पीएम मोदी ने कोयंबटूर से जारी की पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त, 9 करोड़ किसानों को मिले 18,000 करोड़ रुपये

पीएम मोदी ने कोयंबटूर से जारी की पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त, 9 करोड़ किसानों को मिले 18,000 करोड़ रुपये
20 नवंबर 2025 3 टिप्पणि Kaushal Badgujar

दोपहर 2 बजे, कोयंबटूर के एक छोटे से मैदान में, नरेंद्र मोदी ने बस एक बटन दबाया — और देश के 9 करोड़ किसानों की झोली भर गई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त, जिसमें 18,000 करोड़ रुपये की राशि सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर की गई, आज एक ऐसा पल था जिसे किसानों ने सिर्फ एक बैंक नोटिफिकेशन के रूप में नहीं, बल्कि जिंदगी बचाने वाली जान बचाने वाली राहत के रूप में महसूस किया। ये नहीं कि कोई बड़ी घोषणा हुई — बस एक बटन, एक डीबीटी, और एक गांव का बाप जिसने आज अपने बेटे के लिए दवा खरीदने का फैसला किया।

किसानों के लिए ये 2,000 रुपये क्यों इतने बड़े हैं?

2,000 रुपये सुनकर कोई सोच सकता है — बस इतना? लेकिन जब आप जानते हैं कि एक छोटे किसान की एक फसल की लागत 15,000-20,000 रुपये होती है, तो ये 2,000 रुपये उसकी बचत का एक टुकड़ा बन जाते हैं। ये बीज, खाद, या बस बच्चों के लिए एक नया बैग हो सकता है। इस बार तो कुछ किसानों के खातों में 7,000 रुपये भी आए — जम्मू-कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों के लिए अतिरिक्त सहायता। अधिकारी तरुण प्रताप सिंह ने बताया, "ये अतिरिक्त राशि उनकी जरूरतों के हिसाब से दी गई है।" ये नीति नहीं, इंसानियत है।

क्यों कोयंबटूर? क्यों अब?

कोयंबटूर का चुनाव याद दिलाता है कि ये योजना सिर्फ उत्तर भारत के लिए नहीं है। तमिलनाडु में 1.2 करोड़ किसान इस योजना के लाभार्थी हैं — और यहां के किसानों के लिए ये राशि बारिश के बिना भी फसल लगाने का आधार बनती है। 21वीं किस्त का आयोजन 19 नवंबर 2025 को किया गया, जो 20वीं किस्त (2 अगस्त 2025, वाराणसी) के बाद सिर्फ तीन महीने के अंतराल में आई। ये गति नई नहीं — लेकिन इस बार ये तेज़ी बाजार की अस्थिरता और बढ़ती फसल लागत के बीच एक संकेत है।

उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ किसानों की किस्त अटकी

लेकिन यहां एक बड़ा दरार है। उत्तर प्रदेश में 2 करोड़ 64 लाख किसान योजना के लाभार्थी हैं, लेकिन लगभग 1 करोड़ के खातों में पैसा नहीं आया। कारण? e-KYC पूरा नहीं हो पाना। आधार कार्ड, बैंक खाता, भूमि प्रमाणपत्र — सब कुछ तैयार है, लेकिन डिजिटल प्रक्रिया में एक गलती या एक बार भी लॉग इन न कर पाना — और पैसा अटक जाता है। अधिकारियों का कहना है कि जिनके खातों में डेटा अपडेट नहीं हुआ, उन्हें 15 दिसंबर तक अपडेट करना होगा। लेकिन एक बाबू भाई कहते हैं, "मैं अपने बेटे के फोन से लॉग इन करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन ये स्क्रीन मुझे डरा रही है।"

योजना का इतिहास: 2019 से आज तक

योजना का इतिहास: 2019 से आज तक

24 फरवरी 2019 को शुरू हुई ये योजना, अब तक 1,26,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि देश के किसानों के खातों में पहुंचाचुकी है। ये सिर्फ पैसा नहीं — ये एक वादा है। एक वादा जिसने गांवों में आशा की नई लहर लाई। एक खेती करने वाले किसान को अब ये लगता है कि देश उसे भूला नहीं। ये योजना ने किसानों को एक ऐसा सांस दिया जिसकी वह भूख थी — आर्थिक सुरक्षा का।

क्या अगली किस्त और भी बड़ी होगी?

