UP के मुख्य सचिव SP गोयल ने मेडिकल लीव से लौट कर फिर से संभाली जिम्मेदारियां
मुख्य सचिव का स्वास्थ्य जुड़े मुद्दे
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मुख्य सचिव SP गोयल ने लगभग एक महीने‑एक तिमाही की मेडिकल लीव पूरी कर फिर से अपने आधिकारिक कर्तव्यों को संभाला है। 1989 बैच के इस अनुभवी IAS अधिकारी ने 31 जुलाई 2025 को राज्य के सर्वोच्च प्रशासनिक पद की शपथ ली थी, पर नियुक्ति के कुछ समय बाद ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण वे अवकाश पर चले गए। उनका स्वास्थ्य सुधार होते ही, उन्होंने हॉलिडे रूटीन समाप्त कर, फिर से कार्यभार संभाला।
लेव के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अस्थायी रूप से इस पद को संभाला और कई अतिरिक्त चार्ज भी उनके नाम किए गए। इन चार्जों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर (IIDC), PICUP के चेयरमैन, UPEIDA के सीईओ, UPSHA के सीईओ, समन्वय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, और UPDASP के प्रोजेक्ट डायरेक्टर शामिल थे। दीपक कुमार पहले से ही कृषि उत्पादन कमिश्नर और वित्त – बुनियादी एवं माध्यमिक शिक्षा के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत थे, इसलिए उन्होंने इन जिम्मेदारियों को सहजता से संभाला।
अधिकारियों पर प्रभाव और आगे का मार्ग
गॉयल की वापसी का महत्व इस तथ्य में है कि राज्य सरकार अभी कई बड़े पहल पर काम कर रही है। उनका पूर्व अनुभव—मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ 2017 से प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रिंसिपल सचिव के रूप में सेवा—उन्हें प्रशासकीय फैसलों में तेज़ी और दृढ़ता प्रदान करता है। उन्होंने अपना कार्यकाल शुरू करते ही ‘अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहिष्णुता’ को प्राथमिकता बताया था, जो मुख्यमंत्री की विकास प्रॉडक्टिव विज़न के साथ मेल खाता है।
वापसी के बाद, गॉयल ने कुछ मुख्य बिंदु दोहराए:
- राज्य और केन्द्र की योजनाओं का त्वरित कार्यान्वयन, विशेषकर औद्योगिक विकास के क्षेत्र में।
- उत्तरी प्रदेश को $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में नीतियों को सुदृढ़ करना।
- कानून व्यवस्था को मजबूत बनाते हुए अपराध के खिलाफ कठोर कदम उठाना।
- वित्तीय अनुशासन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
इन बिंदुओं को साकार करने के लिए उन्होंने कई उच्चस्तरीय बैठकों की घोषणा की है, जिसमें राज्य के उद्योग बैनरधारी, वित्तीय अधिकारी और योजनात्मक विभाग शामिल होंगे। उनकी वापसी का एक आवश्यक पहलू यह भी है कि वे कई अतिरिक्त पदों को फिर से अपने मूलधार पर लाएँगे, जिससे प्रबंधन में एकरूपता और फोकस वापस आएगा।
राज्य के विभिन्न जिलों में हाल ही में हुई बाढ़, सूखा और बेरोज़गारी की चुनौतियों को देखते हुए, गॉयल की व्यावहारिक दृष्टि और नीति‑निर्माण कौशल को बड़ी जरूरत महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक मशीनरी को ‘डिजिटल और जिम्मेदार’ बनाना प्राथमिकता होगी, जिससे हर योजना का लाभ सीधे आम नागरिक तक पहुंच सके।
भविष्य में, गॉयल के कामकाज पर निकटता से नज़र रखी जाएगी, विशेषकर उनके और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच की सहकारी भावना। दोनों का साझा लक्ष्य उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर एक आर्थिक हब में बदलना है, और इस दिशा में अब उनका सहयोग फिर से दृढ़ता से आगे बढ़ेगा।
Namrata Kaur
सितंबर 23, 2025 AT 02:50indra maley
सितंबर 23, 2025 AT 22:30Kiran M S
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