‘द भूतनी’ में मौनी रॉय का 45 रातों का संघर्ष: पेड़ पर शूटिंग और डर-हंसी के बीच जंग
मौनी रॉय के लिए 'द भूतनी' की रातें: 45 दिन, पेड़ और भूतिया कहानी
बॉलीवुड की ग्लैमरस एक्ट्रेस मौनी रॉय अक्सर अपने ग्लैम लुक्स और शार्प एक्टिंग के लिए जानी जाती हैं, लेकिन इस बार उन्होंने अपने नए रोल के साथ खुद के धैर्य और जुनून की हदें पार कर दीं। 'द भूतनी' की शूटिंग के दौरान मौनी को लगातार 45 रातें 10-11 घंटे तक कैमरे के सामने बितानी पड़ीं। सोचना भी मुश्किल है कि इतनी लंबी और थकाऊ रातों में जब बाकी दुनिया चैन की नींद सो रही थी, वह पेड़ की डालियों पर बैठकर अपने दिल दहला देने वाले सीन्स शूट कर रही थीं। यह फिल्म एक सामान्य मनोरंजक हॉरर नहीं, बल्कि हॉरर, कॉमेडी और साइंस-फिक्शन का मिक्स है, और ऐसे कठिन जॉनर को जीवंत करना आसान नहीं था।
मौनी ने खुद बताया कि उन्हें कई बार पेड़ पर घंटों लटककर अपना किरदार निभाना पड़ा, जिससे शरीर में झुनझुनी होने लगी थी। किसी दिन शूटिंग के दौरान कीड़े-मकौड़े परेशान कर देते थे, तो कभी शरीर में सिर्फ harness की वजह से दर्द हो जाता था। लेकिन मौनी इन चुनौतियों से डरी नहीं, बल्कि कहती हैं कि यही अनुभव उन्हें एक कलाकार के तौर पर नई ऊंचाइयों पर लेकर गया।
‘द भूतनी’ की कहानी: प्यार, डर और हंसी के अनोखे ताने-बाने में उलझी आत्माएं
'द भूतनी' की कहानी उतनी ही असामान्य है जितना इसका नाम। कहानी पुराने कॉलेज कैंपस में बसे एक 'वर्जिन ट्री' के साथ शुरू होती है, जो एक शापित पेड़ है। छात्र इस पेड़ के पास जाकर सच्चे प्यार की दुआ मांगते हैं। यहीं से मौनी रॉय का किरदार 'मोहब्बत' कहानी में एंट्री लेता है। मोहब्बत कोई आम आत्मा नहीं, बल्कि सुपरपावर से लैस है—जो अतीत की पीढ़ियों की मजबूरी और दर्द लेकर चलती है। जब शान्तनु (सनी सिंह) अपनी मोहब्बत के लिए प्रार्थना करता है, तब मोहब्बत उसकी जिंदगी में दस्तक देती है। इसके बाद कहानी में डर, रोमांच और कॉमिक मस्ती का तड़का देखने को मिलता है।
इस फिल्म में संजय दत्त की धमाकेदार एंट्री भी है, जो 'बाबा' नाम के पारलौकिक एक्सपर्ट बने हैं। बाबा और मोहब्बत के बीच भिड़ंत में विज्ञान, भूत-प्रेत और सच्चा प्यार—तीनों की अलग-अलग दुनिया टकराती नज़र आती है। फिल्म में पल्क तिवारी, आसिफ खान और निकुंज लोटिया भी सपोर्टिंग रोल्स में अलग छाप छोड़ते हैं।
डायरेक्टर सिद्धांत सचदेव ने फिल्म को हॉरर, कॉमेडी और साइंस फिक्शन के दिलचस्प फॉर्मूले के साथ बनाया है, जिसमें मज़ेदार डायलॉग और रफ्तार से भरपूर सीन हैं। 1 मई, 2025 को आई यह मूवी एक ही समय में हंसी, डर और प्यार की फीलिंग देती है। ऐसी यूनिक कोशिशें बॉलीवुड में कम ही देखने को मिलती हैं। फिल्म के अतरंगी किरदार, चुंबकीय लोकेशन, और खासकर मौनी रॉय का स्ट्रॉन्ग गेटअप, सभी को फिल्म से जोड़कर रखते हैं।
शूटिंग की इन शानदार कहानियों के साथ मौनी रॉय का समर्पण इस बात को भी दिखाता है कि एक किरदार को पर्दे पर लाने के लिए कितनी मेहनत लगती है। 'द भूतनी' का अनुभव, फिल्मी पर्दे से बहुत आगे, कलाकारों की असली जिंदगी की मेहनत का भी रंग है।
Paresh Patel
मई 3, 2025 AT 08:02Kiran M S
मई 4, 2025 AT 07:23हम भूतों को डरते हैं, लेकिन असली भूत वो हैं जो हमारी इतिहास की नींव में दफन हैं। मोहब्बत वो आत्मा है जो हमारे अंदर की दर्द भरी यादों को बोलती है।
Raghunath Daphale
मई 5, 2025 AT 14:26Renu Madasseri
मई 6, 2025 AT 12:06इस तरह के अनुभव बॉलीवुड को आगे बढ़ाते हैं। कलाकार वो नहीं जो ग्लैमरस दिखे, बल्कि वो जो अपने अंदर की आवाज़ को बाहर निकाल दे।
Noushad M.P
मई 8, 2025 AT 02:55Sanjay Singhania
मई 9, 2025 AT 21:17अरे भाई, ये बस एक फिल्म नहीं, ये एक डिस्कोर्डेंस रिसोल्यूशन एल्गोरिदम है।
anushka kathuria
मई 10, 2025 AT 03:57Archana Dhyani
मई 10, 2025 AT 18:18हम एक्ट्रेस को हीरोइन बना रहे हैं, लेकिन उनके शरीर को एक उपकरण बना दिया जा रहा है। ये नहीं कि ये फिल्म खराब है - बल्कि हमारी सोच खराब है।
Aniket Jadhav
मई 12, 2025 AT 14:02Guru Singh
मई 14, 2025 AT 06:32Anoop Joseph
मई 15, 2025 AT 20:23rudraksh vashist
मई 17, 2025 AT 15:27Kajal Mathur
मई 18, 2025 AT 13:21