इलेक्ट्रिक गाड़ी – क्यों और कैसे?
अब गाड़ी लेते समय पेट्रोल‑डिज़ल की बात कम और बिजली की बात ज़्यादा हो गई है। इलेक्ट्रिक कारें न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर हैं, बल्कि चलाने की लागत भी कम करती हैं। एक बार चार्ज करने से कई सौ किलोमीटर तक चलती हैं और रख‑रखाव में कम खर्च आता है। भारत में चार्जिंग पॉइंट्स की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है, इसलिए अब दूर‑दराज़ जगहों तक जाना भी आसान हो गया है।
इलेक्ट्रिक गाड़ी चुनते समय क्या देखना चाहिए?
पहला बात – रेंज। आपके रोज़मर्रा के सफ़र को देख कर तय करें कि आपको 200 km, 300 km या उससे ज्यादा चाहिए। दूसरा – बैटरी का वारंटी। बेहतर ब्रांड 8‑10 साल या 1.6 लाख km तक की वारंटी देते हैं, जो दीर्घ‑कालीन सुरक्षा देता है। तीसरा – चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर। घर पर लेवल‑2 चार्जर लगवाना या नज़दीकी फ़ास्ट‑चार्जर पॉइंट देखना जरूरी है। चौथा – सर्विस नेटवर्क। ऐसी कंपनी चुनें जिसके सर्विस सेंटर आपके शहर के पास हों, ताकि रख‑रखाव में देर न हो। पाँचवाँ – कुल मिलाकर कीमत। ईवी की शुरुआती कीमत पेट्रोल कार से थोड़ी अधिक हो सकती है, लेकिन सरकार की सबसिडी, घटती ऊर्जा लागत और कम मेंटेनेंस से लंबी अवधि में बचत स्पष्ट है।
बैटरी देखभाल और चार्जिंग की आसान रणनीति
बैटरी को लंबा खिंचाव देना आसान है, बस कुछ बेसिक नियम याद रखें। तेज़ चार्जिंग (फ़ास्ट चार्ज) कभी‑कभी आवश्यक होता है, पर रोज़ाना ऐसा न करें; लेवल‑2 (22‑किलोवाट) घर का चार्जर रात में प्लग कर दें, इससे बैटरी के जीवन में सुधार होता है। चार्जिंग का लक्ष्य 20 %‑80 % के बीच रखें – 100 % तक पूरी बार चार्ज करने से बैटरी जल्दी घटती है। सर्दियों में बैटरी ठंडी हो जाती है, इसलिए गाड़ी को शेड या गैरेज में रखें और पहले थोड़ी वॉर्म‑अप ड्राइव करें। जब बैटरी में 10‑15 % से कम स्टेटस दिखे तो तुरंत चार्ज करना बेहतर है, जिससे रेंज में अचानक गिरावट नहीं आती।
घर पर चार्जर लगवाने के लिए इलेक्ट्रिशियन से सही सर्किट की जांच करवाईं। कई राज्यों में बिजली विभाग से सब्सिडी मिलती है, जिससे खर्च कम हो जाता है। फ़ास्ट‑चार्जर पॉइंट्स के लिए ऐप या मैप्लीयर से लोकेशन देख सकते हैं; अब कई हाईवे पर 15‑20 मिनट में 80 % तक चार्ज हो जाता है।
इलेक्ट्रिक गाड़ी की चलाने की लागत पर नज़र डालें। सामान्य तौर पर 1 km चलाने में 6‑8 रुपये की बिजली लागत आती है, जबकि पेट्रोल कार में 12‑15 रुपये लगते हैं। अगर आप रोज़ 30‑40 km की रूट पर हैं तो महीने में 2‑3 हज़ार रुपये बचा सकते हैं।
अंत में, ईवी की नई मॉडलों को देखें। टाटा ने नैनो‑इलेक्ट्रिक, महिंद्रा ने एग्ज़ाइल‑E, और मारुति ने सुजुकी किवी इलेट्रिक जैसी कारें लॉन्च की हैं। इनकी रेंज 250‑300 km है और कीमत भी पेट्रोल वाले समान मॉडल से जर्सी कम है। यदि आप पहली बार इलेक्ट्रिक कार लेने की सोच रहे हैं, तो इन मॉडल्स को टेस्ट ड्राइव कर देखिए।
इलेक्ट्रिक गाड़ी अपनाने का मतलब सिर्फ़ फ्यूल बचाना नहीं, बल्कि साफ़ हवा, कम आवाज़ और नई तकनीक का मज़ा भी है। उपरोक्त टिप्स को फॉलो करके आप सही मॉडल चुन सकते हैं, बैटरी को लम्बे समय तक रख‑रखाव मुक्त रख सकते हैं और चार्जिंग की झंझट को आसान बना सकते हैं। अब देर न करें, आज ही इलेक्ट्रिक गाड़ी की दुनिया में कदम रखें!