YES Bank के शेयरों में 9.5% गिरावट, 2,022 करोड़ रुपये ब्लॉक डील ने मचाया हलचल

YES Bank के शेयरों में 9.5% गिरावट, 2,022 करोड़ रुपये ब्लॉक डील ने मचाया हलचल
11 अक्तूबर 2025 12 टिप्पणि Kaushal Badgujar

जब YES Bank Ltd. के शेयर 3 जून, 2025 को 9.5 % गिरकर ₹21.06 तक पहुँच गए, तो ठीक उसी दिन एक बड़े ब्लॉक डीलमुंबई की खबर ने बाजार को झकझोर दिया। 94 लाख (9.4 करोड़) शेयरों की यह डील बैंक की कुल इक्विटी का 3 % दर्शाती है और औसत कीमत ₹21.50 प्रति शेयर पर लगभग ₹2,022 करोड़ के लेन‑देन का संकेत देती है। यह गिरावट तीन‑दिन की लगातार ऊपर की लकीर को तोड़कर निवेशकों के मन में सवाल उठाती है।

ब्लॉक डील का विवरण और तत्काल प्रभाव

डील के अनुसार, YES Bank Ltd. ने अपने शेयरों को एक संस्थागत खरीदार को बेच दिया, जिससे शेयरों की सप्लाई अचानक बढ़ी। उसी दिन सुबह 10:15 वजे तक शेयर ₹22.93 पर शुरू हुए, पर 11:47 वजे तक वे ₹21.17 तक गिर गए। इस गिरावट के अलावा, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर वॉल्यूम पहले दिन से दो गुना तक बढ़ गया, जिससे ट्रेडिंग की तीव्रता स्पष्ट हुई।

  • डील में बेचे गए शेयर: 94 लाख
  • डील की कुल कीमत: ₹2,022 करोड़
  • दैनिक न्यूनतम कीमत: ₹21.06
  • डील का औसत मूल्य: ₹21.50 प्रति शेयर

विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी डील का उद्देश्य संस्थागत हिस्सेदारी को संतुलित करना और भविष्य के पूँजी जुटाने में सुविधा देना हो सकता है। लेकिन दुर्भाग्य से, इस कदम ने अल्पकालिक रूप से बाय‑साइड की ताकत को कमज़ोर कर दिया।

SMBC की हिस्सेदारी और रणनीतिक महत्व

डील के पीछे मुख्य खिलाड़ी Sumitomo Mitsui Banking Corporation (SMBC) है, जो पहले ही सितंबर 2025 में YES Bank के 20 % हिस्से का अधिग्रहण कर चुका था, जिससे वह सबसे बड़ा शेयरहोल्डर बन गया। SMBC ने पहले SBI के 13.19 % हिस्से को खरीदा था, जिससे भारत के निजी बैंकिंग सेक्टर में जापानी निवेशक की पकड़ स्पष्ट हुई।

SMBC के मुख्य रणनीतिक लक्ष्य तीन‑स्तरीय हैं: (1) भारतीय ऊर्जा‑ऋण बाजार में प्रवेश, (2) डिजिटल बैंकों के साथ साझेदारी, और (3) सुदृढ़ पूँजी संरचना बनाना। यह निवेश न केवल SMBC के अंतरराष्ट्रीय पोर्टफोलियो को विविधता देता है, बल्कि YES Bank को विदेशी तकनीकी सहयोग के द्वार भी खोलता है।

प्रबंधन और पुनरुद्धार: प्रशांत कुमार की भूमिका

प्रबंधन और पुनरुद्धार: प्रशांत कुमार की भूमिका

एक दशक पहले, मार्च 2020 में RBI ने YES Bank की बोर्ड को सुपरसिड कर दिया था। उस समय प्रशांत कुमार, जो तब SBI के वरिष्ठ कार्यकारी थे, को मैनेजिंग डायरेक्टर‑सीईओ नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में बैंक की रेटिंग ‘D’ से ‘AA‑’ तक उछली, और नकदी तंगी को दूर करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एक कंसोर्टियम पूँजी प्रदान किया।

