UP के मुख्य सचिव SP गोयल ने मेडिकल लीव से लौट कर फिर से संभाली जिम्मेदारियां

UP के मुख्य सचिव SP गोयल ने मेडिकल लीव से लौट कर फिर से संभाली जिम्मेदारियां
22 सितंबर 2025 19 टिप्पणि Kaushal Badgujar

मुख्य सचिव का स्वास्थ्य जुड़े मुद्दे

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मुख्य सचिव SP गोयल ने लगभग एक महीने‑एक तिमाही की मेडिकल लीव पूरी कर फिर से अपने आधिकारिक कर्तव्यों को संभाला है। 1989 बैच के इस अनुभवी IAS अधिकारी ने 31 जुलाई 2025 को राज्य के सर्वोच्च प्रशासनिक पद की शपथ ली थी, पर नियुक्ति के कुछ समय बाद ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण वे अवकाश पर चले गए। उनका स्वास्थ्य सुधार होते ही, उन्होंने हॉलिडे रूटीन समाप्त कर, फिर से कार्यभार संभाला।

लेव के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अस्थायी रूप से इस पद को संभाला और कई अतिरिक्त चार्ज भी उनके नाम किए गए। इन चार्जों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर (IIDC), PICUP के चेयरमैन, UPEIDA के सीईओ, UPSHA के सीईओ, समन्वय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, और UPDASP के प्रोजेक्ट डायरेक्टर शामिल थे। दीपक कुमार पहले से ही कृषि उत्पादन कमिश्नर और वित्त – बुनियादी एवं माध्यमिक शिक्षा के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत थे, इसलिए उन्होंने इन जिम्मेदारियों को सहजता से संभाला।

अधिकारियों पर प्रभाव और आगे का मार्ग

गॉयल की वापसी का महत्व इस तथ्य में है कि राज्य सरकार अभी कई बड़े पहल पर काम कर रही है। उनका पूर्व अनुभव—मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ 2017 से प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रिंसिपल सचिव के रूप में सेवा—उन्हें प्रशासकीय फैसलों में तेज़ी और दृढ़ता प्रदान करता है। उन्होंने अपना कार्यकाल शुरू करते ही ‘अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहिष्णुता’ को प्राथमिकता बताया था, जो मुख्यमंत्री की विकास प्रॉडक्टिव विज़न के साथ मेल खाता है।

वापसी के बाद, गॉयल ने कुछ मुख्य बिंदु दोहराए:

  • राज्य और केन्द्र की योजनाओं का त्वरित कार्यान्वयन, विशेषकर औद्योगिक विकास के क्षेत्र में।
  • उत्तरी प्रदेश को $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में नीतियों को सुदृढ़ करना।
  • कानून व्यवस्था को मजबूत बनाते हुए अपराध के खिलाफ कठोर कदम उठाना।
  • वित्तीय अनुशासन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करना।

इन बिंदुओं को साकार करने के लिए उन्होंने कई उच्चस्तरीय बैठकों की घोषणा की है, जिसमें राज्य के उद्योग बैनरधारी, वित्तीय अधिकारी और योजनात्मक विभाग शामिल होंगे। उनकी वापसी का एक आवश्यक पहलू यह भी है कि वे कई अतिरिक्त पदों को फिर से अपने मूलधार पर लाएँगे, जिससे प्रबंधन में एकरूपता और फोकस वापस आएगा।

राज्य के विभिन्न जिलों में हाल ही में हुई बाढ़, सूखा और बेरोज़गारी की चुनौतियों को देखते हुए, गॉयल की व्यावहारिक दृष्टि और नीति‑निर्माण कौशल को बड़ी जरूरत महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक मशीनरी को ‘डिजिटल और जिम्मेदार’ बनाना प्राथमिकता होगी, जिससे हर योजना का लाभ सीधे आम नागरिक तक पहुंच सके।

भविष्य में, गॉयल के कामकाज पर निकटता से नज़र रखी जाएगी, विशेषकर उनके और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच की सहकारी भावना। दोनों का साझा लक्ष्य उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर एक आर्थिक हब में बदलना है, और इस दिशा में अब उनका सहयोग फिर से दृढ़ता से आगे बढ़ेगा।

19 टिप्पणि

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    Namrata Kaur

    सितंबर 23, 2025 AT 02:50
    वापसी अच्छी हुई। अब जल्दी से बाढ़ और बेरोजगारी के लिए एक्शन चाहिए।
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    indra maley

    सितंबर 23, 2025 AT 22:30
    क्या वाकई एक व्यक्ति के स्वास्थ्य के आधार पर राज्य की दिशा तय होती है या हम सिर्फ एक नेतृत्व की छाया में रह गए हैं
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    Kiran M S

