गोवा में नाइट क्लब आग में 25 लोगों की मौत, इलेक्ट्रिक फायरक्रैकर्स कारण

गोवा में नाइट क्लब आग में 25 लोगों की मौत, इलेक्ट्रिक फायरक्रैकर्स कारण
8 दिसंबर 2025 1 टिप्पणि Kaushal Badgujar

रात के 11:45 बजे, अरपोरा के एक जीवंत नाइट क्लब में आग लग गई — और उसी रात, 25 लोगों की जान चली गई। कोई चीख नहीं, कोई चेतावनी नहीं। बस एक चमक, फिर धुआं, और फिर भगदड़। बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब का अंदाज़ था जैसे वो बस एक शाम का मज़ा लेने की जगह नहीं, बल्कि एक मौत का फंदा बन चुका था। आग इलेक्ट्रिक फायरक्रैकर्स से लगी, न कि गैस सिलेंडर के फटने से, जैसा शुरू में सोचा गया था। और ये सब तब हुआ जब क्लब में 100 से ज्यादा लोग थे — डांसर, डीजे, पर्यटक, और रोजी-रोटी के लिए आए कर्मचारी।

क्या हुआ था रात के 11:45 बजे?

जब डीजे ने एक नया गाना शुरू किया, तो डांस फ्लोर पर भीड़ और बढ़ गई। लोग नाच रहे थे, हंस रहे थे, फोटो खींच रहे थे। तभी, छत पर लगे इलेक्ट्रिक फायरक्रैकर्स की चिंगारी ने एक आवाज़ के साथ अपना काम शुरू कर दिया। फिर एक झटका। फिर धुएं का बादल। फिर आग का तूफान। CCTV फुटेज में दिखता है कि कुछ ही सेकंड में पूरा क्लब अंधेरा और चीखों से भर गया। लोग दरवाजों की ओर भागे — लेकिन वो दरवाजे छोटे थे, गलियारे संकरे थे, और एक भी आपातकालीन निकास नहीं था। बहुत से लोग ग्राउंड फ्लोर और रसोई के पास फंस गए। ज्यादातर मौतें धुएं के कारण हुईं। दम घुट गया। कोई बच नहीं पाया।

जिन लोगों की जान चली गई

मौत के शिकार में 14 कर्मचारी शामिल हैं — जिनमें से तीन झारखंड के गांवों से आए युवक थे: प्रदीप महतो (24), विनोद महतो (22), और मोहित मुंडा (22)। वो रसोई या सर्विस स्टाफ में काम करते थे। उनके परिवार कहते हैं कि वो गोवा आए थे ताकि घर की ज़िम्मेदारी निभा सकें। एक ने अपनी बहन के शिक्षा के लिए पैसे भेजने का वादा किया था। दूसरे के पिता ने अभी तक अपने बेटे की तस्वीर देखने के लिए फोन उठाने की हिम्मत नहीं की। चार पर्यटक भी शहीद हुए — जिनमें से एक बंगाल से था, एक दिल्ली से, और दो विदेशी थे। उनके परिवार अभी तक अपने बच्चों के शरीर को पहचानने के लिए अस्पताल में इंतज़ार कर रहे हैं।

क्यों हुआ ये त्रासदी?

शुरुआती रिपोर्ट में पुलिस ने गैस सिलेंडर को जिम्मेदार बताया। लेकिन फिर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने स्पष्ट किया: आग इलेक्ट्रिक फायरक्रैकर्स से लगी। और ये फायरक्रैकर्स — जो नाइट क्लब में बिना किसी अनुमति के इस्तेमाल किए जाते थे — ने एक ऐसी आग पैदा की जिसका कोई नियंत्रण नहीं था। और ये नहीं था कि ये एक अकेली गलती थी। क्लब के पास फायर डिपार्टमेंट का NOC नहीं था। आपातकालीन निकास नहीं थे। दरवाजे बंद थे। बाहर निकलने के रास्ते अवरुद्ध थे। स्थानीय पंचायत के अधिकारी भी जानते थे कि यहां नियम तोड़े जा रहे हैं — लेकिन कोई नहीं रोका।

क्या हुआ जांच के बाद?

गोवा पुलिस ने सौरभ लूथरा, नाइट क्लब के मालिक, और उनके मैनेजर के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक अधिकारी ने कहा, "ये न सिर्फ लापरवाही है — ये अपराध है।" मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया है। और उन्होंने एक बात स्पष्ट कर दी: "Fire safety rules का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।" अब गोवा के सभी नाइट क्लब, बार और एंटरटेनमेंट स्थलों का सुरक्षा ऑडिट शुरू हो गया है। एक अधिकारी ने बताया कि लगभग 87 स्थानों पर अभी तक अनुमति नहीं है — लेकिन वो खुले हैं।

क्या बदलेगा अब?

