बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियां – शुरुआत कैसे करें?
अगर आप शेयर बाजार में कदम रखने की सोच रहे हैं तो सबसे पहला सवाल होता है – बीएसई और एनएसई में कौन सी कंपनियां सूचीबद्ध हैं? इन दो प्रमुख एक्सचेंजों में लाखों निवेशकों का पैसा घूमता है, इसलिए सही जानकारी होना जरूरी है। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि सूचीबद्धता क्या है और कैसे आप इन शेयरों को खरीद सकते हैं।
सूचीबद्धता का मतलब क्या है?
सूचीबद्धता का मतलब है कि कंपनी ने अपने शेयर भारतीय स्टॉक एक्सचेंज – बीएसई या एनएसई – पर ट्रेडिंग के लिए लाए हैं। इसका फायदा यह है कि आप किसी भी ब्रोकर के जरिए इन शेयरों को खरीद‑बेच कर सकते हैं। सूचीबद्ध कंपनियों को नियमित वित्तीय रिपोर्ट, कॉरपोरेट गवर्नेंस और डिस्क्लोजर नियमों का पालन करना पड़ता है, जिससे निवेशकों को थोड़ा भरोसा मिलता है।
बीएसई वर्सेस एनएसई – कौन सा बेहतर?
बीएसई और एनएसई दोनों ही भारत के सबसे बड़े एक्सचेंज हैं, पर थोड़ा‑बहुत अंतर है। बीएसई का ट्रेडिंग वॉल्यूम थोड़ा कम और लिस्टेड कंपनियों की संख्या कम होती है, जबकि एनएसई में ट्रैडिंग तेज़ और लिक्विडिटी अधिक है। कई बड़ी कंपनियां दोनों में लिस्टेड रहती हैं, इसलिए आप दुबारा देख सकते हैं कि किस एक्सचेंज में बेहतर प्राइस मूवमेंट हो रहा है।
एक बार जब आप तय कर लें कि किस एक्सचेंज में कौन से शेयर देखना है, तो अगला कदम है ब्रोकर चुनना। आजकल ऑनलाइन डिस्काउंट ब्रोकर बहुत सस्ते शुल्क पर खाता खोलते हैं, और मोबाइल ऐप से आसानी से ट्रेड कर सकते हैं। खाता खोलते समय अपना पैन, आधार और बैंक अकाउंट लिंक करना होगा।
खाता खुलते ही आप सर्च बार में कंपनी का नाम या उसका ट्रेडिंग सिम्बॉल (जैसे "RELIANCE" या "TATAMOTORS") डालकर शेयर की कीमत देख सकते हैं। अगर कीमत आपके बजट में है और कंपनी की फंडामेंटल्स ठीक लगती हैं, तो आप ‘Buy’ बटन दबाकर ऑर्डर दे सकते हैं।
शेयर खरीदते समय दो चीज़ों का ध्यान रखें – मार्केट ऑर्डर और लिमिट ऑर्डर। मार्केट ऑर्डर तुरंत वर्तमान बाजार कीमत पर खरीदता है, जबकि लिमिट ऑर्डर आप खुद तय कीमत पर सेट करते हैं और तभी चलता है जब उस कीमत पर शेयर उपलब्ध हो। शुरुआती लोग अक्सर मार्केट ऑर्डर से शुरू करते हैं क्योंकि यह आसान है।
भले ही शेयरों की कीमतें रोज़ बदलती रहें, लेकिन दीर्घकालिक निवेश में कंपनी की कमाई, प्रोडक्ट लाइन और मैनेजमेंट को देखना ज़रूरी है। बीएसई/एनएसई की वेबसाइट पर आप हर कंपनी की सालाना रिपोर्ट, क्वार्टरली स्टेटमेंट और बोनस/डिविडेंड की जानकारी पा सकते हैं। इससे आपके पास सही फैसले लेने की ताकत बढ़ेगी।
यदि आप जोखिम कम करना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड या इंडेक्स फंड के माध्यम से बीएसई/एनएसई के बड़े इंडेक्स जैसे NIFTY 50 या SENSEX में निवेश कर सकते हैं। इससे एक ही स्टॉक की वैरिएबिलिटी कम होती है और पोर्टफोलियो में विविधता आती है।
आखिरकार, बीएसई और एनएसई की सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश करने के लिए सबसे बड़ा स्किल है – जानकारी रखना और धैर्य रखना। छोटा‑छोटा प्लान बनाएं, लगातार सीखते रहें, और समय‑समय पर अपने पोर्टफोलियो का रीव्यू करें। अगर आप इन बिंदुओं को फॉलो करेंगे तो शेयर बाजार में आपका अनुभव निश्चित ही बेहतर होगा।