर के साथ कितना गहरा जुड़ाव है?
हम इंडियन सिनेमा के बारे में बात कर रहे हैं, जहाँ संगीत और कहानी का सम्मान ही असली चीज़ है। आजकल तो सिर्फ स्टार पावर चलती है, लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि बिना रमेश जी जैसे लोगों के, आसिफ अली भी क्या होते?
मैंने देखा है कि रमेश जी अक्सर अपने काम के पीछे खड़े रहते हैं, बिना किसी शो-बिज़नेस के। उनका ये रवैया उनकी गहराई का प्रतीक है।
सोशल मीडिया पर तो लोग बस ट्रेंड बनाने के लिए बहस कर रहे हैं। क्या कोई इस बात पर गौर कर रहा है कि एमटी वासुदेवन नायर के जैसे व्यक्ति के जन्मदिन पर ऐसा होना ठीक था?
हमें अपने अंदर के विनम्रता को याद करना चाहिए। आज के दौर में जहाँ सब कुछ वायरल हो रहा है, वहाँ एक छोटी सी अनदेखी की बात भी बड़ी बन जाती है।
रमेश जी ने बाद में कहा कि वो आसिफ को फोन करेंगे। ये बात मुझे बहुत पसंद आई। वो बस एक व्यक्ति के रूप में अपना दिल खोलना चाहते हैं।
हमें इस तरह के लोगों का सम्मान करना चाहिए जो बिना बोले अपना काम करते हैं। आजकल तो जो ज्यादा चिल्लाता है, वही जीत जाता है।
मैं आशा करती हूँ कि ये दोनों आपस में मिलेंगे और एक बेहतर दिन बनाएंगे। इंडियन सिनेमा के लिए ये बहुत जरूरी है।
Kajal Mathur
जुलाई 20, 2024 AT 00:15यह घटना वास्तव में एक सांस्कृतिक अपमान का प्रतीक है। एक ऐसे व्यक्ति को, जिन्होंने दशकों तक भारतीय सिनेमा की धुन को जीवंत रखा है, ऐसे अवसर पर निरादर करना अस्वीकार्य है। आसिफ अली के व्यवहार में एक अहंकार की भावना झलकती है।
इस तरह के व्यवहार को सामान्य नहीं बनाया जा सकता। यह केवल एक गलती नहीं, बल्कि एक प्रवृत्ति का प्रतीक है जो आज के युवा पीढ़ी के बीच फैल रही है।
हमें अपने निर्माताओं, संगीतकारों और कथाकारों के प्रति आदर का एक नैतिक दायित्व है। इसे बस एक फोटो और एक स्मृति चिन्ह के लिए नहीं, बल्कि एक संस्कृति के लिए बचाना होगा।
इस घटना के बाद अगर कोई भी आयोजन ऐसे व्यवहार को उपेक्षित करता है, तो वह भारतीय सांस्कृतिक विरासत के लिए एक खतरा है।
rudraksh vashist
जुलाई 21, 2024 AT 11:13सब ठीक है, लेकिन ये भी तो देखो कि रमेश जी ने बाद में आसिफ को फोन करने का इरादा बताया है। ये बात बहुत अच्छी है। बहस नहीं, समाधान चाहिए।
हम लोग इतने जल्दी फैसला क्यों ले लेते हैं? एक दिन की घटना पर दो दिन तक चर्चा करना क्या जरूरी है?
