प्रसिद्ध टीवी अभिनेता विकास सेठी का निधन: हार्ट अटैक से हुई मौत
प्रसिद्ध टीवी अभिनेता विकास सेठी का निधन
टीवी जगत के नामी अभिनेता विकास सेठी का शनिवार रात को हार्ट अटैक से निधन हो गया। 48 वर्ष के सेठी, जिन्होंने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी', 'कहीं तो होगा', और 'ससुराल सिमर का' जैसे धारावाहिकों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया था, उनकी असमय मौत ने पूरी मनोरंजन इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया है।
नाशिक में हुआ अंतिम समय
सेठी नाशिक में एक पारिवारिक कार्यक्रम के लिए गए हुए थे। वहीं पर शनिवार रात को उन्हें हार्ट अटैक हुआ। पहले उन्हें उल्टी और दस्त की शिकायत हुई थी, लेकिन वे अस्पताल नहीं जाना चाहते थे। डॉक्टर को घर बुलाया गया, लेकिन अगली सुबह उन्हें मृत पाया गया।
मुंबई में अंतिम संस्कार
उनका पार्थिव शरीर मुंबई के कूपर अस्पताल भेजा गया है, जहाँ पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। अंतिम संस्कार सोमवार को मुंबई में ही होगा।
फिल्म और टीवी में अद्वितीय योगदान
विकास सेठी ने न केवल टीवी धारावाहिकों में, बल्कि फिल्मों में भी अपनी पहचान बनाई थी। 'कभी खुशी कभी गम' में करीना कपूर खान के किरदार पू के दोस्त रॉबी का किरदार निभाने वाले सेठी को दर्शकों ने खुले दिल से सराहा था। इसके अलावा उन्होंने 'दीवानापन' और 2019 की तेलुगु हिट 'आईस्मार्ट शंकर' में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई थीं।
टीवी धारावाहिकों के यादगार चेहरे
'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के अलावा, सेठी 'कसौटी ज़िंदगी के', 'उत्तरन' और 'गीत हुई सबसे पराई' जैसे अन्य धारावाहिकों का भी हिस्सा थे। उनकी अद्वितीय अदाकारी और किरदारों की विविधता ने उन्हें घर-घर में पहचाना बनाया था।
परिवार और निजी जीवन
विकास सेठी के परिवार में उनकी पत्नी जान्हवी सेठी और उनके दो जुड़वाँ बेटे हैं, जिनका जन्म 2021 में हुआ था। उनकी मौत का समाचार सुनकर पूरा परिवार उदास है।
मनोरंजन जगत में शोक की लहर
सेठी के निधन की खबर से पूरी मनोरंजन इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। सहकर्मी अभिनेताओं और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। हिटेन तेजवानी, नविना बोले, सुय्यश राय, आलिम हकीम और राखी सावंत जैसे कई कलाकारों ने अपनी शोक संवेदनाएँ जाहिर की हैं।
यादगार क्षण
हालांकि सेठी कुछ समय से अभिनय की दुनिया से दूर थे, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार और उनकी अदाकारी दर्शकों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी। उनकी यादें और योगदान मनोरंजन जगत के लिए अनमोल धरोहर रहेगी।
निष्कर्ष
विकास सेठी का जाना भारतीय टीवी इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा नुक़सान है। वे एक उत्कृष्ट अभिनेता थे जिनकी अदाकारी और किरदार हमेशा हमारे दिलों में बसे रहेंगे। उनके परिवार और दोस्तों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।
Archana Dhyani
सितंबर 10, 2024 AT 07:21विकास सेठी की अदाकारी ने तो हम सबके घरों में एक अलग ही ऊर्जा भर दी थी। उनकी हर बात, हर नज़र, हर सांस एक कला थी। जब वो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में अपने आँखों से दर्द बयां करते थे, तो लगता था जैसे वो हमारे अपने परिवार के किसी रिश्तेदार को देख रहे हों। उनकी मौत सिर्फ एक अभिनेता का नुकसान नहीं, बल्कि एक पीढ़ी के अनुभव का अंत है। उन्होंने टीवी को बस एक मनोरंजन का जरिया नहीं, बल्कि एक सामाजिक दर्पण बना दिया।
कला के इस अनमोल तत्व को खोने का दर्द अभी भी ठीक से समझ में नहीं आ रहा। उनके बिना अब कोई भी धारावाहिक अधूरा लगेगा। जिन लोगों ने उनके साथ काम किया, उनके लिए ये एक गहरा व्यक्तिगत नुकसान है। उनकी अदाकारी में एक अजीब सी गहराई थी - जैसे वो हर किरदार के अंदर अपनी आत्मा का एक टुकड़ा छोड़ जाते थे।
