रांची में साइक्लोन मोंथा के प्रभाव: भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी, 30 अक्टूबर तक रहेगी निगरानी

रांची में साइक्लोन मोंथा के प्रभाव: भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी, 30 अक्टूबर तक रहेगी निगरानी
30 अक्तूबर 2025 0 टिप्पणि Kaushal Badgujar

रांची के आसपास के क्षेत्रों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी में बना साइक्लोन मोंथा अपना प्रभाव दिखा रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD रांची) के अनुसार, यह चेतावनी 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2025 तक लागू है, और यह प्रभाव 48 से 72 घंटे तक बना रह सकता है। यह तूफान, जिसकी गति 90-100 किमी/घंटा थी और तीव्रतम गुस्से में 110 किमी/घंटा तक पहुंची, 28 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तट पर जमीन छूई। अब यह उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहा है, और झारखंड के ज्यादातर जिलों में इसकी छाया अभी भी जारी है।

कौन-से जिलों में सबसे ज्यादा बारिश?

29 अक्टूबर को रांची, जमशेदपुर, दल्तनगंज, डीगोहर और बोकारो जैसे जिलों में भारी बारिश का रिकॉर्ड बना। डीगोहर में 29 मिमी, जमशेदपुर में 27.5 मिमी और बोकारो में 22.8 मिमी बारिश हुई। अगले दिन, 30 अक्टूबर को यह बारिश और भी तेज हो गई — पालामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग और गुमला जैसे जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।

तापमान में भी धमाकेदार गिरावट आई। रांची में 24.4°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.9°C कम था। जमशेदपुर में 3.5°C की गिरावट, दल्तनगंज में 3.8°C की गिरावट और बोकारो में 3°C की गिरावट देखी गई। यह ठंडक अभी तक लगातार बरकरार है, और लोगों को लग रहा है कि अचानक बरसने वाली बारिश ने अपने तापमान के नियम को बदल दिया है।

IMD के विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?

अभिषेक आनंद, IMD रांची के सीनियर वैज्ञानिक, बता रहे हैं: "29 अक्टूबर को सिमडेगा, खुंटी, लोहारदगा, लेटहर, रांची, पूर्वी सिंहभूम, साहिबगंज, गोड्डा और पाकुड़ में भारी बारिश की संभावना है।" उन्होंने अगले दिन के लिए भी चेतावनी दी: "पालामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग, गिरिधिह, गुमला, खुंटी, रांची, रामगढ़ और बोकारो में तूफानी बारिश हो सकती है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह तूफान अभी तक एक निम्न दबाव क्षेत्र में बदल नहीं पाया है, और इसकी छाया 1 नवंबर तक रह सकती है।

जनता को क्या सलाह दी गई?

जिला प्रशासन ने सख्त सुरक्षा सलाह जारी की है। लोगों को निम्न भूमि, नदियों, नालों और बाढ़ के खतरे वाले क्षेत्रों से दूर रहने को कहा गया है। बिजली के खंभों, ऊंचे पेड़ों या खुले मैदानों में खड़े रहने की सख्त हिदायत दी गई है — बिजली के झटके और बिजली की चमक का खतरा बहुत बढ़ गया है। तेज हवाओं के दौरान अच्छी तरह से बने इमारतों में शरण लेने का निर्देश दिया गया है।

एक अधिकारी ने कहा, "हमने सभी गांवों में स्थानीय पंचायतों को तैयार कर लिया है। हर गांव में एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, और अगर कोई घर ढह गया हो या कोई व्यक्ति फंस गया हो, तो उन्हें तुरंत अधिकारियों को सूचित करना होगा।" यह भी चेतावनी दी गई है कि सड़कें बंद हो सकती हैं, बिजली की आपूर्ति बाधित हो सकती है, और पेड़ गिर सकते हैं।

कृषि और परिवहन पर प्रभाव

कृषि विभाग ने किसानों को अभी फसल काटने या सूखाने की कोशिश न करने की सलाह दी है। "अगर आज गेहूं या राई की फसल सूख रही है, तो उसे बारिश में भीगने दें। अगर आप इसे सूखाने की कोशिश करेंगे, तो नमी के कारण फसल खराब हो सकती है," एक कृषि अधिकारी ने कहा।

परिवहन क्षेत्र में भी असर देखा गया। 29 अक्टूबर को एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट 6E 2257 दिल्ली से रांची के लिए देरी से उड़ान भरी, लेकिन रेल सेवाएं बिना किसी बाधा के चल रही हैं। रांची शहर में आजकल ट्रैफिक बहुत कम है — लोग घरों में बैठे हैं, और बाजार खाली हैं।

आपातकालीन तैयारी कैसे है?

