बजट 2024: पूंजीगत लाभ छूट सीमा 1.25 लाख रुपये तक बढ़ी, STCG दर 20% और LTCG दर 12.5% पर पहुंची
बजट 2024 में पूंजीगत लाभ कराधान में बड़े बदलाव
भारत के वित्त मंत्री ने बजट 2024 की घोषणा करते हुए पूंजीगत लाभ कराधान में महत्वपूर्ण बदलावों का खुलासा किया है। सरकार ने इस बार पूंजीगत लाभ छूट सीमा को बढ़ाकर प्रति वर्ष 1.25 लाख रुपये कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य अधिक से अधिक छोटे निवेशकों को छूट प्रदान करना और उनकी वित्तीय योजना को सरल बनाना है।
अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (STCG) की दर अब कुछ संपत्तियों पर 20% कर दी गई है। इस बदलाव का प्रभाव उन निवेशकों पर पड़ेगा जो अपने निवेश को थोड़े समय के भीतर बेच देते हैं। इसका मतलब है कि जो लोग एक छोटे समय के लिए निवेश करते हैं, उन्हें अब ज्यादा कर देना पड़ेगा। हालांकि, दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) की दर कुछ संपत्तियों पर 12.5% कर दी गई है।
वित्तीय और गैर-वित्तीय संपत्तियों पर व्यापक प्रभाव
ये बदलाव वित्तीय और गैर-वित्तीय दोनों तरह की संपत्तियों पर लागू होंगे। इसका मतलब है कि निवेशक चाहे शेयर बाजार में हों या फिर किसी अन्य प्रकार की संपत्ति में, उन्हें इन नई दरों के अनुसार कर का भुगतान करना होगा। विशेष रूप से, गैर-सूचीबद्ध बांड और ऋण म्यूचुअल फंड पर लागू कर की दर अभी भी प्रासंगिक आयकर दर होगी।
इस बदलाव से निवेशकों के व्यवहार में भी परिवर्तन होने की उम्मीद है। जो निवेशक पहले अल्पकालिक में अपने निवेश को बेच देते थे, वे अब दीर्घकालिक निवेश की ओर रुख कर सकते हैं ताकि उन्हें कम कर देना पड़े। इसके अलावा, सरकार की यह पहल राजस्व उत्पन्न करने के साथ-साथ वित्तीय संतुलन को बनाए रखने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
अन्य वित्तीय सुधार
बजट 2024 के इन बदलावों का उद्देश्य केवल कराधान में सुधार करना नहीं है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि देश की आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित किया जा सके। सरकार ने कई अन्य वित्तीय सुधार भी प्रस्तुत किए हैं जिनका उद्देश्य निवेशकों को प्रोत्साहित करना और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
इस संदर्भ में, यह देखा गया है कि सरकार ने बजट 2024 के कई प्रावधानों में सामाजिक कल्याण, बुनियादी ढांचे के विकास और शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण निवेश किया है।
सरकार द्वारा की गई इन नई घोषणाओं का दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इस समय यह स्पष्ट है कि सरकार की प्राथमिकता फिस्कल कंसोलिडेशन के साथ-साथ आर्थिक वृद्धि को संतुलित करना है।
Namrata Kaur
जुलाई 25, 2024 AT 07:17अब तो छोटे निवेशकों के लिए शेयर बाजार में आना मुश्किल हो गया है। 1.25 लाख की छूट तो अच्छी है लेकिन 20% STCG वाला हिस्सा तो बहुत ज्यादा है।
Raghunath Daphale
जुलाई 26, 2024 AT 18:43अरे भाई ये सब बकवास है। सरकार तो बस पैसे कमाने के तरीके ढूंढ रही है। अब तो लोग घर पर बैठकर बॉन्ड खरीदने लगेंगे। 😒
Pinkesh Patel
जुलाई 28, 2024 AT 12:26ये बदलाव तो बहुत बुरा है। पहले तो 10% था अब 20% हो गया। ये कैसे निवेश करने देंगे? अब तो मैं अपना पैसा गोल्ड में डाल दूंगा। और ये लोग बस टाइपो करते रहते हैं जैसे कर दर नहीं बदली बल्कि अंक बदल गए हैं।
क्या आपने कभी सोचा कि जब आप एक छोटा निवेशक हैं तो आपको बाजार में आने के लिए जो थोड़ा लाभ होता है वो अब टैक्स में चला जाता है? ये सिस्टम तो बस अमीरों के लिए बना है।
मैंने 2020 में 50 हजार रुपये लगाए थे और अब वो 1.5 लाख हो गए। लेकिन अगर मैं बेचूंगा तो 20% टैक्स देना पड़ेगा। ये तो लूट है।
और फिर लोग कहते हैं कि ये दीर्घकालिक निवेश को प्रोत्साहित कर रहा है। अच्छा तो फिर 12.5% क्यों? अगर लंबे समय तक रखना है तो तो 5% भी काफी होता।
मैं तो अब निवेश करने के बजाय बचत करूंगा। बैंक डिपॉजिट में भी 6% मिल रहा है। उसमें टैक्स नहीं है।
इन लोगों को तो लगता है कि जब तक हम बेचते रहेंगे तब तक उनका बजट चलता रहेगा।
मैं तो अपने दोस्तों को भी बता रहा हूं कि अब शेयर बाजार से दूर रहें।
क्या ये सब बदलाव बजट में दिखाने के लिए हैं? जैसे हमने बहुत कुछ किया।
और फिर ये लोग बुनियादी ढांचे की बात करते हैं। जब तक छोटे निवेशकों को नहीं समझा जाएगा तब तक कोई बुनियादी ढांचा नहीं बनेगा।
मैं तो अब अपना पैसा घर के बाहर नहीं लगाऊंगा।
और ये सब बदलाव जो लोग नहीं समझते उनके लिए तो ये बहुत बुरा है।
मैंने ये सब लिखा है ताकि कोई नया निवेशक इस बारे में सोचे।
indra maley
जुलाई 28, 2024 AT 18:06इस बदलाव का मतलब ये है कि अब लोग लंबे समय तक रखेंगे। लेकिन क्या ये सच में बेहतर है? क्या हम निवेश को अभी भी एक खेल समझ रहे हैं या एक जीवन शैली?