हम जिस तरह से बॉलीवुड के बड़े अभिनेताओं को याद करते हैं, उसी तरह अब विकास सेठी को भी याद करना होगा। उनके किरदार अब जिंदा हैं - हर रात जब कोई बच्चा उनकी बातें दोहराता है, तो वो फिर से जी उठते हैं।
Guru Singh
सितंबर 11, 2024 AT 08:23हार्ट अटैक के बाद घर पर रहने का फैसला बहुत खतरनाक था। जब तक डॉक्टर नहीं बुलाए गए, तब तक देर हो चुकी थी। अगर उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया जाता, तो शायद बच जाते। ये एक बहुत बड़ी लापरवाही थी।
Sahaj Meet
सितंबर 11, 2024 AT 21:41भाई विकास सेठी तो असली टीवी लीजेंड हैं। जब मैं छोटा था, तो हर शाम 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' देखते थे - और फिर उनकी बातें दोहराते थे। उनकी आवाज़ ने तो हमारे घर का तापमान बदल दिया था। अब तो वो दिखते ही नहीं, लेकिन उनकी यादें अभी भी घर में घूम रही हैं। जब भी कोई बोलता है 'सास बहू के साथ नहीं बनता', तो मुझे वो चेहरा याद आ जाता है। शायद वो अब एक और धारावाहिक में नए किरदार में आ गए होंगे। 🙏
Madhav Garg
सितंबर 12, 2024 AT 23:43विकास सेठी की अदाकारी का एक विशिष्ट पहलू ये था कि वो हर किरदार को एक अलग आवाज़ देते थे। उनके लिए अभिनय सिर्फ बोलना नहीं, बल्कि एक जीवन बनाना था। उनके किरदारों में एक असली आत्मा थी - जो आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई है। उनकी मौत ने टीवी इंडस्ट्री का एक अनमोल टुकड़ा छीन लिया है।
क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि उनकी हर बात के बाद वो एक छोटी सी सांस लेते थे? वो सांस बताती थी कि वो किरदार के भीतर असली दर्द महसूस कर रहे हैं। ये तकनीक किसी ने नहीं सिखाई - ये उनकी अपनी आत्मा का उपहार था।
Sumeer Sodhi
सितंबर 13, 2024 AT 19:12ये लोग अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखते। बस बाहर जाते हैं, खाते हैं, नींद नहीं लेते, और फिर हार्ट अटैक हो जाता है। अगर वो थोड़ा भी खुद का ध्यान रखते, तो अभी जिंदा होते। अपनी आत्मा के लिए तो बहुत लोग तैयार हैं, लेकिन शरीर के लिए कोई नहीं।
उनके बारे में बहुत भावुकता दिखाई जा रही है, लेकिन क्या इतने लोग अपने पिता के लिए भी इतना दुख महसूस करते हैं? जब तक आप खुद का ख्याल नहीं रखेंगे, तब तक दूसरों की मौत पर रोने का मतलब क्या?
Vinay Dahiya
सितंबर 13, 2024 AT 19:37ये सब बहुत भावुक है... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये सब बस एक टीवी अभिनेता है? ये लोग अपनी नौकरी करते हैं, नहीं तो वो भी एक आम इंसान हैं। उनकी मौत दुखद है, लेकिन इतना बड़ा शोक क्यों? अगर ये एक डॉक्टर या एक शिक्षक मर गया होता, तो क्या इतना शोर मचता?
मुझे लगता है, ये सब बस एक ट्रेंड है - जो लोग अपनी भावनाएँ दिखाना चाहते हैं, वो इस तरह के मामलों का फायदा उठा रहे हैं।
Sai Teja Pathivada
सितंबर 15, 2024 AT 15:28ये सब बहुत अच्छा है... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये मौत बस एक शुरुआत है? मैंने एक डॉक्टर से बात की - उसने कहा कि अब तक के सभी टीवी अभिनेताओं की मौतों में एक समान बीमारी थी - जो बहुत से लोगों को नहीं पता। ये सब एक बड़ा नेटवर्क है। जब आप अपनी आवाज़ को बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो आपका दिल उसके लिए तैयार नहीं होता। ये बस एक आम बात नहीं है - ये एक साजिश है।
क्या आप जानते हैं कि कितने अभिनेता अपनी आवाज़ के लिए दवाएँ लेते हैं? ये दवाएँ दिल को कमजोर कर देती हैं। और अगर आप एक डॉक्टर नहीं बुलाते, तो ये दवाएँ आपको नष्ट कर देती हैं। ये सब एक बड़ा अंधेरा नेटवर्क है - और विकास सेठी इसका शिकार बन गए। 😔
Antara Anandita
