टाटा मोटर्स ने अक्टूबर 2025 में हुंडई को पीछे छोड़कर भारत में दूसरा स्थान हासिल किया
अक्टूबर 2025 में, टाटा मोटर्स पैसेंजर वाहन लिमिटेड ने अपना सबसे अच्छा मासिक विक्रय रिकॉर्ड बनाया — 61,295 इकाइयाँ — और हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड को पीछे छोड़कर भारतीय पैसेंजर वाहन बाजार में दूसरे स्थान पर पहुँच गया। यह पहली बार था जब टाटा, जिसने कभी भी हुंडई को इस स्थिति में नहीं छीना था, ने इस उपलब्धि को हासिल किया। एक ओर टाटा की बिक्री 26.6% बढ़ी, तो दूसरी ओर हुंडई की बिक्री 3.2% घटकर 53,792 इकाइयों पर आ गई। यह बदलाव सिर्फ एक आंकड़े का बदलाव नहीं, बल्कि भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार के आधार को हिला देने वाला था।
उत्सव और GST 2.0 का जादू
अक्टूबर 2025 का महीना सिर्फ एक व्यापारिक महीना नहीं था — यह दुशहरा, धनतेरस और दिवाली के साथ भारत के सबसे बड़े उत्सवों का महीना था। हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के व्होल-टाइम डायरेक्टर और सीओओ तरुण गर्ग ने कहा, "इस महीने की बिक्री उत्सवों के साथ GST 2.0 के सकारात्मक प्रभाव से बढ़ी।" यह नए जीएसटी रिफॉर्म्स, जो सितंबर के अंत तक लागू हुए, ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में 25% तक की बढ़ोतरी लाई — जैसा कि ऑटोकार इंडिया ने 3 नवंबर, 2025 को रिपोर्ट किया।इसका सबसे बड़ा फायदा SUVs को हुआ। टाटा की अक्टूबर की कुल बिक्री में 77% — यानी 47,000 से ज्यादा इकाइयाँ — SUV थे। टाटा नेक्सॉन ने सितंबर में 22,500 यूनिट्स बेचकर भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार का रिकॉर्ड तोड़ दिया। साथ ही, टाटा पंच भी टॉप 5 में शामिल हो गया — पहली बार जब एक ही कंपनी की दो मॉडल्स एक साथ टॉप 5 में थीं। और यहाँ एक अजीब बात: टॉप 5 में कोई हैचबैक नहीं था। जबकि GST कम करने से हैचबैक्स को फायदा होना चाहिए था, लेकिन ग्राहकों की पसंद अब SUVs और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर घूम चुकी थी।
इलेक्ट्रिक वाहनों में टाटा की अगुवाई
टाटा मोटर्स का इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बिक्री रिकॉर्ड भी इस रिकॉर्ड का हिस्सा था। अक्टूबर में उन्होंने 7,118 EVs बेचे — 8% की सालाना बढ़ोतरी और 7% महीने-प्रति-महीने की बढ़ोतरी। यह उन्हें 40% EV मार्केट शेयर दिलाता है। जबकि JSW MG मोटर इंडिया (4,497 यूनिट्स) और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड (3,867 यूनिट्स) भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, टाटा की बिक्री अभी भी अग्रणी थी।महिंद्रा के ऑटोमोटिव डिवीजन के सीईओ नलिनिकांथ गोलागुंटा ने कहा, "हमने अक्टूबर में 71,624 SUVs बेचे — यह हमारा सबसे बड़ा मासिक रिकॉर्ड है।" यह बात बताती है कि यह एक बाजार का सामूहिक बदलाव है, सिर्फ एक कंपनी का नहीं। टाटा और महिंद्रा दोनों ने एक ही दिशा में देखा — ग्राहक अब बड़े, उच्च-प्रदर्शन वाले वाहन चाहते हैं, जो इलेक्ट्रिक या CNG संस्करण में उपलब्ध हों।
मारुति के आगे टाटा की चुनौती
अभी भी बाजार का नेता मारुति सुजुकी ही है, लेकिन अब उसके पीछे टाटा और हुंडई के बीच एक नया रिश्ता बन रहा है। टाटा की कुल पैसेंजर वाहन बिक्री (74,855 यूनिट्स, EV सहित) ने उसे हुंडई से आगे निकाल दिया। और यह सिर्फ पैसेंजर वाहन नहीं — टाटा मोटर्स पैसेंजर वाहन लिमिटेड के कॉमर्शियल वाहन विभाग ने भी 37,530 यूनिट्स बेचे, जिसमें घरेलू बिक्री 7% बढ़ी। यह एक अनूठा द्वितीय राष्ट्रीय बाजार का निर्माण है।पिछले तीन महीनों में, टाटा ने अपने पोर्टफोलियो को बिल्कुल सही ढंग से बाजार की जरूरतों के साथ मिलाया है। नेक्सॉन, पंच, एक्सेंट और टाटा सिंगल — सब एसयूवी हैं। CNG वेरिएंट्स की बिक्री लगभग दोगुनी हो गई। इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 8% की बढ़ोतरी सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक बड़े बदलाव का संकेत है।
अगले दो महीने क्या लाएंगे?
