IAS प्रशिक्षण के दौरान विवादों में घिरी पूजा खेडकर, पुणे से वाशिम तबादला किया गया

IAS प्रशिक्षण के दौरान विवादों में घिरी पूजा खेडकर, पुणे से वाशिम तबादला किया गया जुल॰, 10 2024

डॉ. पूजा खेडकर का विवादित कार्यकाल

2023-बैच की IAS अधिकारी डॉ. पूजा खेडकर अपने छोटे सफर में ही बड़े विवादों में घिर गई हैं। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया है। यह कदम उनके ऊपर लगे सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों के मद्देनजर उठाया गया है। खेडकर पुणे कलेक्टर कार्यालय में प्रशिक्षण अधिकारी के रूप में नियुक्त की गई थीं, लेकिन उन्होंने वहां कई विवादस्पद मांगे की थीं।

प्रशासनिक सीमा का उल्लंघन

IAS अधिकारी प्रशिक्षण के दौरान आमतौर पर कई सीमाओं का पालन करते हैं। लेकिन डॉ. खेडकर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई ऐसी मांगें की जो सामान्यत: प्रोबेशनरी अधिकारियों के लिए स्वीकृत नहीं होतीं। उन्होंने अपने लिए एक अलग केबिन, कर्मचारी, वीआईपी नंबर प्लेट वाली गाड़ी और आवासीय सुविधाओं की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर 'महाराष्ट्र सरकार' का बोर्ड और लाल-नीली बीकन लाइट लगाई, जो उच्च रैंकिंग अधिकारियों के लिए आरक्षित होती है।

अन्य अधिकारियों का स्थानांतरण और नामपट्टिका का विवाद

अन्य अधिकारियों का स्थानांतरण और नामपट्टिका का विवाद

खेडकर का विवाद सिर्फ यही तक नहीं रुका। उन्होंने अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के अंडर तक के कमरे का भी कब्जा कर लिया और उसके सामान को हटाकर वहां अपना नामपट्टिका स्थापित कर दी। इसके बाद, कलेक्टर कार्यालय के कर्मचारियों पर उनका पिता, सेवानिवृत्त IAS अधिकारी दिलीप खेडकर ने भी दबाव डाला। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कर्मचारियों को धमकी दी कि अगर उनकी बेटी की मांगें पूरी नहीं की गईं, तो इसके परिणामस्वरूप गंभीर प्रतिफल झेलने पड़ सकते हैं।

आईएएस अधिकारियों की प्रतिक्रिया

कई वरिष्ठ IAS अधिकारियों ने उनकी इन गतिविधियों की कड़ी आलोचना की है। उनका मानना है कि प्रोबेशनरी अधिकारी के लिए ऐसी मांगे करना असामान्य और अनुचित है। इसके बावजूद, डॉ. खेडकर ने अपनी मांगों को लेकर कोई समझौता नहीं किया और प्रशासनिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करती रहीं।

प्रशासनिक कारण से तबादला

प्रशासनिक कारण से तबादला

महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि डॉ. खेडकर को प्रशासनिक कारणों से वाशिम जिला के सुपरन्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में तबादला किया गया है। वह इस पद पर 30 जुलाई 2025 तक कार्य करेंगी। इसके साथ ही राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों ने यह चेतावनी भी दी है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि आगे कोई भी अधिकारी इस तरह का आचरण न करे।

डॉ. पूजा खेडकर की योग्यता और पृष्ठभूमि

डॉ. पूजा खेडकर ने UPSC परीक्षा में 841वीं रैंक प्राप्त की थी और उन्होंने OBC नॉन-क्रीमी लेयर कैटेगरी में परीक्षा दी थी। हालांकि, उनके पिता की संपत्ति करीब ₹40 करोड़ होने के बावजूद, यह निर्णय विवादित बना रहता है। उनके पिता, दिलीप खेडकर, एक सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं और उनकी यह विशेषाधिकारों की मांग उसी पृष्ठभूमि के कारण मानी जा रही है।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

डॉ. पूजा खेडकर का स्थानांतरण उनके विवादित कार्यकाल का परिणाम है। यह घटनाक्रम प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष कई प्रश्न खड़े करता है। क्या यह सत्ता का दुरुपयोग था या एक नौजवान अधिकारी की आकांक्षा? इन प्रश्नों का उत्तर आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा। लेकिन इस घटना से स्पष्ट हो गया है कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं और अनुशासन का पालन करना हर अधिकारी के लिए अनिवार्य है।

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