लौरा वॉलवर्ड्ट के नेतृत्व में साउथ अफ्रीका ने महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 की 15‑सदस्यीय स्क्वाड घोषित की

जब लौरा वॉलवर्ड्ट, कप्तान साउथ अफ्रीका महिला क्रिकेट टीम ने आधिकारिक रूप से 15‑सदस्यीय स्क्वाड की घोषणा की, तब ही लोग समझ पाए कि विश्व कप 2025 में किस टीम को पहली बार खिताब जीतने की उम्मीद की जा रही है।
यह घोषणा ICC महिला क्रिकेट विश्व कप 2025भारत और श्रीलंका के लिए हुई, जहाँ टूरनमेंट 30 सितंबर से शुरू होगा। दक्षिण अफ्रीका की टीम, जिसे अक्सर "प्रोटेज़" कहा जाता है, इस प्रतियोगिता में अपनी पहली जीत के लिए तैयार है।
पृष्ठभूमि और चयन प्रक्रिया
पिछले कुछ महीनों में कोचिंग स्टाफ ने कई प्रशिक्षण कैंप और घरेलू टूर्नामेंट आयोजित किए। उन सत्रों में खिलाड़ियों की फॉर्म, फिटनेस और टीम संतुलन को बारीकी से जांचा गया। चयनकर्ता ने कहा, "हम चाहते थे कि हर खिलाड़ी अपनी भूमिका स्पष्ट रूप से समझे और टीम की लचीलापन को देखें।"
इस प्रक्रिया में 30 के करीब खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट किया गया, लेकिन अंततः 15 मुख्य खिलाड़ी और एक रिज़र्व – मियाने स्मिट – चुने गए। चयन में अनुभव को अत्यधिक महत्व दिया गया, इसलिए कई लंबी अंतरराष्ट्रीय अवधि वाले खिलाड़ी फिर से टीम में शामिल हुए।
टीम में मुख्य खिलाड़ी और उनका प्रदर्शन
सामने के क्रम में लौरा वॉलवर्ड्ट के साथ अक्सर तज़मिन ब्रिट्स का खुला जोड़ा दिखता है। वह दोनों अब तक 24 एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय में 1,271 रन का साझेदारी बना चुके हैं, औसत 52.95।
दाएँ ओर मैरिज़ानne कैप की ऑल‑राउंडर क्षमता टीम की गहराई को दर्शाती है। वह पिछले 2 वर्षों में 30+ विकेट और 800+ रनों से अपनी दोहरी भूमिका को सिद्ध कर चुकी हैं।
पीछे की पंक्तियों में सुने लूस और नोनकुलुके मिलाबा जैसे तेज़ गेंदबाजों की तेज़ी से प्रतिद्वंद्वी टीम को दबाव में लाने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय रूप से पूर्व कप्तान Dane van Niekerk को इस बार टीम में जगह नहीं मिली, हालांकि उन्होंने अपना सेवानिवृत्ति उलट कर फिर से खेलना शुरू किया था। यह चयन में एक बड़ा सरप्राइज़ था और इस पर कई विशेषज्ञों ने बहस की।

क़ीमती साझेदारी: वॉलवर्ड्ट‑ब्रिट्स
वॉलवर्ड्ट‑ब्रिट्स की जोड़ी ने 2022 विश्व कप के बाद से सबसे भरोसेमंद ओपनिंग जोड़ी का ख़िताब अपने पास रखा है। उनकी साझेदारी का औसत 52.95 है, जो महिला ODI इतिहास में शीर्ष 5 में आती है।
कोच ने कहा, "उनकी समझदारी और खेल ज्ञान टीम को शुरुआती दबाव से बचाता है, जिससे मध्य‑क्रम के खिलाड़ी अपनी भूमिका पहचान पाते हैं।"
वास्तव में, पिछले टूरनमेंट में इस जोड़ी ने 300‑से‑350 रन की तेज़ शुरुआत की, जिससे टीम को पहले 50 ओवर में 200‑250 पृष्ठभूमि मिलती है।
रणनीति और प्रतिस्पर्धी विश्लेषण
प्रोटेज़ का मुख्य रणनीतिक फोकस दो बातों पर टिका है: बॉलर्स की विविधता और मध्य‑क्रम की फाइनिंग। कैप और लूस दोनों ही बैट्समैन और बॉलर दोनों हैं, इसलिए अगर पिच धीमी हो तो वे लचीलापन दिखा सकते हैं।
न्यूज़लीज़ के अनुसार, भारत, इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड जैसी टीमें इस टूर्नामेंट में मजबूत हैं। दक्षिण अफ्रीका की टीम को अपने फ़ील्डिंग मानकों को और ऊँचा उठाने की ज़रूरत है, क्योंकि पिछले विश्व कप में उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण फिल्डिंग चैंसिस खो दिए थे।
पहला मैच गुवाहाटी (Assam) में 3 अक्टूबर को इंग्लैंड के खिलाफ होगा। फिर इंदौर (Madhya Pradesh) में न्यूज़ीलैंड और अंत में विशाखापत्तनम (Andhra Pradesh) में मेजबान भारत के खिलाफ खेला जाएगा। इन शहरों के पिच डिटेल्स को ध्यान में रखते हुए टीम ने अपने बॉलर्स में केमिंग करने की योजना बनाई है।

