पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में एज़्रा फ्रैच और जेडिन ब्लैकवेल ने जीते स्वर्ण पदक

पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में एज़्रा फ्रैच और जेडिन ब्लैकवेल ने जीते स्वर्ण पदक
5 सितंबर 2024 17 टिप्पणि Kaushal Badgujar

पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में अमेरिकी सितारों का दबदबा

पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में जिस समय एथलीट्स ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, वहीं दो अमेरिकी खिलाड़ियों, एज़्रा फ्रैच और जेडिन ब्लैकवेल ने स्वर्ण पदक जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित किया। ये दोनो एथलीट्स अपनी-अपनी श्रेणियों में न केवल उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि उन्होंने एक नई प्रेरणा भी जगाई।

एज़्रा फ्रैच का अद्वितीय प्रदर्शन

लॉस एंजेलिस, कैलिफोर्निया से 19 वर्षीय एज़्रा फ्रैच ने टी63 वर्ग में ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 1.94 मीटर (6 फीट 4 ½ इंच) की छलांग लगाते हुए नया पैरालंपिक उच्च कूद रिकॉर्ड स्थापित किया। शुरुआत से ही एज़्रा जीवन में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उनका जन्म जटिल अंग भिन्नताएं (congenital limb differences) के साथ हुआ था। लेकिन इन शारीरिक चुनौतियों ने उन्हें कभी रोका नहीं, बल्कि और अधिक मजबूत और प्रेरणादायी बना दिया।

एज़्रा अपनी साहसिकता के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं। वे एंजेल सिटी स्पोर्ट्स और एंजेल सिटी गेम्स के संस्थापक हैं, जो हर साल विकलांग एथलीट्स के लिए बहु-खेल प्रतियोगिता आयोजित करता है। इसके अलावा, एज़्रा एक प्रेरक वक्ता भी हैं और उन्हें एडेप्टिव स्पोर्ट्स में उनके योगदान के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है।

जेडिन ब्लैकवेल की अद्वितीय सफलता

पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में 20 वर्षीय जेडिन ब्लैकवेल ने भी अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीता। उन्होंने टी38 वर्ग में 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता। जेडिन का रास्ता भी मुश्किलों से भरा था, लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। उनकी दौड़ में गति और धैर्य का अद्भुत मेल देखने को मिला।

जेडिन की इस शानदार जीत ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत गर्व दिलाया, बल्कि उन्होंने टीम USA के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी इस जीत ने यह सिद्ध किया कि प्रतिबद्धता और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

खेल और प्रेरणा का अद्भुत संगम

खेल और प्रेरणा का अद्भुत संगम

एज़्रा फ्रैच और जेडिन ब्लैकवेल के इस अद्वितीय प्रदर्शन ने साबित किया है कि खेल सिर्फ शारीरिक कठिनाइयों को पार करने का साधन नहीं, बल्कि आत्म-विश्वास और प्रेरणा का भी सबसे बड़ा स्त्रोत है। दोनों खिलाड़ियों की कहानियाँ आज भी उन लाखों लोगों को प्रेरित कर रही हैं जो जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं।

पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में टीम USA के लिए यह दो स्वर्ण पदक इस बात की गवाही देते हैं कि कठिनाईयों के बावजूद भी अगर दिल में जज्बा और हौंसला हो तो किसी भी ऊँचाई को छुआ जा सकता है। एज़्रा और जेडिन ने न सिर्फ अपने देश का नाम रोशन किया, बल्कि लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन गए हैं।

भविष्य की ओर

भविष्य की ओर

एज़्रा फ्रैच और जेडिन ब्लैकवेल की ये कहानियाँ इस बात की मिसाल हैं कि अगर आपमें आत्म-विश्वास और मेहनत है तो आप किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं। दोनों खिलाड़ियों ने यह साबित किया है कि विकलांगता जीवन का अंत नहीं है, बल्कि यह एक नई शुरुआत का मौका हो सकती है। आशा है कि आने वाले समय में और भी कई एथलीट्स उनकी तरह प्रेरणा ले कर अपने सपनों को पूरा करेंगे।

17 टिप्पणि

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    rudraksh vashist

    सितंबर 6, 2024 AT 22:24
    ये दोनों लड़के तो बस जीत गए नहीं, दुनिया के दिल जीत गए। जिंदगी में कुछ भी असंभव नहीं है, बस थोड़ा हौसला चाहिए।
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    Archana Dhyani

    सितंबर 7, 2024 AT 20:28
    मुझे लगता है कि ये सब बहुत रोमांचक है, लेकिन आखिर ये सारी चीजें किसके लिए हैं? क्या ये खिलाड़ी असली तौर पर इतने अद्वितीय हैं या फिर ये सब सिर्फ मीडिया का बनाया हुआ ड्रामा है? मुझे लगता है कि हम बहुत ज्यादा एमोशनल रिएक्शन दे रहे हैं।
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    Guru Singh

    सितंबर 7, 2024 AT 20:45
    एज़्रा के लिए ऊंची कूद में 1.94 मीटर एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। टी63 वर्ग में ये रिकॉर्ड 2016 के बाद से सबसे बड़ा बढ़ोत्तरी है। उनके लिए डिज़ाइन किए गए प्रोथेटिक्स का भी बहुत बड़ा योगदान है।
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    Sahaj Meet

    सितंबर 8, 2024 AT 01:37
    भाई ये दोनों लड़के तो हमारे देश के लिए भी बहुत बड़ी बात है। हम भी इतना जोश लेकर खेल सकते हैं। जब मैं बच्चा था, तो मैंने भी कभी ऊंची कूदने की कोशिश की थी, लेकिन डर लग गया। इन लोगों ने डर को हरा दिया।
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    Madhav Garg