मैं तो यही चाहता हूँ कि ये दोनों एक साथ एक चाय पीते हुए बात कर लें। बस इतना ही काफी है।
Archana Dhyani
जुलाई 22, 2024 AT 15:40ओह माय गॉड, ये तो बस एक और ट्रेंड है जिसे किसी ने बनाया है ताकि लोगों का ध्यान भटके। रमेश नारायण और आसिफ अली? ये दोनों तो बस एक दूसरे के लिए बहुत बड़े हैं। ये सब बस एक प्रचार की चाल है।
मैंने देखा है कि आयोजन के बाद तुरंत एक फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हुआ। और फिर एक विवाद? ये तो बिल्कुल एक ब्रांडिंग स्ट्रैटेजी है।
क्या आपने कभी सोचा कि ये सब किसके लिए है? क्या ये सब फिल्म के प्रमोशन के लिए है? अगर हाँ, तो ये बहुत नीचे की चाल है।
रमेश जी तो एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने कभी किसी के लिए अपना गाना बेचा नहीं। आसिफ अली तो एक स्टार हैं। ये दोनों का फर्क तो आसानी से समझ में आता है।
मैं तो इस घटना को एक बहुत बड़ी बात नहीं मानती। बस एक ब्रांडिंग ट्रिक है।
लेकिन जो लोग इसे गंभीरता से लेते हैं, वो बहुत आसानी से भ्रमित हो जाते हैं। आज का दौर है ना? जहाँ बुद्धि की जगह भावनाएँ चलती हैं।
मैं तो बस यही कहना चाहती हूँ कि इस तरह की घटनाओं को बड़ा न बनाएं। अगर आपको लगता है कि ये बड़ी बात है, तो आपको अपनी आँखें खोलनी चाहिए।
ये सब एक बड़ी चाल है। और आप सब इसका हिस्सा बन रहे हैं।
Guru Singh
जुलाई 24, 2024 AT 11:18रमेश जी के इस फैसले का मतलब ये नहीं है कि वो आसिफ अली को नहीं पसंद करते। बल्कि ये उनका एक संकेत है कि सम्मान के लिए अनुमति चाहिए।
मैंने उनके कई इंटरव्यू देखे हैं। वो हमेशा कहते हैं कि संगीत का सम्मान सबसे बड़ी बात है। ये घटना उनके इसी विचार का प्रतिबिंब है।
हमें इसे व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से देखना चाहिए।
Sahaj Meet
जुलाई 25, 2024 AT 16:13ये तो बहुत अच्छी बात है कि रमेश जी आसिफ को फोन करने वाले हैं। ये वाकई बड़ी बात है।
हम इंडिया में बहुत जल्दी लोगों को निंदा कर देते हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपनी गलती को स्वीकार करे और सुधारने की कोशिश करे, तो उसका सम्मान करना चाहिए।
मैं तो ये चाहता हूँ कि आसिफ अली भी एक छोटा सा वीडियो बनाएं और रमेश जी को धन्यवाद दें। तो ये एक अच्छी कहानी बन जाएगी।
हमें इंडियन सिनेमा को एक ऐसा आदर्श देना चाहिए जहाँ संगीत और अभिनय एक साथ चलते हैं।
मैं रमेश जी के इस फैसले को सम्मान देता हूँ। वो नहीं चाहते कि उनका काम बस एक ट्रेलर का हिस्सा बन जाए।
ये बात बहुत गहरी है।
Madhav Garg
जुलाई 25, 2024 AT 17:27रमेश नारायण का यह व्यवहार एक विशिष्ट सांस्कृतिक नैतिकता का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने अपने जीवन में कभी भी सामाजिक शक्ति के लिए अपने काम का उपयोग नहीं किया।
आसिफ अली के लिए यह एक शिक्षा होनी चाहिए कि स्टार पावर के बिना भी व्यक्तित्व का सम्मान होता है।
इस घटना को एक अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए जिससे हम अपने सांस्कृतिक मूल्यों को फिर से जीवित कर सकें।
Sumeer Sodhi
जुलाई 26, 2024 AT 22:25ये तो बस एक और बड़ा झूठ है। रमेश नारायण ने आसिफ अली को अपमानित नहीं किया, बल्कि उसे एक अवसर दिया जिसे वो नहीं समझ पाया।
क्या आप जानते हैं कि आसिफ अली ने पिछले दो वर्षों में कितने ऐसे आयोजनों में भाग लिया है जहाँ संगीतकारों को बिल्कुल नजरअंदाज किया गया?
ये बात बस एक बार की नहीं है। ये एक पैटर्न है।
रमेश जी ने बस एक नियम तोड़ा जिसे सब भूल गए।
अगर आप एक व्यक्ति को अपने आयोजन में शामिल करना चाहते हैं, तो उसे आमंत्रित करें। नहीं तो उसके लिए आप बस एक नाम हैं।
आसिफ अली को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
ये घटना बस एक शुरुआत है। अगर इसे नहीं सुलझाया गया, तो आगे और भी बड़े विवाद होंगे।
Vinay Dahiya
जुलाई 27, 2024 AT 05:49अरे भाई, ये सब तो बस एक बहस है! क्या तुम लोगों को लगता है कि रमेश जी ने इसलिए इनकार किया क्योंकि वो आसिफ को नहीं पसंद करते? नहीं! वो बस इतना चाहते थे कि उन्हें आमंत्रित किया जाए! ये बात तो समझ में आती है न?
और आसिफ अली को भी एक बार अपना दिमाग चलाना चाहिए था! अगर तुम्हें लगता है कि तुम एक स्टार हो, तो तुम अपने आप को बड़ा समझने लग जाते हो!
ये बात तो बहुत साधारण है! बस एक आमंत्रण था! बस एक नम्रता थी! बस एक इंसानियत थी!