अगले दो महीने — नवंबर और दिसंबर 2025 — इस रुझान को और तेज कर सकते हैं। GST 2.0 का पूरा असर अभी तक नहीं दिखा है। ऑटोमोबाइल विश्लेषकों का मानना है कि जब तक ग्राहक अपने खरीदारी के निर्णय को इस नए टैक्स रूपरेखा के साथ समायोजित नहीं कर लेते, तब तक बिक्री में उछाल जारी रहेगा।एक बात जो स्पष्ट है: भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार अब बड़े, बुद्धिमान और वातावरण-अनुकूल वाहनों की ओर बढ़ रहा है। टाटा मोटर्स ने इस बदलाव को नहीं बस समझा, बल्कि उसके आगे बढ़कर इसे निर्मित किया। हुंडई अब बचने के लिए अपने पुराने रणनीतियों को फिर से सोचने के लिए मजबूर है। और मारुति? वह अभी भी नेता है, लेकिन उसकी नींव अब थोड़ी ढीली लग रही है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
टाटा मोटर्स ने हुंडई को क्यों पीछे छोड़ा?
टाटा ने SUVs और EVs पर फोकस करके ग्राहकों की बढ़ती पसंद को समझा। अक्टूबर 2025 में, उनकी SUV बिक्री 47,000 यूनिट्स थी, जबकि हुंडई की बिक्री में 3.2% की कमी आई। GST 2.0 के फायदे और उत्सवों के मौके का फायदा उठाकर टाटा ने बाजार को अपनी ओर खींच लिया।
GST 2.0 का ऑटोमोबाइल बाजार पर क्या प्रभाव पड़ा?
GST 2.0 ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में 25% तक की बिक्री वृद्धि लाई। यह विशेष रूप से SUVs और EVs के लिए लाभदायक रहा, क्योंकि इनके लिए टैक्स संरचना सरल हुई। कंपनियों ने सितंबर के अंत तक बुकिंग्स दोगुनी कर दीं, जिससे अक्टूबर और नवंबर की बिक्री बढ़ी।
क्या टाटा मारुति सुजुकी को पीछे छोड़ सकता है?
अभी तक नहीं — मारुति सुजुकी अभी भी बाजार का नेता है। लेकिन टाटा का रुझान अब इतना मजबूत है कि अगले 6-12 महीनों में यह संभव हो सकता है। टाटा के पास बेहतर उत्पाद और अधिक ग्राहक विश्वास है, जबकि मारुति के लिए हैचबैक्स पर निर्भरता एक बड़ी चुनौती बन गई है।
इलेक्ट्रिक वाहनों में टाटा क्यों अग्रणी है?
टाटा ने नेक्सॉन EV और टाटा सिंगल जैसे मॉडल्स को बाजार में जल्दी लाया, और उनकी कीमतें अन्य प्रतियोगियों से अधिक प्रतिस्पर्धी हैं। उनके पास 40% EV मार्केट शेयर है — जो कि JSW MG और महिंद्रा के जोड़े से भी अधिक है। उनकी बैटरी तकनीक और सेवा नेटवर्क भी बेहतर है।
हुंडई के लिए अब क्या होगा?
हुंडई को अपने पुराने नमूनों को अपडेट करना होगा। उनकी Creta और Venue अभी भी अच्छी बिक रही हैं, लेकिन उनकी EV बिक्री कम है। अगर वे अपने EV पोर्टफोलियो को तेजी से विस्तार नहीं करते, तो वे तीसरे स्थान पर भी अस्थिर हो सकते हैं।
क्या भारतीय ग्राहक अब SUVs और EVs को ही पसंद कर रहे हैं?
