तुर्की की हवाई सेना ने कुर्द विद्रोही ठिकानों पर किया हमला: सुरक्षा कंपनी पर हमला
तुर्की की हवाई सेना का प्रतिशोधात्मक हमला
तुर्की की हवाई सेना ने कुर्द विद्रोही ठिकानों पर अब तक का सबसे बड़ा प्रतिशोधात्मक हमला किया है। अंकारा के बाहरी इलाके में स्थित तुर्किश एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज इंक (TUSAS) पर हुए घातक हमले के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इस हमले में अनेक लोग हताहत हुए हैं, जिनमें कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की संख्या शामिल है। तुर्की के आंतरिक मंत्री अली यरलिकया ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि हमले के बाद सेना ने संयम नहीं बरता और इराक तथा सीरिया में प्रशासन द्वारा नामजद कुर्द ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए।
घटनास्थल पर हंगामा और सुरक्षाबलों की तैनाती
इस हमले के दौरान पूरा घटनास्थल हंगामे से भर गया। निजी प्रसारणकर्ता एनटीवी के अनुसार, आतंकियों का एक समूह सुरक्षा कर्मियों की शिफ्ट बदलने के समय टैक्सी में आ पहुंचा। इनमें से एक हमलावर ने विस्फोटक उपकरण से धमाका कर दिया, जिसके बाद अन्य हमलावर परिसर में प्रवेश कर गए। घटनास्थल पर गोलियों की आवाजें सुनी गईं और सुरक्षा बलों के पूर्ण प्रयास के बावजूद कुछ लोग बंधक बना लिए गए।
एनटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इलाके में हेलीकॉप्टरों की गश्त जारी रही। इस तनावपूर्ण स्थिति में घटनास्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल, एंबुलेंस, और दमकलकर्मी तैनात किए गए। TUSAS के कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
हमला करने वालों की पहचान और सुरक्षा फुटेज
हमले के पश्चात सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्राप्त फुटेज ने चौंकाने वाले दृश्य प्रस्तुत किए। फुटेज में एक हमलावर को सिविल कपड़ों में, कंधे पर बैग और एक हमला राइफल के साथ देखा गया। एक महिला को भी हमलावरों में शामिल होते देखा गया, जिसने हमला राइफल संभाल रखी थी।
यह कम्पनी नागरिक और सैन्य विमान, मानव रहित हवाई वाहनों, और विभिन्न रक्षा तथा अंतरिक्ष प्रणालियों की डिज़ाइन, उत्पादन, और असेंबली में संलग्न है।
हमलों की पृष्ठभूमि और संभावित जिम्मेदार
तुर्की में पहले भी ऐसे हमले हो चुके हैं जिनके लिए अक्सर कुर्द महासंघ, इस्लामिक स्टेट समूह, और वामपंथी उग्रवादियों को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। देश में जारी आतंकी माहौल ने सुरक्षा सम्बंधी चुनौतियों को और अधिक जटिल बना दिया है।
यह घटना भी उसी श्रृंखला का एक हिस्सा है, हालांकि इस करीब के हमले के लिए किस समूह ने जिम्मेदारी ली है, यह अभी तक पता नहीं चल सका है। ऐसी घटनाएं तुर्की की सुरक्षा रणनीतियों पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं और सुरक्षा संस्थानों को नए सिरे से अपनी कार्यप्रणाली पर विचार करने के लिए विवश करती हैं।
ashish bhilawekar
अक्तूबर 25, 2024 AT 02:58Vishnu Nair
अक्तूबर 26, 2024 AT 09:35Kamal Singh
अक्तूबर 26, 2024 AT 12:17Jasmeet Johal
अक्तूबर 26, 2024 AT 13:00Pinkesh Patel
अक्तूबर 26, 2024 AT 14:01Abdul Kareem
अक्तूबर 27, 2024 AT 11:55