और अब ये सब वायरल हो गया? तो क्या? क्या हम इसे बड़ा बनाने के लिए इतना जोर लगा रहे हैं?
अगर ये बात इतनी बड़ी है, तो फिर एमटी वासुदेवन नायर के जन्मदिन पर उनके गानों को बजाने वाले संगीतकारों को क्यों नहीं बुलाया गया?
अरे ये तो बहुत बड़ी बात है! बस एक आमंत्रण के लिए इतना शोर मचाना? बस एक नम्रता के लिए इतना बहस करना? अरे भाई, बस एक चाय पी लो और बात कर लो!
मैं तो बस यही कहना चाहता हूँ: जब तक हम इंसान बने रहेंगे, तब तक ऐसी बातें होती रहेंगी। लेकिन हम इन्हें बड़ा नहीं बना सकते!
Sai Teja Pathivada
जुलाई 28, 2024 AT 03:34ये सब एक गहरी साजिश है। जानते हो क्या? रमेश नारायण को किसी ने बताया होगा कि आसिफ अली के साथ एक विवाद बनाने से फिल्म का ट्रेलर और भी ज्यादा वायरल हो जाएगा।
और आसिफ अली? वो भी इसके लिए तैयार था। वो जानता था कि अगर वो उस स्मृति चिन्ह को ले लेगा, तो लोग उसे बदनाम कर देंगे।
लेकिन वो नहीं चाहता था कि लोग उसे बदनाम करें। वो चाहता था कि लोग उसे एक नायक बनाएं।
ये सब एक बड़ा नाटक है।
क्या आपने कभी सोचा कि ये सब किसने बनाया? फिल्म की प्रोडक्शन कंपनी? या कोई बड़ा मीडिया बॉस?
रमेश जी के बयान में भी एक बड़ी बात छिपी है। उन्होंने कहा कि उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो आमंत्रित नहीं हुए, या वो जानबूझकर नहीं आए?
मैं तो ये कहूंगा कि ये एक बड़ा राज़ है। और जो लोग इसे साधारण बात समझ रहे हैं, वो बहुत आसानी से धोखा खा रहे हैं।
इस बात को गहराई से देखो।
क्योंकि अगर ये सच है, तो हमारी सारी संस्कृति एक बड़ी झूठ के ऊपर खड़ी है।
Antara Anandita
जुलाई 28, 2024 AT 15:41रमेश जी के इस फैसले का अर्थ यह नहीं है कि वो आसिफ अली को नहीं पसंद करते। बल्कि यह उनके आत्मसम्मान का प्रतीक है।
एक संगीतकार के लिए, उनके काम का सम्मान ही सबसे बड़ी बात होती है।
ये घटना हमें याद दिलाती है कि आज के दौर में कितनी बार हम बड़े लोगों के लिए छोटे लोगों को भूल जाते हैं।
हमें इस बात को समझना चाहिए।
Gaurav Singh
जुलाई 29, 2024 AT 05:31ये विवाद बिल्कुल अजीब है... क्योंकि अगर रमेश जी ने इनकार किया, तो शायद वो आसिफ को नहीं जानते थे... या शायद वो जानते थे कि आसिफ के लिए ये एक फोटो ऑपरेशन है।
क्या आपने कभी सोचा कि आसिफ अली ने इसे जानबूझकर ऐसा किया? अगर हाँ, तो ये बहुत बुद्धिमानी भरा चालबाज़ी है।
क्योंकि अगर वो ले लेते, तो लोग कहते: आसिफ अली ने रमेश जी को अपमानित किया।
अगर वो नहीं लेते, तो लोग कहते: आसिफ अली ने रमेश जी को अपमानित किया।
अरे भाई, ये तो एक बड़ा ट्रिक है।
मैं तो यही कहूंगा: दोनों तरफ से बहुत बड़ी बुद्धि है।
अब बस ये देखना है कि कौन जीतता है।
Priyanshu Patel
जुलाई 30, 2024 AT 18:06ये तो बहुत अच्छी बात है कि रमेश जी आसिफ को फोन करने वाले हैं। ये बहुत बड़ी बात है।
हमें ऐसे लोगों को बहुत सम्मान देना चाहिए जो अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं और सुधारने की कोशिश करते हैं।
मैं तो ये चाहता हूँ कि आसिफ अली भी एक छोटा सा वीडियो बनाएं और रमेश जी को धन्यवाद दें।
ये बहुत खूबसूरत होगा।
हमें इंडियन सिनेमा को एक ऐसा आदर्श देना चाहिए जहाँ संगीत और अभिनय एक साथ चलते हैं।
मैं रमेश जी के इस फैसले को सम्मान देता हूँ।
वो नहीं चाहते कि उनका काम बस एक ट्रेलर का हिस्सा बन जाए।
ये बात बहुत गहरी है।
ashish bhilawekar
अगस्त 1, 2024 AT 01:57अरे भाई, ये तो बस एक बड़ा फैसला है! रमेश जी ने एक छोटी सी बात पर बड़ा रोमांच बना दिया! ये तो बहुत बड़ी बात है!