अगर हम अपने भविष्य के लिए बचत कर रहे हैं तो क्या ये टैक्स हमें उस भविष्य को दूर कर रहा है?
क्या हम बस इस बात पर ध्यान दे रहे हैं कि कितना कर देना है या हम ये सोच रहे हैं कि हम क्या बनना चाहते हैं?
Sanjay Singhania
जुलाई 29, 2024 AT 15:18ये बदलाव तो इकोनोमिक डायनामिक्स के लिए बहुत जरूरी है। STCG की दर को बढ़ाकर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग को डिसइंसेंटिवाइज किया जा रहा है। जबकि LTCG को रिड्यूस करके लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट को प्रमोट किया जा रहा है। ये एक स्ट्रक्चरल रिफॉर्म है।
लेकिन जब तक एक फिस्कल रूल नहीं बनाया जाता तब तक ये सब टेम्पोररी लगेगा।
और ये छूट सीमा तो बहुत बढ़िया है। 1.25 लाख तो एक अच्छा बैलेंस है।
Renu Madasseri
जुलाई 30, 2024 AT 00:08मैं तो सोच रही थी कि अब मेरे बेटे के लिए शेयर खरीदूं। लेकिन अब ये टैक्स देखकर लग रहा है कि बेहतर होगा अगर मैं उसे स्कूल के लिए बचत करूं।
Aniket Jadhav
जुलाई 30, 2024 AT 21:31मैंने अभी तक शेयर नहीं खरीदे लेकिन अब लग रहा है कि बेहतर होगा कि मैं थोड़ा और इंतजार करूं। ये बदलाव थोड़ा ज्यादा है।
Abdul Kareem
जुलाई 30, 2024 AT 23:38ये बदलाव निवेशकों के व्यवहार को बदलने की ओर जा रहा है। लेकिन क्या ये बदलाव स्थायी होगा? या फिर अगले बजट में फिर से बदल जाएगा?
क्या इस बदलाव का उद्देश्य लंबे समय तक निवेश को बढ़ावा देना है या बस अल्पकालिक राजस्व बढ़ाना है?
Kiran M S
जुलाई 31, 2024 AT 08:17क्या आपने कभी सोचा कि जब तक आप अपने निवेश को लंबे समय तक नहीं रखते तब तक आप असली निवेशक नहीं हैं? ये बदलाव तो बस एक चेतावनी है कि अब तो असली निवेश करो।
और ये छूट तो बहुत अच्छी है। अब तो हर निवेशक एक लाख रुपये तक छूट ले सकता है।
मैं तो अब अपने दोस्तों को बता रहा हूं कि अगर आप शेयर बाजार में आना चाहते हैं तो लंबे समय तक रखो।
Paresh Patel
जुलाई 31, 2024 AT 11:36मैंने इस बदलाव को देखकर बहुत अच्छा लगा। अब तो लोग अपने निवेश को लंबे समय तक रखेंगे। ये तो बहुत अच्छी बात है।
मैं अपने दोस्तों को भी बता रहा हूं कि अब तो शेयर बाजार में आना चाहिए।
Anoop Joseph
अगस्त 1, 2024 AT 12:24ये बदलाव अच्छा है।
Noushad M.P
अगस्त 3, 2024 AT 08:50अब तो लोग शेयर बाजार से दूर हो जाएंगे। ये टैक्स तो बहुत ज्यादा है। मैंने एक दोस्त को बताया था कि शेयर खरीदो लेकिन अब वो नहीं करेगा।
anushka kathuria
अगस्त 3, 2024 AT 10:28बजट 2024 के इन बदलावों को आर्थिक विकास के लिए एक रणनीतिक चरण के रूप में देखा जा सकता है। छूट सीमा का विस्तार और दीर्घकालिक लाभ पर कम दर निवेशकों के लिए एक स्थायी वित्तीय व्यवहार को प्रोत्साहित करता है।