फ्रांस में पावेल डुरोव की गिरफ्तारी: विशेष रिपोर्ट

फ्रांस में पावेल डुरोव की गिरफ्तारी: विशेष रिपोर्ट
25 अगस्त 2024 20 टिप्पणि Kaushal Badgujar

पावेल डुरोव, जिन्हें टेलीग्राम के संस्थापक के रूप में जाना जाता है, को हाल ही में फ्रांस में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह खबर पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई है।

डुरोव की इस गिरफ्तारी के पीछे के कारण और घटनाओं की कड़ी पर प्रकाश डालते हुए, इस रिपोर्ट में आपको विस्तृत जानकारी मिलेगी।

टेलीग्राम के वैश्विक प्रभाव और इसके भविष्य पर इसके क्या प्रभाव पड़ सकते हैं, इस पर भी चर्चा की जाएगी।

पावेल डुरोव: परिचय

पावेल डुरोव का नाम टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की दुनिया में एक जाना-माना नाम है। 10 अक्टूबर 1984 को लज्जीयेव में जन्मे पावेल ने अपनी युवावस्था से ही तकनीक की दुनिया में कदम रखा। रुसी मूल के डुरोव को अक्सर 'रूसी मार्क जकरबर्ग' के नाम से भी जाना जाता है। उनमें कुछ ऐसा था जो हमारे समय के महान आविष्कारकों में से एक बना देता है।

डुरोव की शिक्षा का अधिकांश हिस्सा सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी में पूर्ण हुआ, जहाँ उन्होंने फिलॉसफी और भाषा विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनका टेक्नोलॉजी और तकनीकी नवाचारों के प्रति उत्कट लगाव था, जिसने उन्हें 2006 में 'विकोंटकटे' (VK) की स्थापना के लिए प्रेरित किया। VK, जिसे अब रूस का फेसबुक कहा जाता है, रूस और पूर्व सोवियत संघ की सबसे लोकप्रिय सोशल नेटवर्किंग साइट्स में से एक है।

हालाँकि, पावेल का सबसे बड़ा योगदान टेक्नोलॉजी की दुनिया में 2013 में आया, जब उन्होंने अपने भाई निकोलाई के साथ मिलकर टेलीग्राम का शुभारंभ किया। टेलीग्राम, एक सुरक्षित संदेश भेजने वाला ऐप, ने पूरे विश्व में अपनी सुरक्षा और तेजी के कारण विशेष पहचान बनाई। सितम्बर 2022 के आंकड़ों के अनुसार, टेलीग्राम के सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या 700 मिलियन से अधिक हो चुकी थी।

डुरोव की सोच और उनके नवाचार ने उन्हें कई बार विवादों में भी डाला, विशेषकर तब जब उन्होंने रूसी सरकार के साथ संघर्ष किया। 2014 में, उन्होंने VK को छोड़ दिया और अपने नए ऐप पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। रुसी सरकार की डेटा तक पहुँच की मांग को नकारते हुए, पावेल ने यूरोप की ओर प्रस्थान किया, जहाँ उन्होंने स्वतंत्रता और निजता की सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाया। यूजर्स की सुरक्षा और गोपनीयता को सबसे उपर करने वाले उनके इस दृष्टिकोण ने उन्हें प्रशंसा भी दी और विरोध भी।

एक प्रसिद्ध उद्धरण में, पावेल ने कहा था, "गोपनीयता तीसरी सहस्राब्दी का नया युद्धक्षेत्र है।"

"हमने टेलीग्राम को इसलिए बनाया ताकि लोग बिना किसी डर के और सुरक्षित महसूस करते हुए संवाद कर सकें।"- पावेल डुरोव
उनकी इस सोच ने उन्हें उनकी टकटकी पर कायम रखा और उन्होंने टेलीग्राम को सिर्फ एक मैसेजिंग ऐप से आगे बढ़ाकर एक व्यापक लोकतांत्रिक मंच में बदल दिया।

