प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपना शेयर जनता को बेचती है, उसे हम प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव, यानी IPO कहते हैं। इस प्रक्रिया से कंपनी बाजार में लिस्ट होती है और आम लोगों को शेयर खरीदने का मौका मिलता है। सरल शब्दों में, कंपनी अपना “हिस्सा” कुछ लोगों को बेच रही होती है, ताकि उसे पूँजी मिल सके और वो आगे बढ़ सके।
IPO की प्रक्रिया
पहले कंपनी अपने वित्तीय आँकड़े, बिजनेस मॉडल और भविष्य की योजनाएं तैयार करती है। फिर एक या दो निवेश बैंक (इंडोर्सर) चुनती है जो शेयर को बाजार में बेचने में मदद करेंगे। इसके बाद कंपनी ‘ड्राफ्ट रजिस्टर’ तैयार करती है, जिसमें शेयर की कीमत, कुल शेयरों की संख्या और आवेदन की आखिरी तिथि लिखी होती है। इस दस्तावेज़ को ‘रजिस्टर ऑफ़ ऑफ़र’ (R.O.F) कहते हैं।
अब लोग अपने ब्रोकर या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। अगर शेयर की माँग अधिक हो, तो कंपनी कीमत बढ़ा सकती है या शेयर की संख्या कम कर सकती है। अंत में शेयर एक्सचेंज (जैसे NSE या BSE) पर लिस्ट हो जाते हैं और ट्रेडिंग शुरू हो जाती है।
निवेशकों के लिए टिप्स
1. कंपनी की बुनियाद देखो – सिर्फ़ नाम या hype से मत रुको। प्रॉफिट, रेवेन्यू ग्रोथ और कंपनी की डिविडेंड पॉलिसी जांचो।
2. कॉलोवॉल्यूशन और प्राइस बैंड समझो – अगर कंपनी ने 100-120 रुपए का प्राइस बैंड दिया है, तो निवेश करने से पहले देखो कि बाजार में शेयर की कीमत कैसे चल रही है।
3. डिमांड‑सप्लाई पर नजर रखो – अगर बहुत ज्यादा लोग आवेदन करते हैं, तो ओवर-सब्सक्राइब्ड हो जाता है। ऐसा होने पर शेयर की कीमत लिस्टिंग पर जल्दी बढ़ सकती है, लेकिन यह हमेशा नहीं होता।
4. वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट पढ़ो – पिछले 3‑5 सालों की रिपोर्ट पढ़कर कंपनी की स्थिरता का पता चलेगा। अगर लगातार लाभ में गिरावट है, तो सावधान रहो।
5. लिस्टिंग के बाद की वैल्यू एसेसमेंट – लिस्टिंग के बाद शेयर की कीमत रोमांचक हो सकती है, पर जल्दी‑जल्दी बेचने से नुकसान हो सकता है। एक दो हफ्ते धीरज रखो और फिर तय करो कि कितना रखें या बेचें।
6. डाइवर्सिफ़िकेशन याद रखो – सिर्फ़ एक IPO में सारे पैसे डालना जोखिम भरा है। अपने पोर्टफोलियो को अलग‑अलग सेक्टर में बाँटें।
7. टैक्स इम्पैक्ट देखें – शेयर बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स लग सकता है। अगर एक साल से कम समय में बेचते हैं तो शॉर्ट‑टर्म टैक्स देना पड़ेगा, इसलिए टैक्स प्लानिंग भी जरूरी है।
इन टिप्स को ध्यान में रखकर आप IPO में बेहतर निर्णय ले सकते हैं और संभावित लाभ को अधिकतम कर सकते हैं।
IPO सिर्फ़ बड़ी कंपनियों के लिए नहीं, छोटे स्टार्ट‑अप्स के लिए भी एक मौका होता है। अगर आप सही जानकारी और तथ्यों के साथ निवेश करते हैं, तो आपका पैसा बढ़ सकता है। याद रखें, कोई भी निवेश बिना रिस्क के नहीं होता, इसलिए हमेशा सोच‑समझकर कदम बढ़ाएँ।