कुमार ने कई बार कहा है, “हमारा लक्ष्य सिर्फ बैलेंस शीट को बचाना नहीं, बल्कि इसे प्रतिस्पर्धी डिजिटल बैंकों के साथ तालमेल में लाना है।” इस दृष्टिकोण ने बीते दो वर्षों में शेयरों को 39 % के छह‑महिने रिटर्न तक पहुँचाया, जिससे निवेशकों का भरोसा धीरे‑धीरे फिर से बन रहा है।

शेयर बाजार की प्रतिक्रिया और तकनीकी विश्लेषण

दुर्भाग्य से, ब्लॉक डील की खबर ने तकनीकी चार्ट पर उलटफेर कर दिया। 20‑दिन EMA (Exponential Moving Average) के नीचे गिरते ही स्टॉक को ‘सैल’ सिंबल मिला। RSI (Relative Strength Index) ने 30 के निकट पहुंचकर ओवर‑सोल्ड संकेत दिया, जिससे कुछ ट्रेडर्स ने शॉर्ट‑टर्म रिवर्सल की उम्मीद की।

परंतु, दीर्घकालिक निवेशकों ने इसे “अस्थायी पृष्ठभूमि” कहा। ICICI Direct के विश्लेषकों ने इस स्टॉक को ‘Buy’ रेटिंग दी है, यह तर्क देते हुए कि 2025‑26 की संभावित ऋण वृद्धि और डिजिटल एसेट प्लेटफ़ॉर्म के विकास से आगे चल कर लाभांश में सुधार होगा।

भविष्य की संभावनाएँ और बोर्ड की आगामी योजना

भविष्य की संभावनाएँ और बोर्ड की आगामी योजना

बोर्ड ने 18 अक्टूबर, 2025 को एक विशेष मीटिंग बुलाई है, जिसमें FY26 की पहली छमाही की अनऑडिटेड वित्तीय रिपोर्ट पर चर्चा होगी। बैठक में कई बिंदु प्रमुख रूप से उठ सकते हैं—(1) नई पूँजी जुटाने की योजना, (2) SMSMC के साथ साझेदारी के तहत डिजिटल लोन‑प्लेटफ़ॉर्म का लॉन्च, (3) रिटेल जमा‑ब्याज दर में बदलाव।

यदि बोर्ड इन बिंदुओं को सफलतापूर्वक लागू कर पाता है, तो विशेषज्ञ मानते हैं कि YES Bank अगले दो वर्षों में 10‑12 % की औसत वार्षिक वृद्धि हासिल कर सकता है। अब सवाल यह है कि क्या निवेशकों का भरोसा पुनः पूरी तरह से लौटेगा और शेयरों की कीमत 2025‑26 में फिर से 30 रुपये की सीमा तक उछलेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ब्लॉक डील का क्या मतलब है और इससे निवेशकों को कैसे असर पड़ेगा?

ब्लॉक डील एक बड़ी मात्रा में शेयर एक साथ एक ही ख़रीदार को बेचने की प्रक्रिया है। इस मामले में 94 लाख शेयरों की बिक्री ने बाजार में शेयर सप्लाई बढ़ा दी, जिससे अल्पकालिक अत्यधिक बेचविक्री हुई और कीमत में गिरावट आई। दीर्घकालिक में यदि खरीदार स्थिर निवेश रखे, तो इससे शेयरों की तरलता और मूल्य स्थिरता में सुधार हो सकता है।

SMBC की 20 % हिस्सेदारी का YES Bank के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

SMBC का निवेश बैंक को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय नेटवर्क और उन्नत डिजिटल बैंकींग प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ता है। यह सहयोग ऋण पोर्टफ़ोलियो को विविधता देगा और विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ाएगा, जिससे पूँजी लागत घटेगी और लाभप्रदता में सुधार होगा।

प्रशांत कुमार के नेतृत्व में बैंक की पुनरुद्धार प्रक्रिया का वर्तमान स्तर क्या है?

