प्रिथ्वी शाव ने रणजी ट्रॉफी में दूसरा सबसे तेज़ डबल सेंचुरी लगाया, डक के बाद जवाबी प्रहार

प्रिथ्वी शाव ने रणजी ट्रॉफी में दूसरा सबसे तेज़ डबल सेंचुरी लगाया, डक के बाद जवाबी प्रहार
2 नवंबर 2025 0 टिप्पणि Kaushal Badgujar

एक चार गेंद में डक, फिर एक ऐतिहासिक 222 — ये था प्रिथ्वी शाव का रणजी ट्रॉफी 2025-26 का सफर। चंडीगढ़ के सेक्टर 3 स्टेडियम में खेले गए मैच में, 25 साल के इस बल्लेबाज ने 141 गेंदों में 222 रन बनाए, जो रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दूसरा सबसे तेज़ डबल सेंचुरी है। ये प्रहार सिर्फ एक बल्लेबाज़ी नहीं, बल्कि एक जीवन बदलने वाला मोड़ था।

डक से डबल सेंचुरी तक: एक अविश्वसनीय वापसी

केवल छह दिन पहले, प्रिथ्वी शाव ने महाराष्ट्र के लिए अपना पहला मैच खेला था — थिरुवनंतपुरम के ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में केरल के खिलाफ। चौथी गेंद पर एक सीमांत गेंद उनके बल्ले के किनारे से टकराकर विकेट के पीछे चली गई। डक। कोई उम्मीद नहीं थी। लेकिन इसी बल्लेबाज़ ने अगले मैच में अपने नए टीम के लिए ऐसा प्रदर्शन किया जिसे क्रिकेट इतिहास में दर्ज किया जाएगा।

शाव का 222 रन का प्रदर्शन 29 चौकों और पांच छक्कों से भरा था, जिसकी स्ट्राइक रेट 142.31 थी। उन्होंने अपना शतक भी सिर्फ 73 गेंदों में पूरा किया — रणजी ट्रॉफी के इतिहास में छठा सबसे तेज़ शतक। महाराष्ट्र ने 359/3 पर घोषणा की, जिससे उनकी टीम ने गेम को पूरी तरह अपने हाथ में ले लिया।

रिकॉर्ड्स और तुलना: किसके बाद शाव?

शाव का डबल सेंचुरी अब तक के रिकॉर्ड्स में दूसरे नंबर पर है। सिर्फ रवि शास्त्री का 123 गेंदों में 206 रन (1984-85) इससे तेज़ है। हालांकि, तन्मय अग्रवाल का 119 गेंदों में डबल सेंचुरी (2024-25, अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ) इससे भी तेज़ है। लेकिन शाव का रिकॉर्ड अलग है — वह एक ऐसे बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने अपने अगले मैच में, एक डक के बाद, ऐसा आंकड़ा लगाया।

उनके पिछले सीज़न में मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के साथ तनावपूर्ण समय था। हिंदुस्तान टाइम्स ने उसे 'व्यवहार के विवादों और सवालों का उबड़-खाबड़ मौसम' बताया। इसके बाद शाव ने महाराष्ट्र को चुना — और इस बार उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पूजा की तस्वीर शेयर की, जिसके साथ लिखा: 'प्रार्थनाएं जो मेरे दिल को शांत करती हैं और मेरा रास्ता दिखाती हैं।'

अजिंक्या रहाणे के नेतृत्व में नया अध्याय

महाराष्ट्र के कप्तान अजिंक्या रहाणे ने शाव के इस बदलाव को अपनी आंखों से देखा। एक बार तो रहाणे ने भारतीय टीम का नेतृत्व किया है — उन्हें जानने का अनुभव है कि एक युवा खिलाड़ी के लिए निराशा कैसे बदल सकती है। उन्होंने शाव के बारे में कहा, 'वह एक ऐसा खिलाड़ी है जिसके पास टैलेंट है, लेकिन उसका दिमाग उसके साथ बहुत बार खेलता रहा। आज वह अपने दिमाग के साथ खेल रहा है।'

महाराष्ट्र के लिए ये सिर्फ एक बल्लेबाज़ी नहीं, बल्कि एक संदेश था — नए शुरुआत का। शाव के लिए ये एक नया घर बन गया। जहां उन्हें दोबारा एक शुरुआत का मौका मिला।

आईपीएल और भारतीय टीम के लिए नई उम्मीद

आईपीएल और भारतीय टीम के लिए नई उम्मीद

शाव को आईपीएल 2025 में कोई टीम नहीं खरीदी। न्यूज़24ऑनलाइन ने तब कहा था कि उनकी वापसी की 'संभावना लगभग शून्य' थी। लेकिन आज वह बदल चुका है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस प्रदर्शन को 'एक व्यक्तिगत वापसी' बताया। एस्पीएनक्रिकइनफो के विश्लेषकों का मानना है कि अगर शाव इसी तरह बल्लेबाजी करता रहा, तो भारतीय टीम के लिए उनका नाम फिर से चर्चा में आ सकता है।

2018 के बाद से शाव को भारतीय टीम में नहीं देखा गया। उनकी तकनीक अभी भी वैसी ही है — तेज़, आक्रामक, बिना डर के। लेकिन अब उनके मन में एक शांति है। उन्होंने चंडीगढ़ के पहले इनिंग्स में सिर्फ 8 रन बनाए थे। लेकिन दूसरे इनिंग्स में उन्होंने जो किया, वह एक खिलाड़ी की आत्मा की जीत है।

अगला कदम: क्या अब भारतीय टीम का दरवाज़ा खुलेगा?

