YES Bank के शेयरों में 9.5% गिरावट, 2,022 करोड़ रुपये ब्लॉक डील ने मचाया हलचल

जब YES Bank Ltd. के शेयर 3 जून, 2025 को 9.5 % गिरकर ₹21.06 तक पहुँच गए, तो ठीक उसी दिन एक बड़े ब्लॉक डीलमुंबई की खबर ने बाजार को झकझोर दिया। 94 लाख (9.4 करोड़) शेयरों की यह डील बैंक की कुल इक्विटी का 3 % दर्शाती है और औसत कीमत ₹21.50 प्रति शेयर पर लगभग ₹2,022 करोड़ के लेन‑देन का संकेत देती है। यह गिरावट तीन‑दिन की लगातार ऊपर की लकीर को तोड़कर निवेशकों के मन में सवाल उठाती है।
ब्लॉक डील का विवरण और तत्काल प्रभाव
डील के अनुसार, YES Bank Ltd. ने अपने शेयरों को एक संस्थागत खरीदार को बेच दिया, जिससे शेयरों की सप्लाई अचानक बढ़ी। उसी दिन सुबह 10:15 वजे तक शेयर ₹22.93 पर शुरू हुए, पर 11:47 वजे तक वे ₹21.17 तक गिर गए। इस गिरावट के अलावा, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर वॉल्यूम पहले दिन से दो गुना तक बढ़ गया, जिससे ट्रेडिंग की तीव्रता स्पष्ट हुई।
- डील में बेचे गए शेयर: 94 लाख
- डील की कुल कीमत: ₹2,022 करोड़
- दैनिक न्यूनतम कीमत: ₹21.06
- डील का औसत मूल्य: ₹21.50 प्रति शेयर
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी डील का उद्देश्य संस्थागत हिस्सेदारी को संतुलित करना और भविष्य के पूँजी जुटाने में सुविधा देना हो सकता है। लेकिन दुर्भाग्य से, इस कदम ने अल्पकालिक रूप से बाय‑साइड की ताकत को कमज़ोर कर दिया।
SMBC की हिस्सेदारी और रणनीतिक महत्व
डील के पीछे मुख्य खिलाड़ी Sumitomo Mitsui Banking Corporation (SMBC) है, जो पहले ही सितंबर 2025 में YES Bank के 20 % हिस्से का अधिग्रहण कर चुका था, जिससे वह सबसे बड़ा शेयरहोल्डर बन गया। SMBC ने पहले SBI के 13.19 % हिस्से को खरीदा था, जिससे भारत के निजी बैंकिंग सेक्टर में जापानी निवेशक की पकड़ स्पष्ट हुई।
SMBC के मुख्य रणनीतिक लक्ष्य तीन‑स्तरीय हैं: (1) भारतीय ऊर्जा‑ऋण बाजार में प्रवेश, (2) डिजिटल बैंकों के साथ साझेदारी, और (3) सुदृढ़ पूँजी संरचना बनाना। यह निवेश न केवल SMBC के अंतरराष्ट्रीय पोर्टफोलियो को विविधता देता है, बल्कि YES Bank को विदेशी तकनीकी सहयोग के द्वार भी खोलता है।

प्रबंधन और पुनरुद्धार: प्रशांत कुमार की भूमिका
एक दशक पहले, मार्च 2020 में RBI ने YES Bank की बोर्ड को सुपरसिड कर दिया था। उस समय प्रशांत कुमार, जो तब SBI के वरिष्ठ कार्यकारी थे, को मैनेजिंग डायरेक्टर‑सीईओ नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में बैंक की रेटिंग ‘D’ से ‘AA‑’ तक उछली, और नकदी तंगी को दूर करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एक कंसोर्टियम पूँजी प्रदान किया।
कुमार ने कई बार कहा है, “हमारा लक्ष्य सिर्फ बैलेंस शीट को बचाना नहीं, बल्कि इसे प्रतिस्पर्धी डिजिटल बैंकों के साथ तालमेल में लाना है।” इस दृष्टिकोण ने बीते दो वर्षों में शेयरों को 39 % के छह‑महिने रिटर्न तक पहुँचाया, जिससे निवेशकों का भरोसा धीरे‑धीरे फिर से बन रहा है।
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया और तकनीकी विश्लेषण