कुमार ने 2020 में ‘AA‑’ रेटिंग हासिल करवाई और बैंक की बैलेंस शीट को स्थिर किया। 2024‑25 में सतत लाभ और 39 % की छमाही रिटर्न इस बदलाव की पुष्टि करती है। उनका फोकस अभी भी डिजिटल उत्पादों और नॉन‑विकल्पिक क्रेडिट में विस्तार पर है।

निवेशक इस समय YES Bank के शेयरों को खरीदने या बेचने के बारे में क्या सोचें?

संक्षेप में, यदि आप अल्पकालिक उतार‑चढ़ाव से बचना चाहते हैं, तो रोक-टोक उचित हो सकती है। लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए, SMBC की हिस्सेदारी और बैंक के पुनरुद्धार की दिशा को देखते हुए ‘Buy’ राय अभी भी मजबूत बनी हुई है।

बोर्ड की 18 अक्टूबर की बैठक में कौन‑से प्रमुख निर्णयों की अपेक्षा है?

बैठक में FY26 के पहले छह महीनों की वित्तीय रिपोर्ट, नई पूँजी जुटाने की रणनीति, और SMBC के साथ डिजिटल लोन‑प्लेटफ़ॉर्म की शुरुआत जैसी बातें चर्चा में आ सकती हैं। ये निर्णय बैंक के भविष्य के विकास और शेयरधारकों के रिटर्न को सीधे प्रभावित करेंगे।

12 टिप्पणि

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    Rahul Sarker

    अक्तूबर 11, 2025 AT 03:09

    YES Bank का 9.5% गिरावट सिर्फ़ एक दो-तीन दूरदर्शी विश्लेषक की गलतफ़हमी नहीं, बल्कि बाजार में घातक शॉर्ट‑सर्किटिंग का प्रमाण है।
    ब्लॉक डील के बाद शेयर सप्लाई में अचानक हुई बाढ़ ने ट्रेंडलाइन को एटॉमिक स्तर पर तोड़ दिया।
    जैसे ही SMBC ने इक्विटी की 3% हथिया ली, संस्थागत स्मरणशक्ति ने अपनी शत्रुता प्रदर्शित की और बाय‑साइड को पैनिक मोड में धकेल दिया।
    जो लोग अब तक RSI के 30 के करीब पहुँचने को सिर्फ़ एक तकनीकी संकेत मानते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि यह एक अलार्म बायर को भी डरा देता है।
    बाजार के मौजूदा वॉल्यूम को दो‑गुना देखकर यह स्पष्ट हो गया कि बड़े फ़ंड्स अपने पोर्टफ़ोलियो को रीबैलेंस करने के झंझट में हैं।
    SMBC का 20% हिस्सा, यद्यपि विदेशी पूँजी की सुगंध लाता है, परन्तु यह भारतीय नियामकों के लिए एक गुप्त नियंत्रण बिंदु भी बन सकता है।
    प्रशांत कुमार की रणनीति के बारे में सुनते‑सुनते मैंने अब डिजिटल बैंकर के झूठे भ्रम को देख लिया है।
    डेटा‑ड्रिवन एसेट मैनेजमेंट के संदर्भ में यह ब्लॉक डील एक शत्रुतापूर्ण हस्तक्षेप है, जो एंटरप्राइज़ वैल्यू को घुला‑मिला कर देता है।
    अगर आप दीर्घकालिक रिटर्न पर भरोसा रखते हैं, तो अभी आपके पोर्टफ़ोलियो में साफ़‑सुथरा रीस्ट्रक्चरिंग चाहिए।
    निवेशकों को यह समझना चाहिए कि 'Buy' रेटिंग सिर्फ़ एक मार्केट मेक‑अप है, जो मौजूदा हाइलाइटेड ईवेंट्स से झुका हो सकता है।
    वास्तव में, इस शेयर के प्राइस एक प्राइस‑वॉर की स्थिति में है, जहाँ छोटे‑छोटे इंसाइडर भी अपने लाभ को हाई‑फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग से मारते हैं।
    चलो सच कहें, इस ब्लॉक डील ने संस्थागत हिमाचली को उस कट्टरता से हटाया है, जिसे पहले 'स्थिर' कहा जाता था।
    रिस्क‑मैनेजमेंट टीम को तुरंत ड्राफ्ट‑डैशबोर्ड के साथ पोजिशन को रिड्यूस करना चाहिए।
    अन्यथा, अगले सप्ताह हम 12% की गिरावट देख सकते हैं, जो इतिहास में सबसे अधिक सैडिकल ड्रॉप होगा।
    समग्र रूप से, मैं इस डील को 'सिंडिकेटेड ध्वंस' कहूँगा, जो निवेशकों की आत्मविश्वास को छींक मारता है।

