IMD ने झारखंड में 25‑29 सितंबर तक तूफ़ान‑बारिश चेतावनी जारी की

IMD की विस्तृत चेतावनी और प्रभावित इलाकों की जानकारी
भारत मौसम विभाग (IMD) ने 25 सेप्टेम्बर से 29 सेप्टेम्बर 2025 तक झारखंड में लगातार बारिश और तूफ़ान‑बारिश चेतावनी जारी की है। रांची मौसम केंद्र ने कोल्हान क्षेत्र के ईस्ट सिंहभूम, वेस्ट सिंहभूम और सराइकेला‑खरसावां जिलों को विशेष रूप से पीला अलर्ट दिया है, जहाँ अगले पांच दिनों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है।
Ranchi कार्यालय के अभिषेक आनंद के अनुसार, मध्य एवं दक्षिणी जिलों में भारी‑भारी बारिश होगी, जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में हल्की‑मध्यम बारिश की अपेक्षा है। यह विभाजन कृषि, जल आपूर्ति और सड़कों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि अचानक बारिश जलजमाव और सड़क बंदी का कारण बन सकती है।

विस्तृत मौसम प्रक्षेपवक्र और संभावित प्रभाव
आगे के मौसम पूर्वानुमान में बताया गया है कि रांची, गूमला, बोकारो, रामगढ़ और धनबाद जैसे जिलों में अलग‑अलग तौर पर हल्की‑मध्यम वर्षा के साथ प्रांतभेद के आधार पर थंडरस्टॉर्म की सम्भावना है। 27 सेप्टेम्बर को झारखंड में 30‑50 km/h की तेज़ हवाओं के साथ थंडरस्टॉर्म देखे जाने की संभावनाएँ बहुत अधिक हैं। ऐसी हवाओं से पेड़ों की टहनियों पर दबाव पड़ सकता है, छोटे भवनों में छत टूट सकती है और बिजली कटौती भी हो सकती है।
तापमान में भी अस्थिरता देखी जाएगी। अगले 24 घंटों में अधिकतम तापमान 2‑3°C गिरकर 29‑34°C के बीच रहेगा, जिसके बाद अगले तीन दिनों में वही तापमान फिर से 2‑3°C बढ़ेगा। 26 सेप्टेम्बर से 2 अक्टूबर तक अधिकतम तापमान सामान्य या उससे थोड़ा अधिक रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान 22‑27°C के बीच रहेगा।
इस मौसम प्रणाली के पीछे दक्षिण छत्तीसगढ़ में स्थित एक डिप्रेशन है, जो विदर्भ क्षेत्र की ओर पश्चिम‑उत्तरी दिशा में चल रहा है। जैसे ही यह प्रणाली कमजोर होगी, यह एक स्पष्ट लो‑प्रेशर एरिया में बदल जाएगी। इसके अतिरिक्त, 30 सेप्टेम्बर को उत्तर अंडमान सागर में एक ऊपरी वायुमंडलीय साइक्लोन का निर्माण भी संभावित है, जो समुद्री जलवायु को प्रभावित करेगा।
प्रायोगिक डेटा से पता चलता है कि शनिवार को गोड्डा में अधिकतम तापमान 35.4°C तक पहुँच गया, जबकि लातेहर में न्यूनतम 20.7°C दर्ज किया गया। वेस्ट सिंहभूम के सोनुआ में एक ही दिन में सबसे अधिक 117.4 mm वर्षा हुई। जून 1 से अब तक राज्य ने कुल 1,196 mm वर्षा प्राप्त कर ली है, जो सामान्य 1,008 mm से अधिक है, यानी इस साल की मानसून गतिविधि सामान्य से आगे है।
IMD ने प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षा उपाय अपनाने, जल निकासी व्यवस्था को ठीक रखने और बारिश के दौरान बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। विशेषकर किसानों को फसल संरक्षण के लिए एंट्री‑फोरेंस मैनेजमेंट तकनीकों का प्रयोग करना चाहिए। स्थानीय प्रशासन को संभावित बाढ़ क्षेत्रों में त्वरित राहत व्यवस्था तैयार रखनी चाहिए। अगली मौसम बुलेटीन 2 अक्टूबर को जारी करने का समय तय किया गया है।