दुर्भाग्य से, ब्लॉक डील की खबर ने तकनीकी चार्ट पर उलटफेर कर दिया। 20‑दिन EMA (Exponential Moving Average) के नीचे गिरते ही स्टॉक को ‘सैल’ सिंबल मिला। RSI (Relative Strength Index) ने 30 के निकट पहुंचकर ओवर‑सोल्ड संकेत दिया, जिससे कुछ ट्रेडर्स ने शॉर्ट‑टर्म रिवर्सल की उम्मीद की।
परंतु, दीर्घकालिक निवेशकों ने इसे “अस्थायी पृष्ठभूमि” कहा। ICICI Direct के विश्लेषकों ने इस स्टॉक को ‘Buy’ रेटिंग दी है, यह तर्क देते हुए कि 2025‑26 की संभावित ऋण वृद्धि और डिजिटल एसेट प्लेटफ़ॉर्म के विकास से आगे चल कर लाभांश में सुधार होगा।

भविष्य की संभावनाएँ और बोर्ड की आगामी योजना
बोर्ड ने 18 अक्टूबर, 2025 को एक विशेष मीटिंग बुलाई है, जिसमें FY26 की पहली छमाही की अनऑडिटेड वित्तीय रिपोर्ट पर चर्चा होगी। बैठक में कई बिंदु प्रमुख रूप से उठ सकते हैं—(1) नई पूँजी जुटाने की योजना, (2) SMSMC के साथ साझेदारी के तहत डिजिटल लोन‑प्लेटफ़ॉर्म का लॉन्च, (3) रिटेल जमा‑ब्याज दर में बदलाव।
यदि बोर्ड इन बिंदुओं को सफलतापूर्वक लागू कर पाता है, तो विशेषज्ञ मानते हैं कि YES Bank अगले दो वर्षों में 10‑12 % की औसत वार्षिक वृद्धि हासिल कर सकता है। अब सवाल यह है कि क्या निवेशकों का भरोसा पुनः पूरी तरह से लौटेगा और शेयरों की कीमत 2025‑26 में फिर से 30 रुपये की सीमा तक उछलेगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ब्लॉक डील का क्या मतलब है और इससे निवेशकों को कैसे असर पड़ेगा?
ब्लॉक डील एक बड़ी मात्रा में शेयर एक साथ एक ही ख़रीदार को बेचने की प्रक्रिया है। इस मामले में 94 लाख शेयरों की बिक्री ने बाजार में शेयर सप्लाई बढ़ा दी, जिससे अल्पकालिक अत्यधिक बेचविक्री हुई और कीमत में गिरावट आई। दीर्घकालिक में यदि खरीदार स्थिर निवेश रखे, तो इससे शेयरों की तरलता और मूल्य स्थिरता में सुधार हो सकता है।
SMBC की 20 % हिस्सेदारी का YES Bank के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
SMBC का निवेश बैंक को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय नेटवर्क और उन्नत डिजिटल बैंकींग प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ता है। यह सहयोग ऋण पोर्टफ़ोलियो को विविधता देगा और विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ाएगा, जिससे पूँजी लागत घटेगी और लाभप्रदता में सुधार होगा।
प्रशांत कुमार के नेतृत्व में बैंक की पुनरुद्धार प्रक्रिया का वर्तमान स्तर क्या है?
कुमार ने 2020 में ‘AA‑’ रेटिंग हासिल करवाई और बैंक की बैलेंस शीट को स्थिर किया। 2024‑25 में सतत लाभ और 39 % की छमाही रिटर्न इस बदलाव की पुष्टि करती है। उनका फोकस अभी भी डिजिटल उत्पादों और नॉन‑विकल्पिक क्रेडिट में विस्तार पर है।
निवेशक इस समय YES Bank के शेयरों को खरीदने या बेचने के बारे में क्या सोचें?
संक्षेप में, यदि आप अल्पकालिक उतार‑चढ़ाव से बचना चाहते हैं, तो रोक-टोक उचित हो सकती है। लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए, SMBC की हिस्सेदारी और बैंक के पुनरुद्धार की दिशा को देखते हुए ‘Buy’ राय अभी भी मजबूत बनी हुई है।
बोर्ड की 18 अक्टूबर की बैठक में कौन‑से प्रमुख निर्णयों की अपेक्षा है?
