रीवा : बारिश में डूबा भाजपा विधायक नगेंद्र सिंह का घर, उजागर हुई ड्रेनेज की बड़ी खामियां

रीवा : बारिश में डूबा भाजपा विधायक नगेंद्र सिंह का घर, उजागर हुई ड्रेनेज की बड़ी खामियां
18 जुलाई 2025 0 टिप्पणि Kaushal Badgujar

भारी बारिश में उजागर हुई ड्रेनेज की सच्चाई

रीवा में बीते कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे शहर की व्यवस्था की पोल खोल दी है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक नगेंद्र सिंह खुद इस मुसीबत के शिकार बन गए जब उनके घर में पानी भर गया। उनका ये बयान, 'मैं भी अब बाढ़ पीड़ित हूं', सिर्फ भावनात्मक नहीं बल्कि प्रशासनिक लापरवाही की कहानी बयां करता है। शहरभर में नदियों के ओवरफ्लो और नालों के जाम होने से आम लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी परेशानी में दिखे।

रीवा के कई मोहल्लों में हालात ऐसे हैं कि घरों के अंदर तक गंदा पानी घुस गया है। लोग अपना सामान बचाने और सुरक्षित जगह जाने को मजबूर हैं। हैरानी की बात है कि जिसे समस्या का समाधान करवाना चाहिए, वही अब खुद समस्या में घिरा दिखा। नगेंद्र सिंह ने साफ कहा कि ड्रेनेज सिस्टम नाम मात्र का है। नालों की सफाई ना होने से पहली ही बारिश में पूरा शहर पानी-पानी हो गया।

प्रशासन पर सवालों की बौछार

विधायक सिंह के मुताबिक प्रशासन ने बाढ़ रोकने के लिए न तो कोई तैयारी की और न ही कोई आपात राहत योजना लागू की। नदियों के किनारे रहने वाले परिवार घंटों अपने स्तर पर पानी रोकने की कोशिश करते रह गए लेकिन मदद के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिलता रहा। उनका मानना है कि हर साल बारिश में ये परेशानी बढ़ती जा रही है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की तरफ से सिर्फ दिखावे के काम होते हैं।

रीवा में ये पहली बार नहीं हुआ है। हर साल मॉनसून में पानी भराव और सड़कें तालाब बनना आम बात है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शिकायतें करने के बावजूद ड्रेनेज सिस्टम कभी दुरुस्त नहीं हुआ। नालियां सालों से साफ नहीं होती, जिससे हल्की बारिश में भी इलाका डूब जाता है।

  • कई कॉलोनियों के घरों में सामान बर्बाद हो गया।
  • स्कूल और दुकानों में पानी का स्तर घुटनों तक पहुंच गया।
  • राहत के नाम पर कुछ जगहों पर पम्पिंग सेट लगाए गए, पर वह नाकाफी साबित हुए।
  • बुजुर्ग और बीमार लोगों की परेशानियां सबसे ज्यादा बढ़ीं।

अब सवाल यही है कि जब जनप्रतिनिधि खुद बाढ़ में फंसे हैं, तब आम लोगों की सुध कौन लेगा? रीवा जैसे शहर में जब तक ड्रेनेज, नाला सफाई और बाढ़ प्रबंधन को प्राथमिकता नहीं मिलेगी, ऐसे हालात हर साल दोहराते रहेंगे।