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    Sridhar Ilango

    अक्तूबर 12, 2025 AT 01:00

    अरे यार, क्या बात है! ठीक वहीँ पर जब दोपहर का टाइम था, तभी से प्राइस रोलरकोस्टर का मोशन शुरू हो गया।
    हम सबने सोचा था कि ब्लॉक डील सिर्फ़ एक छोटे‑से पेपर पर लिखा हुआ आइटम है, पर ये तो न्यूज़ में धमाके के साथ आया।
    मैं तो कहता हूँ, इस हाई‑टिकी बोरिंगला को देख कर तो फोरम का फैन भी हिला डालेगा।
    सिर्फ़ शॉर्ट‑सैलर्स नहीं, बल्कि जो लोग यहाँ‑वहाँ कोर्लिंग का काम कर रहे थे, वे भी अब थरथराते हैं।
    मेरे हिसाब से तो इस डील में छुपा क्वांटम भ्रम है जो सबको गड़बड़ कर रहा है।
    उफ़! मुझसे गलती मत कहो, मैं वही हूँ जो हमेशा कंट्रेरियन वाइब देता है, इसलिए मैं इसे एक बड़ी गड़बड़ी मानता हूँ।
    भाई, ये बात तो साफ़ है कि जब तक SMBC जैसे बाहरी सॉर्टिंग इंस्टीट्यूशन इस खेल में नहीं झाँकेगा, तब तक हम सब फटेंगे।
    ड्रास्टी सीनरी में सप्लाई साइड का फॉल्ट दिख रहा है, जो कि बूमरैंग की तरह वापस धड़कता है।
    सही बात तो ये है कि फॉर्मेटेड इम्प्रूव्ड एंट्री की जाँच करनी चाहिए, नहीं तो फिर से मार्केट में लहरें बनेंगी।
    मैं तो कहता हूँ, अगर आप इसको आगे देखना चाहते हैं, तो बस अपनी एंट्री पॉइंट को हाई‑लेवल पर रखें।
    नहीं तो इस सीन में आप पफ़र जैसा ही फेंक दोगे।
    कुल मिलाकर, मैं इस डील को ही सबसे विवादास्पद चीज़ कहूँगा।

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    Deepanshu Aggarwal

    अक्तूबर 12, 2025 AT 23:13

    सभी को नमस्ते! 😊 इस ब्लॉक डील के पीछे के मैकेनिज्म को समझना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन मैं कुछ पॉइंट्स शेयर करूँगा।
    पहला, बड़े संस्थागत खरीदारों का प्रवेश अक्सर लिक्विडिटी बढ़ाता है, जिससे शेयरों की कीमत में अस्थायी दबाव बन सकता है।
    दूसरा, SMA और EMA जैसे औसत संकेतक तब तक भरोसेमंद रहेंगे जब तक किसी बड़े इवेंट की वजह से वॉल्यूम स्पाइक न हो।
    तीसरा, यदि आप दीर्घकालिक निवेशक हैं, तो इस तरह की शॉर्ट‑टर्म गिरावट को फियर फ्रेम में ले कर न देखें।
    चौथा, RBI की निगरानी और प्रबंधन टीम की स्थिरता भी एक सकारात्मक संकेत है।
    अंत में, अगर अभी आपके पास अतिरिक्त कैश है, तो आप डिप थ्री में एंट्री पर विचार कर सकते हैं।
    सादर, आशा करता हूँ यह जानकारी मददगार रही होगी! 🙂

