तीसरा स्थान मैच का असली मज़ा – क्यों है ये खास?
जब दो टीमें फाइनल तक नहीं पहुँच पाती, तब भी उनका बायो-लॉन्ग मुकाबला तीसरा स्थान का मैच कहलाता है. कई लोग इसे “फ्लैट” समझते हैं, पर असल में ये मैच दिल को छू लेता है. खिलाड़ी एक आखिरी मौका पाते हैं अपनी शर्तें सुधारने का, फैंस एक और उत्साहजनक खेल देख सकते हैं, और एन्डर स्टेज में आँकड़े भी बदलते हैं. तो चलिए जानते हैं इस मैच की खास बातों को.
इतिहास में तीसरा स्थान मैच की भूमिका
पहले दौर में कई टूर्नामेंट सिर्फ फाइनल प्लेऑफ़ रखते थे. लेकिन जैसा-जैसा प्रतिस्पर्धा बढ़ी, आयोजकों ने तीसरा स्थान मैच जोड़ दिया. क्रिकेट में वनडे विश्व कप 1992 से लेकर टेनिस ओपन की प्ले‑ऑफ, हर खेल ने इसे अपनाया. इससे न केवल ट्रॉफी जीतने वाले को सम्मान मिला, बल्कि हारने वाले को भी कुछ बक्की जीत की भावना मिली.
उदाहरण के तौर पर, 2019 का ICC क्रिकेट विश्व कप में इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के फाइनल के बाद ऑस्ट्रेलिया‑इंडिया का तीसरा स्थान मैच यादगार रहा. दोनों टीमों ने अपने व्यावसायिक मानकों को दिखा दिया और फैंस को एक और हॉट मैच मिला.
हालिया तीसरे स्थान के मैच – क्या सीखा?
2024 की एशिया कप में भारत‑बंगाल का तीसरा स्थान मैच देखी गई उत्सुकता को काबू नहीं कर पाया. भारत ने एक शानदार चार विकेट से जीत दर्ज की, जिससे उनके रैंकिंग पॉइंट्स में बढ़ोतरी हुई. इस जीत ने कई नवोदित खिलाड़ियों को धाकड़ बनाता दिखाया, जैसे रुतुराज गायकवाड़ की पारी, जिसने डुलीप ट्रॉफी में अपने पुराने फॉर्म को फिर से दिखाया.
फुटबॉल में, 2023 के एशियन Games में सऊदी अरब‑उज़्बेकिस्तान का तीसरा स्थान मैच बहुत टाईट रहा. दोनों टीमों ने 1‑1 से बराबरी बनाई, पर पेनल्टी शूट‑आउट में सऊदी ने जीत हासिल की. इस मैच ने दिखाया कि तनाव में कैसे शान्ति बनाए रखनी चाहिए, और गोलकीपर की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है.
टेनिस में भी 2024 के यूएस ओपन में दारुंधर पवन‑आइवी लियू का तीसरा स्थान मैच काफी रोचक था. दोनों ने 6‑4, 5‑7, 7‑6 से सेट्स खेले, और पवन ने एन्डरस्पोर्ट में अपनी पावर सर्विस दिखा दी.
इन सभी उदाहरणों से हम समझते हैं कि तीसरा स्थान का मैच सिर्फ एक “बैक‑अप” नहीं है, बल्कि एक अलग प्रकार का दबाव, रणनीति और उत्साह लाता है.
अगर आप इस तरह के मैच देखना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ख्याल रखें: पहला, टीम की लाइन‑अप बदलती है, इसलिए नई प्लेयर पर नज़र रखें. दूसरा, कोच की टैक्टिक अक्सर रिवर्स होती है, यानी फाइनल में इस्तेमाल न की गई रणनीति यहाँ दिखती है. अंत में, फैंस के लिए ये एक मौका है अपने पसंदीदा खिलाड़ी को सपोर्ट करने का, चाहे वह बैटिंग हो, बॉलिंग या फ़ील्डिंग.
आने वाले सालों में भी विभिन्न खेलों में तीसरा स्थान मैच का महत्व बढ़ता रहेगा. चाहे वह क्रिकेट की लीग हो, फुटबॉल का विश्व कप, या टेनिस का ग्रैंड स्लैम, हर टॉप‑लेवल टुर्नामेंट में यह मैच दर्शकों को नई आशा और उत्साह देता है.
तो अगली बार जब आप टूर्नामेंट के शेड्यूल देखेंगे, तो तीसरे स्थान के मैच को भी नजरअंदाज न करें. ये आपके खेल ज्ञान को बढ़ाएगा, और शायद एक अनदेखी स्टार को भी पहचान देगा.