शाव के इस प्रदर्शन के बाद, भारतीय टीम के कोच और चयनकर्ता उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। अगर वह अगले तीन मैचों में भी ऐसा ही प्रदर्शन करते हैं, तो भारतीय टीम के लिए एक नया बल्लेबाज़ के रूप में उनका नाम जरूर आएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि अब शाव को टीम इंडिया के लिए एक विकल्प बनने का मौका मिल सकता है — खासकर जब टीम टेस्ट में तेज़ बल्लेबाज़ी की तलाश में है।

उनकी बल्लेबाजी का तरीका — जिसमें बाहर की गेंदों को खेलने की बजाय बल्ले को जमीन पर रखकर निकालने की कला शामिल है — आधुनिक क्रिकेट के लिए बहुत प्रासंगिक है। उनकी तेज़ रन बनाने की क्षमता, जो वर्तमान में भारतीय टीम में कम है, उन्हें एक अनूठा टूल बनाती है।

क्या आगे कुछ और भी आएगा?

क्या आगे कुछ और भी आएगा?

अगले दो हफ्तों में महाराष्ट्र के दो महत्वपूर्ण मैच हैं — तमिलनाडु और बिहार के खिलाफ। शाव का प्रदर्शन इन दोनों मैचों में उनके भविष्य का निर्धारण करेगा। अगर वह लगातार अच्छा खेलते हैं, तो भारतीय टीम के लिए एक नया नाम तैयार हो जाएगा। और अगर नहीं? तो ये सिर्फ एक अच्छा दिन रह जाएगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रिथ्वी शाव का यह डबल सेंचुरी रणजी ट्रॉफी के इतिहास में कितना तेज़ है?

प्रिथ्वी शाव ने 141 गेंदों में 222 रन बनाए, जो रणजी ट्रॉफी के इतिहास में दूसरा सबसे तेज़ डबल सेंचुरी है। सिर्फ रवि शास्त्री का 123 गेंदों में 206 रन (1984-85) और तन्मय अग्रवाल का 119 गेंदों में डबल सेंचुरी (2024-25) इससे तेज़ है। शाव का शतक 73 गेंदों में बना, जो टूर्नामेंट के इतिहास में छठा सबसे तेज़ शतक है।

प्रिथ्वी शाव ने मुंबई से महाराष्ट्र क्यों बदला?

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के साथ उनका समय व्यवहार के विवादों और नियम उल्लंघन के कारण तनावपूर्ण रहा। हिंदुस्तान टाइम्स ने इसे 'एक उबड़-खाबड़ मौसम' बताया। महाराष्ट्र के साथ शाव को एक नया शुरुआती मौका मिला, जहां उन्हें नए नियमों और एक शांत वातावरण में खेलने का अवसर मिला।

आईपीएल 2025 में शाव को क्यों नहीं चुना गया?

आईपीएल 2025 में शाव को कोई टीम नहीं खरीदी क्योंकि उनके व्यवहार के विवाद और नियमित रूप से बल्लेबाजी में अस्थिरता के कारण उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठे। लेकिन रणजी ट्रॉफी के इस प्रदर्शन ने उनकी बल्लेबाजी की क्षमता को फिर से साबित कर दिया है।

क्या शाव को भारतीय टीम में वापसी का मौका मिल सकता है?

हां, अगर वह अगले तीन मैचों में भी ऐसा ही निरंतर प्रदर्शन करते हैं, तो भारतीय टीम के लिए उनका नाम चयन समिति के लिए एक विकल्प बन सकता है। खासकर टेस्ट में तेज़ बल्लेबाजी की कमी के कारण, शाव की ताकत अब बहुत महत्वपूर्ण है। उनकी तेज़ स्ट्राइक रेट और बाहरी गेंदों पर नियंत्रण टीम के लिए एक बड़ा फायदा हो सकता है।

प्रिथ्वी शाव के पिछले रिकॉर्ड्स क्या हैं?

शाव ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में अपनी शुरुआत की थी और उस समय उन्हें तेज़ बल्लेबाजी का भविष्य माना जाता था। उन्होंने बुची बाबू इनविटेशनल टूर्नामेंट में 111 और 66 के स्कोर बनाए थे। उन्होंने मुंबई के खिलाफ एक प्रैक्टिस मैच में 181 रन बनाए थे, जो उनकी क्षमता का संकेत था।

महाराष्ट्र के लिए शाव का प्रदर्शन क्यों महत्वपूर्ण है?

महाराष्ट्र के लिए शाव का यह प्रदर्शन सिर्फ एक बल्लेबाज़ी नहीं, बल्कि टीम के लिए एक नई ऊर्जा है। उनके निरंतर प्रदर्शन से टीम का आत्मविश्वास बढ़ता है और अन्य खिलाड़ियों के लिए एक नमूना बनता है। यह दिखाता है कि गलतियों के बाद भी वापसी संभव है।