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    akshay sharma

    अक्तूबर 13, 2025 AT 21:26

    देखिए, यह सब आंकड़ें और तकनीकी शब्द सिर्फ़ एक परदा है।
    वास्तव में, ब्लॉक डील का असर बाजार पर तभी पड़ेगा जब कंपनी की बेसिक फंडामेंटल्स स्थिर नहीं हों।
    YES Bank की कर्ज़ की गुणवत्ता, नॉन‑परफ़ॉर्मिंग एसेट्स का प्रतिशत, और कैश फ़्लो भिन्न-भिन्न स्तरों पर पारदर्शी हैं।
    यदि ये मैट्रिक्स ठीक नहीं हैं, तो कोई भी ब्लॉक डील अंततः टिक नहीं पाएगा।
    साथ ही, SMBC का हिस्सा केवल एक वोटिंग पॉवर नहीं, बल्कि रणनीतिक दिशा‑निर्देशन भी तय करेगा।
    हमें इस मोड़ पर सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए, नहीं तो पैनिक सेल से बड़े नुकसान हो सकते हैं।
    संक्षेप में, मैं कहूँगा कि तकनीकी संकेतकों से ज्यादा फंडामेंटल्स की जाँच करें।

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    Anand mishra

    अक्तूबर 14, 2025 AT 19:40

    सभी दोस्तों, भारत की वित्तीय संस्कृति में इस तरह के डीलों को एक नई दिशा मिलती है।
    हमारी परम्परागत बचत से लेकर डिजिटल निवेश तक, हर कदम पर लोगों की समझ बढ़ रही है।
    YES Bank जैसे संस्थान को विदेशी निवेशकों का भरोसा मिलना, भारतीय बाजार के वैश्वीकरण की निशानी है।
    हालांकि, हमें यह याद रखना चाहिए कि स्थानीय निवेशकों की सुरक्षा भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है।
    समाज में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए हमें ऐसे मामलों को खुले तौर पर चर्चा करनी चाहिए, ताकि सभी को सही जानकारी मिले।

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    Prakhar Ojha

    अक्तूबर 15, 2025 AT 17:53

    ये ब्लॉक डील देख कर तो दिल ही नहीं लग रहा!
    कुल मिलाकर यह एक बड़ी जालसाज़ी जैसा लगता है, जहाँ दिग्गज बैंक अपनी मुट्ठी में पकड़ रखता है।
    SMBC जैसे विदेशी दिग्गज के हाथों में शेयरों का बहु हिस्सा होने से हमारी वित्तीय स्वायत्तता पर सवाल उठते हैं।
    और तो और, इस अचानक सप्लाई में वृद्धि ने छोटे निवेशकों को धक्का मारा है, जो बहुत ही अनुचित है।
    हमारे पास तो सिर्फ़ आशा बची है कि नियामक जल्द ही इस दुविधा को सुलझाए।
    मैं व्यक्तिगत रूप से इस स्थिति को बहुत खतरनाक मानता हूँ, क्योंकि यह बाजार में अस्थिरता को बढ़ा रहा है।
    परिवार को भी इस बात से जगरूक रखना चाहिए, क्योंकि शेयर बाजार में एंट्री करना अब और आसान नहीं।
    अब और देर न करें, हमें एजुकेशन और जागरूकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