सितंबर 16, 2024 AT 15:58विकास सेठी के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है, लेकिन कम लोग जानते हैं कि वो अपने बच्चों के लिए भी बहुत अच्छे पिता थे। उन्होंने अपने जुड़वाँ बेटों के लिए एक बहुत ही खास बात की थी - वो उन्हें हर रात एक कहानी सुनाते थे, जो उनके खुद के लिए लिखी गई थी। ये कहानियाँ बाद में एक किताब में भी जारी की गईं।
उनकी अदाकारी ने हमें सिखाया कि जीवन कैसे जिया जाए, लेकिन उनकी पितृत्व की भूमिका ने हमें सिखाया कि जीवन कैसे प्यार किया जाए।
Gaurav Singh
सितंबर 17, 2024 AT 22:07विकास सेठी की मौत का शोक बहुत बड़ा है... लेकिन क्या ये सब बस इसलिए है क्योंकि वो टीवी पर दिखते थे? क्या अगर वो एक बस ड्राइवर होते, तो क्या इतना शोक होता? ये सब बस एक ट्रेंड है। जिसका नाम भी हो, उसके बारे में भावुकता दिखाने की जरूरत है। ये नहीं कि वो असली अहम हैं, बल्कि ये कि वो दिख रहे हैं।
Priyanshu Patel
सितंबर 18, 2024 AT 03:22मैंने उन्हें पहली बार 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में देखा था - और तब से वो मेरे लिए एक दोस्त बन गए। उनकी हर बात में एक गर्मजोशी थी, जैसे वो अपने घर के बुजुर्ग थे। अब जब वो नहीं हैं, तो मुझे लगता है जैसे मेरे घर से कोई चला गया हो।
मैं अपने बेटे को उनके किरदार दिखाता हूँ। वो उनकी बातें दोहराता है - और तब मुझे लगता है कि वो अभी भी जिंदा हैं। ❤️
ashish bhilawekar
सितंबर 18, 2024 AT 21:03भाई विकास सेठी के बिना टीवी अब बिना नमक का खाना है! उनकी आवाज़ में तो एक ऐसी जादू थी कि जब वो बोलते, तो लगता था जैसे आसमान से बारिश हो रही हो। उनके किरदार ने हमें बताया कि दर्द भी एक रंग है - और वो उस रंग को बहुत सुंदर बना देते थे।
उनकी मौत ने मुझे एक सवाल पर मजबूर कर दिया - क्या हम भी अपने जीवन को इतना गहरा बना सकते हैं? उन्होंने बस अभिनय नहीं किया - उन्होंने जीवन को अभिनय कर दिया। अब उनकी याद में हमें भी जीना होगा - असली तरीके से।
Vishnu Nair
सितंबर 19, 2024 AT 05:50विकास सेठी के निधन के पीछे एक गहरा फिजियोलॉजिकल फैक्टर है - जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। उनके शरीर में एक क्रोनिक ऑक्सीजन डिफिसिएंसी थी, जो लंबे समय तक उनके कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को नुकसान पहुंचा रही थी। टीवी शूटिंग के लिए उन्हें लंबे घंटों तक खड़े रहना पड़ता था, जिससे उनकी लंग्स और हृदय की क्षमता प्रभावित हो गई।
इसके अलावा, उनकी आवाज़ के लिए उन्हें बार-बार अल्ट्रासाउंड ट्रेनिंग और वोकल स्ट्रेस एक्सपोजर का सामना करना पड़ता था - जो एक लंबे समय में एक निहित न्यूरोलॉजिकल बायस बन गया। उनकी मौत को एक अचानक घटना नहीं, बल्कि एक निरंतर प्रक्रिया का अंत मानना चाहिए।
Kamal Singh
सितंबर 20, 2024 AT 05:49विकास सेठी ने बस अभिनय नहीं किया - उन्होंने दर्शकों को अपने दिल से छू लिया। उनकी हर बात में एक इंसानियत थी - जो आज भी हमें याद दिलाती है कि असली कला क्या होती है।
उनके बारे में बात करना अब बस एक अभिनेता के बारे में नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान के बारे में है जिसने हमें दिखाया कि कैसे जीना है।
उनके बच्चों के लिए ये बहुत कठिन होगा - लेकिन उन्हें याद रखें कि उनके पिता ने दुनिया को एक नया रंग दिया। उनके किरदार अब हमारे दिलों में रहेंगे - और वो हमें हमेशा याद दिलाएंगे कि असली प्यार क्या होता है।
Jasmeet Johal
सितंबर 20, 2024 AT 14:37मर गया
Shreyas Wagh
सितंबर 21, 2024 AT 04:21अभिनय एक आत्मा का दर्पण है। विकास सेठी ने अपनी आत्मा को बिना झूठ के दिखाया। उनकी मौत ने नहीं, उनकी जिंदगी ने हमें जीना सिखाया।
Pinkesh Patel
सितंबर 22, 2024 AT 12:24ये लोग अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखते... बस अभिनय करते रहते हैं। अब तो वो मर गए, लेकिन अगला कौन? क्या आप जानते हैं कि टीवी अभिनेता कितने दिन जीते हैं? ये सब बस एक नियम है।