झारखंड के सभी जिलों में आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर हैं। नदियों के स्तर, बाढ़ के खतरे और बारिश की मात्रा की निरंतर निगरानी की जा रही है। रांची, जमशेदपुर और दल्तनगंज में आपातकालीन बस्तियां तैयार हैं, और राहत सामग्री के भंडार तैयार हैं। एक आपदा प्रबंधक ने कहा, "हमने पिछले साल की बाढ़ की गलतियां सीख ली हैं। अब हम उन जगहों को पहले से पहचान लिए हैं जहां पानी जमा होता है।"

अगला क्या होगा?

31 अक्टूबर को मौसम सुधरने की उम्मीद है, लेकिन विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अभी भी बादल छाए रहेंगे और बारिश बंद नहीं होगी। यह नमी जल्दी से नहीं चली जाएगी — और यह निकट भविष्य में नए तूफान की नींव बन सकती है। अगले दो हफ्तों में बंगाल की खाड़ी में एक और तूफान के बनने की संभावना है, और यह बारिश का दौर उसके लिए एक अच्छा आधार बन रहा है।

इतिहास और संदर्भ

2024 में साइक्लोन आशा ने भी झारखंड को प्रभावित किया था, लेकिन उसका प्रभाव बहुत कम था। इस बार, मोंथा अधिक शक्तिशाली है, और यह उत्तर की ओर बढ़ रहा है, जिससे अधिक जिले प्रभावित हो रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में झारखंड में केवल तीन बार इतनी भारी बारिश हुई है — 2017, 2019 और 2023 — और हर बार बाढ़ और बिजली की आपूर्ति बंद होने की समस्या हुई।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

रांची में भारी बारिश के कारण बिजली की आपूर्ति बंद क्यों हो रही है?

बारिश के साथ तेज हवाओं और बिजली की चमक के कारण बिजली के खंभे टूट रहे हैं, और तार टूट गए हैं। रांची, जमशेदपुर और बोकारो में अब तक 17 बिजली वितरण केंद्रों को बंद कर दिया गया है। बिजली विभाग ने 120 टीमें भेजी हैं, लेकिन बारिश के कारण काम धीमा हो रहा है।

क्या रेल सेवाएं अभी भी चल रही हैं?

हां, रेल सेवाएं अभी भी नियमित रूप से चल रही हैं, क्योंकि रेलवे ने पहले से ही नदियों और ट्रैक की निगरानी शुरू कर दी थी। हालांकि, दो ट्रेनें — दिल्ली-रांची और बिहार-रांची — को रद्द कर दिया गया है, क्योंकि उनके रास्ते में बाढ़ का खतरा था।

किसानों को अब क्या करना चाहिए?

किसानों को अभी फसल काटने या सूखाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। जमीन में नमी बहुत अधिक है, और अगर फसल भीग जाएगी, तो उसमें फफूंदी लग सकती है। अधिकारियों ने बताया कि आगामी 72 घंटों में अगर बारिश बंद हो जाए, तो किसान फसल काटने के लिए तैयार हो सकते हैं।

साइक्लोन मोंथा के बाद अगला खतरा क्या है?

मौसम विज्ञानी कह रहे हैं कि अगले 10 दिनों में बंगाल की खाड़ी में एक और निम्न दबाव क्षेत्र बन सकता है। इस बारिश ने हवा में नमी को बहुत बढ़ा दिया है, जो अगले तूफान के लिए बुनियादी तैयारी है। अगर यह बन जाए, तो यह नवंबर के अंत तक झारखंड को प्रभावित कर सकता है।

क्या रांची में बारिश के कारण स्कूल बंद हो गए हैं?

हां, रांची, खुंटी, लोहारदगा और बोकारो के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 29 और 30 अक्टूबर को बंद कर दिया गया है। बच्चों को घर पर रहने के लिए कहा गया है। अगले दिन का फैसला 31 अक्टूबर को जिला प्रशासन लेगा।

क्या इस बारिश के बाद तापमान सामान्य हो जाएगा?

नहीं, यह बारिश ने गर्मी के लंबे दौर को तोड़ दिया है। अगले 10-12 दिनों तक तापमान 22-26°C के बीच रहने की संभावना है। यह असामान्य रूप से ठंडा मौसम है — जिसकी वजह से लोग गर्म कपड़े पहनने लगे हैं। यह तापमान अक्टूबर के अंत तक बना रह सकता है।