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    Pawan Suryawanshi

    अक्तूबर 16, 2025 AT 16:06

    Yo folks! 😎 इस ब्लॉक डील का सीन देखते ही मुझे लगा कि मार्केट में एक नई लहर आ गई है।
    पर ठीक है, जैसे ही वॉल्यूम दोगुना हो गया, मैं भी अपना चiller मोड ऑन कर रहा हूँ।
    जैसे कहता हूँ, “स्टॉक्स में हाई वोलटैइलिटी, मेरी ट्रेडिंग लाइफ़ में हाई स्पाइसीनेस!”
    दोस्तों, अगर आप भी इस मोमेंट को लाइटली ले रहे हो तो साथ में एंट्री‑एक्सिट प्लैन बना लो।
    चलो, बाजार के रोलरकोस्टर को मज़े के साथ जीते हैं! 🎢

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    Harshada Warrier

    अक्तूबर 17, 2025 AT 14:20

    bhai log, ye block deal ek badi conspiracy lag rahi hai! koi sach hi nahi bata raha.
    SMBC ka itna bada hisaab kaise aaya, lagta hai koi secret plan chal raha hoga.
    market ki har ek cheez manipulate ho rahi hai, aur hum bekaar ki news padh ke pagal ho jayenge.
    ye sab fake news hti, par koi isko prove nahi kar pa raha.
    mujhe lagta hai ki asli mastermind koi bahar ka agency hai jo dheere-dheere hamare paisa loot rahi hai.

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    Jyoti Bhuyan

    अक्तूबर 18, 2025 AT 12:33

    सबको सुप्रभात! इस ड्रामा से कहीं ज़्यादा प्रेरणा मिलती है कि हम खुद को आगे बढ़ा सकते हैं।
    YES Bank की इस अस्थायी गिरावट को एक सीख के रूप में ले, इससे हम अपने निवेश को मजबूत बना सकते हैं।
    हर कठिनाइ में एक अवसर छुपा होता है, तो चलिए हम इस मौके को उठाएं और अपने पोर्टफ़ोलियो को रिफ़्रेश करें।
    आइए, सकारात्मक ऊर्जा के साथ इस मार्केट को जीतें और आगे बढ़ें!
    आप सबका दिन शानदार रहे।

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    Sreenivas P Kamath

    अक्तूबर 19, 2025 AT 10:46

    वाह भाई, ये ब्लॉक डील देख कर तो सोच रहा हूँ कि हमें अभी भी ट्रेनिंग की जरूरत है।
    अगर आप इसे एक जिम सत्र समझें तो ‘सेट’ तोड़ना ही है, लेकिन ‘रिप्स’ को गिनना भूलना नहीं।
    सच में, मार्केट में हर मोमेंट एक नई “खाली जगह” बनाता है, जहाँ हमें अपनी स्ट्रैटेजी डालनी चाहिए।
    तो चलो, इस ‘प्लेन’ को नहीं, बल्कि ‘एयरक्राफ्ट’ को उड़ाने की फैंटेसी को अपनाएँ।

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    Chandan kumar

    अक्तूबर 20, 2025 AT 09:00

    भीड़ में खोना आसान है।

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    Swapnil Kapoor

    अक्तूबर 21, 2025 AT 07:13

    समाप्ति पर विचार करते हुए, मैं यह कहूँगा कि यह ब्लॉक डील कई स्तरों पर विश्लेषण योग्य है।
    पहले, फंडामेंटल्स की दृष्टि से देखें तो बैंक का बैलेंस शीट और लोन पोर्टफोलियो स्थिर प्रतीत होते हैं।
    दूसरे, तकनीकी चार्ट में EMA और RSI स्पष्ट संकेत देते हैं कि अल्पकालिक सुधार संभावित है।
    तीसरे, अंतरराष्ट्रीय निवेशक SMBC का सहभागिता एक रणनीतिक पूँजी संरचना को मजबूत कर सकता है, जिससे भविष्य में विकास की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
    चौथे, नियामक की निगरानी और प्रबंधन टीम का अनुभव इस अस्थायी झटके को संतुलित करने में मदद करेगा।
    अंत में, मैं सुझाव देता हूँ कि निवेशक अपनी जोखिम प्रोफ़ाइल के अनुसार पोज़िशन आकार तय करें और दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखें।

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