अगली किस्त 15 फरवरी 2026 को आने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि इस बार योजना के लिए बजट में 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है। लेकिन सवाल ये है — क्या ये राशि अब भी बरकरार रहेगी? जब आम आदमी की खरीदारी शक्ति घट रही है, तो ये ट्रांसफर न सिर्फ किसानों के लिए बल्कि पूरे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक जीवनरेखा है। विश्लेषक डॉ. अनिल कुमार कहते हैं, "जब एक किसान 2,000 रुपये लेता है, तो वह उसे गांव के दुकानदार को देता है। दुकानदार उसे अपने बच्चे के लिए बुक खरीदने में लगाता है। ये एक चक्र है — और ये चक्र अगर टूटेगा, तो गांव भी टूटेगा।"

किसानों के लिए अगले कदम

किसानों के लिए अगले कदम

केंद्र सरकार ने अब तक 21 किस्तें जारी कर दी हैं। लेकिन अब बारी है उन लोगों की, जिन्हें ये पैसा नहीं मिला। अगर आपका नाम लिस्ट में है, लेकिन पैसा नहीं आया — तो आपको अभी भी समय है। कृषि मंत्रालय ने एक नया हेल्पलाइन नंबर 155261 जारी किया है। आप अपने बैंक अकाउंट के साथ आधार नंबर भेज सकते हैं। ये नहीं कि आपको जानकारी ढूंढनी है — ये आपके लिए आ रही है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पीएम किसान योजना के लिए क्या पात्रता है?

केवल छोटे और सीमांत किसान परिवार, जिनके पास 2 एकड़ से कम भूमि है, योजना के लाभार्थी होते हैं। आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र शामिल हैं। यदि आप जमीन के नाम पर नाम नहीं हैं, तो आप योग्य नहीं हैं।

21वीं किस्त कब तक आएगी अगर मेरा e-KYC अधूरा है?

अगर आपका e-KYC पूरा नहीं हुआ है, तो आपकी किस्त अटक सकती है। हालांकि, कृषि मंत्रालय ने 15 दिसंबर 2025 तक की अवधि दी है। इस दौरान आप अपना डेटा पोर्टल pmkisan.gov.in पर अपडेट कर सकते हैं। अगर आप टेक्नोलॉजी से डरते हैं, तो अपने गांव के किसान केंद्र या बैंक शाखा पर जाएं — वहां मदद मिलेगी।

क्या जम्मू-कश्मीर के किसानों को अलग से अतिरिक्त राशि मिली?

हां। अक्टूबर 2025 में बाढ़ के बाद जम्मू-कश्मीर के लगभग 46.62 लाख किसानों को अतिरिक्त 5,000 रुपये की राशि भी ट्रांसफर की गई। इससे उनकी कुल राशि 7,000 रुपये हो गई। ये एक अनौपचारिक नीति नहीं, बल्कि आपातकालीन सहायता का एक नमूना है।

क्या ये योजना अगले साल भी जारी रहेगी?

हां। केंद्र सरकार ने वादा किया है कि ये योजना आने वाले 5 साल तक जारी रहेगी। 2026-27 के बजट में इसके लिए 1,15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ये एक राजनीतिक वादा नहीं, बल्कि देश के अन्नदाताओं के लिए एक स्थायी सुरक्षा जाल है।

क्या अगर मैं एक बैंक खाता बदल दूं, तो क्या पैसा आएगा?

हां, लेकिन आपको नया बैंक खाता और आधार नंबर जोड़ना होगा। आप अपना बैंक खाता अपडेट करने के लिए pmkisan.gov.in पर जाकर "Update Bank Account" पर क्लिक कर सकते हैं। आपका नया खाता अपडेट होने के बाद ही आगे की किस्तें आएंगी। ये प्रक्रिया 3-5 दिन लगती है।

क्या ये योजना केवल खेती करने वालों के लिए है?

नहीं। यह योजना किसी भी ऐसे परिवार के लिए है जो भूमि के नाम पर खेती करता है, चाहे वह खुद खेती न कर रहा हो। अगर आपके नाम पर जमीन है और आप उसे किराए पर दे रहे हैं, तो आप भी लाभार्थी हैं। लेकिन अगर आप भूमि के नाम पर नहीं हैं, तो आप नहीं हैं।

3 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Arvind Pal

    नवंबर 20, 2025 AT 15:21

    2000 रुपये सिर्फ पैसा नहीं बल्कि एक सांस है

  • Image placeholder

    Chandan Gond

    नवंबर 20, 2025 AT 22:28

    भाई ये योजना तो जिंदगी बचा रही है! मेरे गांव के एक दादा ने कल कहा - अब मेरे बेटे की दवा का खर्चा निकल जाएगा। बटन दबाया तो बैंक में पैसा आ गया, लेकिन उनकी आंखों में आंसू आ गए। ये नीति नहीं, इंसानियत है।

  • Image placeholder

    rakesh meena

    नवंबर 21, 2025 AT 20:08

    अगली किस्त 20000 करोड़ तो बड़ी होगी

एक टिप्पणी लिखें