    सितंबर 8, 2024 AT 21:58
    इनकी कहानियाँ बहुत प्रेरक हैं। लेकिन ये सब अमेरिका के लिए अच्छा है। हमारे देश में भी ऐसे खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें कोई नहीं देखता। हमारी सरकार को इस तरह के खेलों को ज्यादा समर्थन देना चाहिए।
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    Sumeer Sodhi

    सितंबर 9, 2024 AT 02:57
    अरे ये सब बहुत अच्छा है, लेकिन अगर आप बस इतना ही देख रहे हैं कि वो विकलांग हैं तो आप गलत हैं। वो एथलीट हैं, न कि रोहित शर्मा के बराबर जो बहुत अच्छा खेलता है। इनकी जीत का मतलब ये नहीं कि आप भी विकलांग होकर जीत सकते हैं।
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    Vinay Dahiya

    सितंबर 10, 2024 AT 19:29
    ये सब बहुत अच्छा है... लेकिन... क्या आपने कभी सोचा है कि इन खिलाड़ियों के लिए जो ट्रेनिंग और इक्विपमेंट है, वो कितना महंगा होगा? क्या ये सब वास्तविक नहीं है? क्या ये सिर्फ एक बड़ा प्रचार है? बस एक बार सोच लो।
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    Sai Teja Pathivada

    सितंबर 12, 2024 AT 04:30
    इन दोनों की जीत के पीछे कोई बड़ा राज़ है। मैंने सुना है कि अमेरिका ने इन खिलाड़ियों को गुप्त रूप से न्यूरो-स्टिम्युलेशन ट्रीटमेंट दिया है। ये सब एक बड़ा नियो-लैब एक्सपेरिमेंट है। ये खिलाड़ी असल में इंसान नहीं हैं।
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    Antara Anandita

    सितंबर 12, 2024 AT 15:01
    जेडिन की 400 मीटर की दौड़ में उनका टेक्निकल फॉर्म बहुत शानदार था। उनके ट्रैक स्ट्राइड की लंबाई और बॉडी अलाइनमेंट ने उन्हें अन्य प्रतियोगियों से आगे निकाल दिया। ये एक बहुत अच्छा उदाहरण है कि कैसे टेक्निकल परफेक्शन बहुत बड़ा अंतर ला सकता है।
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    Gaurav Singh

    सितंबर 14, 2024 AT 03:36
    क्या ये सब असली है या फिर ये भी एक बड़ा स्पॉन्सर्ड ड्रामा है? मुझे तो लगता है कि जब तक आपके पास बैंक बैलेंस नहीं है, तब तक आप ये सब नहीं कर सकते। इन लोगों को जो मदद मिली, वो हमारे यहाँ किसी भी खिलाड़ी को नहीं मिलती।
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    Priyanshu Patel

    सितंबर 15, 2024 AT 11:27
    मैं तो इन दोनों को देखकर रो पड़ा। जब एज़्रा ने वो ऊंची कूद लगाई, तो मेरा दिल दहल गया। ये बस खेल नहीं है, ये तो जिंदगी का एक अलग अर्थ है। जिंदगी जीने का तरीका सिखा दिया।
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    ashish bhilawekar

    सितंबर 15, 2024 AT 13:19
    अरे भाई ये दोनों लड़के तो जीवन के बादलों को चीरकर सूरज दिखा गए! ये नहीं कि वो खेल रहे हैं, ये तो दुनिया को चेतावनी दे रहे हैं कि डर क्या है? ये लोग तो बस जीते नहीं, बल्कि जिये भी रहे हैं। बस जीते नहीं, बल्कि बाजी लगाए हैं!
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    Vishnu Nair

    सितंबर 16, 2024 AT 15:57
    इनकी जीत के पीछे एक बहुत बड़ा सिस्टम है। अमेरिका में एडेप्टिव स्पोर्ट्स के लिए फेडरल फंडिंग और रिसर्च ग्रांट्स का बहुत बड़ा बजट है। ये एक इन्फ्रास्ट्रक्चरल इकोसिस्टम है जिसमें न्यूरोलॉजिस्ट, बायोमेकेनिकल इंजीनियर्स, और स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट एक साथ काम करते हैं। हमारे यहाँ तो बस एक ट्रेनर और एक बाल्टी भर पानी है।
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    Kamal Singh

    सितंबर 17, 2024 AT 01:25
    इन दोनों की कहानियाँ बहुत बड़ी हैं। लेकिन जब तक हम अपने बच्चों को ये नहीं सिखाएंगे कि विकलांगता एक दोष नहीं है, तब तक ये जीत सिर्फ एक जीत ही रहेगी। हमें इन खिलाड़ियों को अपना बनाना होगा।
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    Jasmeet Johal

    सितंबर 18, 2024 AT 10:19
    ये सब बहुत अच्छा है लेकिन क्या ये असली है
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    Shreyas Wagh

    सितंबर 18, 2024 AT 13:45
    जीत नहीं, जीवन का अर्थ ढूंढना। ये दोनों ने जो किया, वो एक विकलांगता नहीं, एक विजय है।
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    Pinkesh Patel

    सितंबर 20, 2024 AT 09:47
    ये सब बहुत अच्छा है लेकिन अगर तुम्हारे पास ट्रेनिंग नहीं है तो तुम भी नहीं जीत सकते। इनके पास तो सब कुछ है। ये तो बस एक बड़ा लक्जरी इवेंट है।

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