हाँ — अक्टूबर 2025 में टॉप 5 कारों में कोई हैचबैक नहीं था, जो पिछले दो सालों में पहली बार है। ग्राहक अब अधिक जगह, बेहतर राइडिंग और ईंधन की बचत चाहते हैं। CNG और EV विकल्प इसी की प्रतिक्रिया हैं। यह एक स्थायी बदलाव है, न कि अस्थायी ट्रेंड।
Sree A
नवंबर 6, 2025 AT 03:54अक्टूबर की EV बिक्री 7,118 यूनिट्स है - 40% मार्केट शेयर के साथ टाटा अभी भी टॉप पर है। JSW MG और महिंद्रा के पास अभी भी गैप है।
Swati Puri
नवंबर 6, 2025 AT 07:42इस रिपोर्ट में जो बातें बताई गईं, वो सच में बड़ा टर्निंग पॉइंट है। SUVs की डिमांड बढ़ने के साथ CNG और EV दोनों को फायदा हुआ। टाटा ने अपने पोर्टफोलियो को बिल्कुल सही तरीके से एडजस्ट किया है। अब देखना होगा कि मारुति कैसे रिस्पॉन्ड करती है।
Dev Toll
नवंबर 7, 2025 AT 10:34मुझे लगता है GST 2.0 ने सिर्फ बिक्री नहीं बढ़ाई, बल्कि ग्राहक के माइंडसेट को बदल दिया। अब लोग सिर्फ कीमत नहीं, बल्कि वैल्यू और फ्यूचर-प्रूफ टेक्नोलॉजी देख रहे हैं।
Avdhoot Penkar
नवंबर 8, 2025 AT 00:22ये सब बकवास है। टाटा ने बस अपने अधिकारियों को बढ़ावा दिया है। हुंडई के लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया होगा। 😂
Akshay Patel
नवंबर 9, 2025 AT 11:19भारतीय कंपनी ने विदेशी कंपनी को पीछे छोड़ा - ये देश की गर्व की बात है। मारुति अभी भी नेता है, लेकिन अगर वो अपने गुम्मट वाले हैचबैक्स को छोड़कर EVs पर फोकस नहीं करती, तो वो भी गिरेगी। देश की आत्मनिर्भरता के लिए टाटा को तारीफ चाहिए।
Raveena Elizabeth Ravindran
नवंबर 11, 2025 AT 09:48अक्टूबर में 61k बिक्री? ये नंबर फेक है। जो लोग बोल रहे हैं उन्हें टाटा का शेयर होगा। बाकी सब ट्रेंड बनाने के लिए जारी है। 🙄
SUNIL PATEL
नवंबर 11, 2025 AT 11:37आंकड़े गलत हैं। टाटा की बिक्री में कम बिक्री वाले मॉडल्स को शामिल किया गया है। हुंडई की बिक्री 53k है - ये निष्पक्ष आंकड़ा है। अगर आप इसे फेक न्यूज़ कहते हैं, तो आपको अपनी डेटा सोर्स चेक करनी चाहिए।
DEVANSH PRATAP SINGH
नवंबर 12, 2025 AT 12:14महिंद्रा ने 71k SUVs बेचे - ये तो बहुत बड़ी बात है। लगता है भारत में SUV का ट्रेंड अब डीप सेक्टरल हो गया है। टाटा और महिंद्रा दोनों ने एक ही रणनीति अपनाई है। अब बारी हुंडई की है।
Arya k rajan
नवंबर 13, 2025 AT 04:29अगर आप देखें तो टाटा ने बस ग्राहक की जरूरत को समझा है - बड़ी कार, बेहतर राइड, CNG या EV विकल्प। ये सिर्फ बिक्री नहीं, बल्कि बदलाव की कहानी है। और हाँ, टॉप 5 में हैचबैक न होना - ये एक बड़ा संकेत है।
pranya arora
नवंबर 13, 2025 AT 21:06क्या हम अपनी पसंद को बाजार की जरूरत के रूप में देख रहे हैं? या हम बाजार को अपनी पसंद के अनुसार बदल रहे हैं? टाटा ने जो किया, वो सिर्फ बिक्री नहीं, बल्कि एक सामाजिक रूपांतरण का हिस्सा है। जब लोग बड़ी कार चाहते हैं, तो ये सिर्फ टेक्नोलॉजी का सवाल नहीं - ये जीवनशैली का सवाल है।
megha u
नवंबर 15, 2025 AT 02:38GST 2.0 एक चाल है जिससे सरकार ने टाटा को बचाया... अगले 6 महीने में देखो, बिक्री गिरेगी। और हाँ, टाटा के इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी चीन से आती है 😏
Krishnan Kannan
नवंबर 15, 2025 AT 20:13एक बात सोचो - अगर टाटा के पास इतना अच्छा EV पोर्टफोलियो है, तो फिर जब तक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर देशभर में नहीं बन जाता, तब तक ये बढ़ोतरी टिकेगी नहीं। बाजार बदल रहा है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी पीछे है।