IPO अलॉटमेंट क्या है और कैसे देखें?
IPO (Initial Public Offering) में कंपनी पहली बार अपने शेयर मार्केट में बेचती है। जब आप ब्रोकर के ज़रिए आवेदन कराते हैं, तो आपको एक बिडिंग लिस्ट मिलती है। असली सवाल यह है कि आपके बिड को कब और कैसे अलॉट किया जाएगा। अलॉटमेंट का मतलब है कि आपका बिड कब स्वीकृत हुआ और आपको कितने शेयर मिलेंगे।
आम तौर पर इश्यू की क्लोज़िंग डेट के बाद 3‑5 कामकाजी दिनों में कंपनी और इक्विटी डिपॉजिटरी ने अलॉटमेंट रिजल्ट जारी कर देते हैं। यह रिजल्ट आप अपने ब्रोकरेज ऐप या डिमैट अकाउंट से आसानी से देख सकते हैं। अधिकांश ब्रोकर ‘ऑलोटमेंट स्टेटस’ सेक्शन में बटन डालते हैं, जहाँ क्लिक करने पर ‘Alloted’ या ‘Rejected’ दिखता है।
ऑलोटमेंट चेक करने के आसान कदम
1. **ब्रोकर ऐप/वेब पोर्टल खोलें** – लॉग‑इन करके पोर्टफोलियो सेक्शन में जाएँ।
2. **IPO टैब चुनें** – यहाँ आपके सभी बिडेड IPO की लिस्ट दिखाई देगी।
3. **स्टेटस देखें** – ‘Alloted’, ‘Waitlisted’, या ‘Rejected’ टैग के साथ शेयर की संख्या दिखेगी।
4. **डिमैट रजिस्ट्री** – अगर अलॉट हुआ है, तो शेयर आपके डिमैट खाते में आ जाते हैं, और आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।
ऑलोटमेंट के बाद क्या करें?
ऑलोटेड शेयरों को मिलने के बाद दो मुख्य विकल्प होते हैं: ट्रेडिंग शुरू करें या बेचें। अगर आप कंपनी की भविष्यवाणी में भरोसा रखते हैं, तो होल्ड करना बेहतर रहेगा। कई निवेशकों को शुरुआती दिन की ट्रेडिंग से अच्छा लाभ मिलता है, लेकिन रेजल्ट कभी‑कभी उल्टा भी हो सकता है। इसलिए, पहले कंपनी की बुनियादी बातें, जैसे प्रॉफ़िट, ग्रोथ प्लान, और इंडस्ट्री ट्रेंड, समझें।
दूसरा विकल्प है कि किस कीमत पर शेयर बेचें। यदि IPO के दिन शेयर की कीमत ओपनिंग प्राइस से ऊपर है, तो जल्दी बेचकर प्रॉफिट लॉक कर सकते हैं। लेकिन याद रखें, एक्स‑डिविडेंड डेट या रजिस्ट्रेशन क्लोज़र डेट के आसपास शेयर का भाव उतार‑चढ़ाव कर सकता है।
कुछ ब्रोकर ‘क्लोज़्ड‑ऑफ़र’ के बाद भी अतिरिक्त शेयर बेचना या खरीदना आसान बनाते हैं। आप अगर अतिरिक्त शेयर खरीदना चाहते हैं, तो स्प्लिट‑ऑफ़र या OTC (ओवर‑द‑काउंटर) मार्केट देख सकते हैं।
अंत में, एक चीज़ हमेशा याद रखें – IPO में शामिल होने से पहले अपनी रिस्क प्रोफ़ाइल और निवेश लक्ष्य तय कर लें। सबसे ज़्यादा अलॉटमेंट वाले IPO आम तौर पर बड़े, स्थिर कंपनियों के होते हैं, जो कम रिस्क देते हैं। छोटे, हाई‑ग्रोथ कंपनियों में अलॉटमेंट कम हो सकता है, लेकिन रिटर्न भी काफी हो सकता है। सही ब्रोकर चुनें, प्रक्रिया समझें, और अलॉटमेंट के बाद तुरंत ट्रेडिंग में न उलझें। बस, यही है आपका संपूर्ण IPO अलॉटमेंट गाइड।