आगे के कदम और संभावित प्रभाव
स्क्वाड की घोषणा के बाद ही टीम ने दो महीने के विस्तृत प्री‑टूर्नामेंट क्लिनिकल सत्र शुरू कर दिए हैं। सरकार और निजी प्रायोजकों से मिलने वाली वित्तीय सहायता ने तैयारियों को तेज़ किया है।
यदि प्रोटेज़ जीत हासिल करती है, तो यह न केवल महिलाओं के खेल में दिशा बदल देगा, बल्कि दक्षिण अफ्रीका में महिला क्रिकेट की लोकप्रियता को भी नया उछाल देगा। स्थानीय युवा लड़कियों के लिए रोल मॉडल बनकर यह सफलता असीम प्रेरणादायक होगी।
अंत में, कोच ने कहा, "हमारी यात्रा अभी शुरू हुई है, लेकिन हमें विश्वास है कि एकजुटता, अनुभव और युवा ऊर्जा के मिश्रण से हम इतिहास रच सकते हैं।"
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
वॉलवर्ड्ट‑ब्रिट्स की जोड़ी क्यों इतनी प्रभावी मानी जाती है?
उनकी साझेदारी ने पिछले तीन वर्षों में औसत 52.95 रन प्रति ओपनिंग बनाकर महिला ODI में शीर्ष स्तर पर खुदको स्थापित किया है। यह स्थिरता शुरुआती ओवर में सदी से अधिक रन बनाने की सम्भावना देती है, जिससे मध्य‑क्रम के बल्लेबाजों को दबाव मुक्त खेलने का मौका मिलता है।
दुर्दम्य खिलाड़ी डेन वैन नीकेर्क को क्यों नहीं चुना गया?
सेवनिवृत्ति उलट कर फिर से खेलने के बाद भी डेन के फॉर्म में निरंतरता नहीं दिखी। चयन समिति ने इस बात को माना कि टीम को एक संतुलित और वर्तमान फ़ॉर्म वाले समूह की ज़रूरत है, इसलिए उन्होंने युवा और फिट विकल्पों को प्राथमिकता दी।
साउथ अफ्रीका के पहले विश्व कप जीतने पर क्या असर होगा?
पहली जीत देश में महिला क्रिकेट की लोकप्रियता को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी, संभावित प्रायोजन की बढ़ोतरी होगी और युवा लड़कियों को खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। यह सामाजिक स्तर पर लैंगिक समानता के प्रमोशन में भी मददगार साबित होगा।
गुवाहाटी, इंदौर और विशाखापत्तनम में पिच की स्थितियां कैसे हैं?
गुवाहाटी में अक्सर धीमी और ग्रासियो पिच मिलती है, जो स्पिन बॉलरों को फायदा देती है। इंदौर की पिच तेज़ और रफ़ है, जो तेज़ गेंदबाजों के लिये अनुकूल है। विशाखापत्तनम की पिच मिश्रित होती है, जहाँ शुरुआती ओवर में सेवन पर असर कम और मिड‑ओवर में स्पिन का प्रयोग ज़्यादा कारगर रहता है।
अगले विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका की प्रमुख चुनौती क्या होगी?
सबसे बड़ी चुनौती खुले हुए पिच पर निरंतर प्रदर्शन बनाए रखना और फ़ील्डिंग में चूक न करना है। साथ ही, बैटिंग क्रम में निरंतरता रखनी होगी ताकि रनों का निरंतर प्रवाह बना रहे, विशेषकर मजबूत टीमों जैसे भारत और इंग्लैंड के खिलाफ।
Ashish Singh
अक्तूबर 7, 2025 AT 05:22देश के गौरव को बढ़ाते हुए दक्षिण अफ्रीका की महिला क्रिकेट टीम ने अपनी पहली विश्व कप जीत की महा आकांक्षा जता दी है; यह हमें भी अपने खेल बुनियाद को सुदृढ़ करने का संदेश देती है, यह उल्लेखनीय कदम हमारी राष्ट्रीय भावना को पुनः जागृत करता है, जिससे युवा वर्ग में खेल के प्रति प्रेरणा पनपेगी। यह प्रकार के बड़े आयोजन हमारे देश की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को भी सुदृढ़ करेंगे।