इस हादसे के बाद गोवा के लोगों के बीच एक बदलाव की लहर दौड़ रही है। पर्यटक अब नाइट क्लब में जाने से डर रहे हैं। स्थानीय युवा कहते हैं, "हम नाचने के लिए नहीं, बचने के लिए आते थे।" एक ट्रांसपोर्ट वर्कर ने कहा, "हमने इस तरह की घटना बहुत बार सुनी है — लेकिन कभी इतनी बड़ी नहीं।" आज गोवा के लोग सिर्फ एक क्लब के बारे में नहीं सोच रहे। वो उन सभी जगहों के बारे में सोच रहे हैं जहां लोग आजादी से मस्ती करते हैं — लेकिन जहां सुरक्षा एक बातचीत का विषय नहीं, बल्कि एक अनदेखी बात है।

परिवारों की अब क्या हालत है?

प्रदीप महतो की मां ने अभी तक उनके शरीर को नहीं देखा। उन्होंने कहा, "मैंने उसकी आवाज़ तक नहीं सुनी।" विनोद के पिता ने अपने बेटे का फोन अभी तक नहीं उठाया। उनके पास एक अंतिम संदेश है — "मम्मी, मैं जल्दी घर आऊंगा।" इस बार वो नहीं आए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

इलेक्ट्रिक फायरक्रैकर्स क्यों खतरनाक हैं?

इलेक्ट्रिक फायरक्रैकर्स बिना अनुमति के इस्तेमाल करना अक्सर बिजली के तारों को ओवरलोड कर देता है, खासकर पुराने या अनुपयुक्त वायरिंग वाली जगहों पर। इनकी चिंगारी 1000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकती है, जो फर्श, छत और डेकोरेशन को तुरंत जला सकती है। इस घटना में, ये फायरक्रैकर्स छत पर लगे थे — जहां धुआं फैलने के लिए आसान रास्ता था।

क्लब के पास NOC क्यों नहीं था?

जांच में पता चला कि क्लब ने फायर डिपार्टमेंट के लिए आवेदन तो किया था, लेकिन उसकी जांच नहीं हुई। स्थानीय पंचायत के कुछ अधिकारी बार-बार आए, लेकिन उन्होंने कोई शिकायत नहीं दर्ज की। ऐसे कई क्लब नियम तोड़कर चल रहे हैं, क्योंकि नियम लागू होने की जगह, बहाने बन जाते हैं।

गैर-इरादतन हत्या का मामला क्यों दर्ज किया गया?

ये ऐसा मामला है जहां जानबूझकर कोई मार नहीं गया, लेकिन लापरवाही के कारण लोग मर गए। जब कोई जानता है कि नियम तोड़ने से खतरा हो सकता है, फिर भी उसे नज़रअंदाज़ कर देता है — तो वो आपराधिक लापरवाही होती है। इस मामले में, नियमों का खुला उल्लंघन और आपातकालीन निकास का अभाव इसे गैर-इरादतन हत्या बना देता है।

गोवा के अन्य क्लबों की स्थिति कैसी है?

अभी तक 87 नाइट क्लब और बारों की जांच हुई है, और उनमें से 42 के पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं है। कई जगहों पर आपातकालीन निकास बंद हैं, या फिर उन पर चाबी लगी है। कुछ ने बस एक छोटा सा दरवाजा लगाकर नियम पूरा कर लिया है — लेकिन वो दरवाजा एक व्यक्ति के लिए भी अटक जाता है।

इस घटना के बाद क्या बदलाव आएगा?

मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सभी क्लबों का सुरक्षा ऑडिट अब अनिवार्य होगा, और अगर कोई नियम तोड़ता है, तो उसकी लाइसेंस तुरंत रद्द कर दी जाएगी। एक नया डिजिटल सिस्टम भी लाया जा रहा है, जहां क्लब अपनी सुरक्षा रिपोर्ट ऑनलाइन अपलोड करेंगे। लेकिन असली बदलाव तब होगा जब लोग अपने आसपास की जगहों की सुरक्षा के बारे में सवाल पूछना शुरू कर देंगे।

1 टिप्पणि

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    Ganesh Dhenu

    दिसंबर 8, 2025 AT 18:57

    ये सब सिर्फ एक क्लब की बात नहीं है। हर शहर में ऐसे ही स्थान हैं जहां लोग बिना सोचे नाचते हैं, लेकिन सुरक्षा किसी की चिंता नहीं।

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