    सितंबर 25, 2025 AT 07:06
    अरे भाई ये लोग तो अपनी नौकरी के लिए बीमार पड़ जाते हैं और ठीक होते ही वापस आ जाते हैं। असली चुनौती तो उनके बाद के लोगों को अधिकार देना है।
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    Paresh Patel

    सितंबर 25, 2025 AT 11:38
    इस तरह के लोग वापस आए हैं तो उम्मीद है कि अब जमीनी स्तर पर भी कुछ बदलाव आएगा। बस दिल से चाहता हूँ कि ये बस शब्दों में न रह जाए।
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    anushka kathuria

    सितंबर 27, 2025 AT 04:27
    इस पद के लिए अनुभव और स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण है। गोयल साहब की वापसी एक स्थिरता का संकेत है।
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    Noushad M.P

    सितंबर 28, 2025 AT 07:01
    ye sab toh bas media ka drama hai.. koi asli change nahi hua.. sab kuchh same hai..
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    Sanjay Singhania

    सितंबर 28, 2025 AT 15:12
    एक नियंत्रण वाली ब्यूरोक्रेसी को डिजिटलाइज़ करने के लिए एक एक्स-एक्सीक्यूटिव लीडर की जरूरत होती है जो एंट्रोपी को कम कर सके। गोयल वही हैं।
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    Raghunath Daphale

    सितंबर 29, 2025 AT 21:18
    फिर से ये सब चल रहा है? 😒 बस एक बार देखो कि कितने लोगों के घरों में बिजली नहीं है और ये लोग ट्रिलियन डॉलर की बात कर रहे हैं।
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    Renu Madasseri

    सितंबर 30, 2025 AT 01:06
    ये वापसी एक अच्छा संकेत है। जब अनुभवी लोग वापस आते हैं तो लोगों को आशा मिलती है। बस धीरे-धीरे काम करें, जल्दबाजी न करें।
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    Aniket Jadhav

    सितंबर 30, 2025 AT 14:10
    दीपक कुमार ने जो किया वो बहुत अच्छा था। अब गोयल वापस आए हैं तो उनके साथ जोड़कर काम करना चाहिए।
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    Anoop Joseph

    सितंबर 30, 2025 AT 16:08
    उम्मीद है कि अब जिला स्तर पर भी निर्णय लेने की शक्ति दी जाएगी।
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    Kajal Mathur

    अक्तूबर 2, 2025 AT 15:24
    एक व्यक्ति के वापस आने से राज्य का भविष्य नहीं बदलता। व्यवस्था को बदलना होगा।
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    rudraksh vashist

    अक्तूबर 3, 2025 AT 08:13
    काम तो बस शुरू हुआ है। अब देखना होगा कि कितने लोगों को फायदा होता है।
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    Archana Dhyani

    अक्तूबर 4, 2025 AT 07:34
    अरे यार, ये सब तो बस लोगों को भ्रमित करने के लिए है। क्या आपको लगता है कि एक आदमी अकेले एक राज्य को $1 ट्रिलियन में बदल सकता है? ये सब एक लंबी बातचीत है जिसमें कोई असली प्रगति नहीं होती। आप सब बस इस बात पर विश्वास कर रहे हैं कि जब तक एक आदमी नेतृत्व कर रहा है, सब ठीक है। ये नहीं है। ये तो एक अभिनय है।
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    Guru Singh

    अक्तूबर 5, 2025 AT 16:42
    अगर वित्तीय अनुशासन और बुनियादी ढांचे में पारदर्शिता का जिक्र है, तो ये बातें लिखी नहीं जानी चाहिए, बल्कि लागू की जानी चाहिए।
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    Sahaj Meet

    अक्तूबर 6, 2025 AT 19:49
    मैं तो सोच रहा था कि अब ये सब बातें अच्छी लगेंगी, पर असली चीज़ तो ये है कि आम आदमी को बस एक अच्छा रास्ता मिले।
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    Madhav Garg

    अक्तूबर 7, 2025 AT 22:31
    हमें अपने अधिकारियों को विश्वास देना चाहिए। अगर वे वापस आए हैं तो उनके पास योजना होगी।
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    Sumeer Sodhi

    अक्तूबर 9, 2025 AT 17:12
    फिर से ये बातें... बस एक बार देखो कि गांवों में बच्चे कितने दिन तक पढ़ पा रहे हैं। ये सब ट्रिलियन डॉलर की बातें बस शहरी लोगों के लिए हैं।
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    Kiran M S

    अक्तूबर 11, 2025 AT 12:47
    हां, दीपक कुमार ने अच्छा किया, लेकिन उनके पास इतने सारे चार्ज क्यों थे? ये तो एक आदमी के लिए बहुत है। ये तो बस बोझ बढ़ा रहे हैं।

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