बैठक में FY26 के पहले छह महीनों की वित्तीय रिपोर्ट, नई पूँजी जुटाने की रणनीति, और SMBC के साथ डिजिटल लोन‑प्लेटफ़ॉर्म की शुरुआत जैसी बातें चर्चा में आ सकती हैं। ये निर्णय बैंक के भविष्य के विकास और शेयरधारकों के रिटर्न को सीधे प्रभावित करेंगे।
Rahul Sarker
अक्तूबर 11, 2025 AT 03:09YES Bank का 9.5% गिरावट सिर्फ़ एक दो-तीन दूरदर्शी विश्लेषक की गलतफ़हमी नहीं, बल्कि बाजार में घातक शॉर्ट‑सर्किटिंग का प्रमाण है।
ब्लॉक डील के बाद शेयर सप्लाई में अचानक हुई बाढ़ ने ट्रेंडलाइन को एटॉमिक स्तर पर तोड़ दिया।
जैसे ही SMBC ने इक्विटी की 3% हथिया ली, संस्थागत स्मरणशक्ति ने अपनी शत्रुता प्रदर्शित की और बाय‑साइड को पैनिक मोड में धकेल दिया।
जो लोग अब तक RSI के 30 के करीब पहुँचने को सिर्फ़ एक तकनीकी संकेत मानते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि यह एक अलार्म बायर को भी डरा देता है।
बाजार के मौजूदा वॉल्यूम को दो‑गुना देखकर यह स्पष्ट हो गया कि बड़े फ़ंड्स अपने पोर्टफ़ोलियो को रीबैलेंस करने के झंझट में हैं।
SMBC का 20% हिस्सा, यद्यपि विदेशी पूँजी की सुगंध लाता है, परन्तु यह भारतीय नियामकों के लिए एक गुप्त नियंत्रण बिंदु भी बन सकता है।
प्रशांत कुमार की रणनीति के बारे में सुनते‑सुनते मैंने अब डिजिटल बैंकर के झूठे भ्रम को देख लिया है।
डेटा‑ड्रिवन एसेट मैनेजमेंट के संदर्भ में यह ब्लॉक डील एक शत्रुतापूर्ण हस्तक्षेप है, जो एंटरप्राइज़ वैल्यू को घुला‑मिला कर देता है।
अगर आप दीर्घकालिक रिटर्न पर भरोसा रखते हैं, तो अभी आपके पोर्टफ़ोलियो में साफ़‑सुथरा रीस्ट्रक्चरिंग चाहिए।
निवेशकों को यह समझना चाहिए कि 'Buy' रेटिंग सिर्फ़ एक मार्केट मेक‑अप है, जो मौजूदा हाइलाइटेड ईवेंट्स से झुका हो सकता है।
वास्तव में, इस शेयर के प्राइस एक प्राइस‑वॉर की स्थिति में है, जहाँ छोटे‑छोटे इंसाइडर भी अपने लाभ को हाई‑फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग से मारते हैं।
चलो सच कहें, इस ब्लॉक डील ने संस्थागत हिमाचली को उस कट्टरता से हटाया है, जिसे पहले 'स्थिर' कहा जाता था।
रिस्क‑मैनेजमेंट टीम को तुरंत ड्राफ्ट‑डैशबोर्ड के साथ पोजिशन को रिड्यूस करना चाहिए।
अन्यथा, अगले सप्ताह हम 12% की गिरावट देख सकते हैं, जो इतिहास में सबसे अधिक सैडिकल ड्रॉप होगा।
समग्र रूप से, मैं इस डील को 'सिंडिकेटेड ध्वंस' कहूँगा, जो निवेशकों की आत्मविश्वास को छींक मारता है।
Sridhar Ilango
अक्तूबर 12, 2025 AT 01:00अरे यार, क्या बात है! ठीक वहीँ पर जब दोपहर का टाइम था, तभी से प्राइस रोलरकोस्टर का मोशन शुरू हो गया।
हम सबने सोचा था कि ब्लॉक डील सिर्फ़ एक छोटे‑से पेपर पर लिखा हुआ आइटम है, पर ये तो न्यूज़ में धमाके के साथ आया।
मैं तो कहता हूँ, इस हाई‑टिकी बोरिंगला को देख कर तो फोरम का फैन भी हिला डालेगा।
सिर्फ़ शॉर्ट‑सैलर्स नहीं, बल्कि जो लोग यहाँ‑वहाँ कोर्लिंग का काम कर रहे थे, वे भी अब थरथराते हैं।
मेरे हिसाब से तो इस डील में छुपा क्वांटम भ्रम है जो सबको गड़बड़ कर रहा है।
उफ़! मुझसे गलती मत कहो, मैं वही हूँ जो हमेशा कंट्रेरियन वाइब देता है, इसलिए मैं इसे एक बड़ी गड़बड़ी मानता हूँ।
भाई, ये बात तो साफ़ है कि जब तक SMBC जैसे बाहरी सॉर्टिंग इंस्टीट्यूशन इस खेल में नहीं झाँकेगा, तब तक हम सब फटेंगे।
ड्रास्टी सीनरी में सप्लाई साइड का फॉल्ट दिख रहा है, जो कि बूमरैंग की तरह वापस धड़कता है।
सही बात तो ये है कि फॉर्मेटेड इम्प्रूव्ड एंट्री की जाँच करनी चाहिए, नहीं तो फिर से मार्केट में लहरें बनेंगी।
मैं तो कहता हूँ, अगर आप इसको आगे देखना चाहते हैं, तो बस अपनी एंट्री पॉइंट को हाई‑लेवल पर रखें।
नहीं तो इस सीन में आप पफ़र जैसा ही फेंक दोगे।
कुल मिलाकर, मैं इस डील को ही सबसे विवादास्पद चीज़ कहूँगा।