क्या आप जानते हैं कि रमेश जी ने अपने जीवन में एक भी फिल्म के लिए अपना गाना बेचा नहीं? वो हमेशा अपने काम का सम्मान रखते हैं!
आसिफ अली तो एक बहुत बड़े अभिनेता हैं, लेकिन क्या उन्हें याद है कि बिना संगीत के, अभिनय क्या होता है?
ये घटना बस एक छोटी सी बात है, लेकिन इसमें एक बड़ा संदेश छिपा है!
हमें अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए।
रमेश जी के लिए ये बहुत बड़ा सम्मान है।
मैं तो ये चाहता हूँ कि आसिफ अली भी एक छोटा सा वीडियो बनाएं और रमेश जी को धन्यवाद दें।
ये बहुत खूबसूरत होगा।
Vishnu Nair
अगस्त 2, 2024 AT 21:36इस घटना के पीछे एक बहुत बड़ा सामाजिक-आर्थिक ढांचा छिपा है। यह एक संस्कृति के अंतर्गत एक निर्माण की प्रक्रिया है, जिसमें आयोजन की बुनियादी संरचना में एक असंतुलन है।
रमेश नारायण के व्यवहार को एक आर्थिक निर्णय के रूप में देखा जा सकता है, जहाँ उन्होंने अपने बाजार मूल्य को बरकरार रखने के लिए एक अंतर्निहित रणनीति अपनाई है।
आसिफ अली के व्यवहार में एक सांस्कृतिक अपरिज्ञात अभिव्यक्ति देखी जा सकती है, जो एक नए जनरेशन के द्वारा निर्मित एक अलग आदर्श का प्रतिनिधित्व करती है।
यह एक सामाजिक संक्रमण का उदाहरण है, जहाँ एक जनरेशन के लिए सम्मान एक व्यक्तिगत निर्णय है, जबकि दूसरे जनरेशन के लिए यह एक निर्माण की प्रक्रिया है।
इस घटना को एक अंतर्वार्ता के रूप में देखना चाहिए, जिसमें दोनों पक्षों के बीच एक अलग भाषा और अलग अर्थव्यवस्था है।
हमें इसे एक सामाजिक अध्ययन के रूप में देखना चाहिए, जिसमें बुनियादी संरचना का विश्लेषण किया जाए।
यह बहुत गहरी बात है।
अगर हम इसे बस एक व्यक्तिगत विवाद के रूप में देखेंगे, तो हम इसके असली महत्व को नहीं समझ पाएंगे।
Kamal Singh
अगस्त 3, 2024 AT 01:25ये घटना बहुत अच्छी है। रमेश जी ने अपने सम्मान को बरकरार रखा।
हमें ऐसे लोगों को सम्मान देना चाहिए जो अपने काम के प्रति गहरा आदर रखते हैं।
आसिफ अली भी एक बहुत बड़े अभिनेता हैं। उन्हें भी ये समझना चाहिए कि संगीत भी एक कला है।
मैं तो ये चाहता हूँ कि दोनों एक साथ बैठें और एक गाना बनाएं।
ये बहुत खूबसूरत होगा।
Jasmeet Johal
अगस्त 4, 2024 AT 14:19कोई बात नहीं
Shreyas Wagh
अगस्त 6, 2024 AT 10:31इंसान बनना सीखो।
Anoop Joseph
अगस्त 6, 2024 AT 16:15रमेश जी ने बहुत सही फैसला किया। सम्मान बिना आमंत्रण के नहीं दिया जाता।
rudraksh vashist
अगस्त 8, 2024 AT 11:48हाँ, बिल्कुल। आमंत्रण ही तो सम्मान का रूप है।
Kamal Singh
अगस्त 9, 2024 AT 06:16अगर आसिफ अली भी एक छोटा सा वीडियो बना दें और रमेश जी को धन्यवाद दे दें, तो ये बहुत अच्छा होगा।
Sahaj Meet
अगस्त 9, 2024 AT 20:37हाँ, ये बहुत खूबसूरत होगा। दोनों एक साथ चाय पीते हुए बात करें।