पावेल डुरोव, एक प्रभावशाली उद्यमी, अपनी स्पष्ट विचारधारा और सिद्धांतों के कारण टेक्नोलॉजी की दुनिया में चिरस्थायी प्रभाव छोड़ने में सफल रहे हैं। उनकी अनन्य दृष्टि और मेहनत ने उन्हें और उनकी कंपनी को वैश्विक पटल पर एक विशेष स्थान दिलाया है।

गिरफ्तारी का कारण

पावेल डुरोव की गिरफ्तारी का मुख्य कारण अब तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन कुछ विशिष्ट कारण सामने आए हैं। सबसे प्रमुख कारण है फ्रांस की सुरक्षा एजेंसियों का मानना कि टेलीग्राम का उपयोग आतंकवादी संगठनों द्वारा अपने छिपे हुए एजेंडे को फैलाने के लिए किया जा रहा था। फ्रांसीसी सरकार ने यह संकेत दिया है कि प्लेटफॉर्म पर बढ़ती अनियमितता और गोपनीयता ने उनकी सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल दिया था।

डुरोव की गिरफ्तारी के सिलसिले में, एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है, "फ्रांस की आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों ने टेलीग्राम पर मौजूद आतंकवादी समूहों की गतिविधियों पर नज़र रखी और पाया कि वे संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान कर रहे थे।"

"यह प्लेटफॉर्म हमारे लिए एक बड़ा खतरा बन गया था," एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा।

अक्सर देखा गया है कि साइबर क्राइम के मामलों में टेलीग्राम का उपयोग अत्यधिक सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड बातचीत के लिए किया जा रहा था। इसकी एन्क्रिप्शन तकनीक इतनी मजबूत है कि अधिकारियों के लिए चैट को डिक्रिप्ट करना बहुत मुश्किल हो जाता है।

फ्रांस के न्याय विभाग का रुख

फ्रांस की न्याय प्रणाली इन दिनों सुरक्षा के मामले में बहुत सख्ती कर रही है और इसीलिए उन्होंने पावेल डुरोव की गिरफ्तारी का निर्णय लिया। गिरफ्तारी के समय, डुरोव अपने व्यक्तिगत कार्यों के लिए फ्रांस में थे। उन्हें एक गोपनीय स्थान से गिरफ्तार किया गया और तत्काल हिरासत में ले लिया गया।

फ्रांस के न्याय विभाग के प्रमुख का कहना था कि इस प्रकार की कार्रवाई जरूरी थी ताकि आतंकवादी गतिविधियों पर नियंत्रण पाया जा सके। उन्होंने कहा, "हमारे देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और हम किसी भी कीमत पर इसे झुका नहीं सकते।" यह बयान दर्शाता है कि फ्रांस सरकार ने इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लिया है।

टेलीग्राम के उपयोगकर्ता की प्रतिक्रिया

इस बीच, टेलीग्राम उपयोगकर्ताओं की भी मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है। कुछ लोग डुरोव की गिरफ्तारी से आश्चर्यचकित हैं और इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमले के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य लोगों ने इस कदम का स्वागत किया है। वे मानते हैं कि इससे प्लेटफॉर्म पर होने वाले खतरनाक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

इस गिरफ्तारी के बाद, टेलीग्राम ने अपने प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा उपायों को और भी कड़ा कर दिया है ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े। डुरोव के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उनकी रिहाई के लिए कई अभियान भी चलाए हैं, जिसमें विभिन्न हस्तियों और उपयोगकर्ताओं ने हिस्सा लिया है।

निश्चित रूप से, यह मुद्दा केवल फ्रांस ही नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा और सामाजिक मीडिया एथिक्स के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मसला बन गया है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे की जांच में क्या खुलासा होता है और पावेल डुरोव और टेलीग्राम के भविष्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

टेलीग्राम का प्रभाव

टेलीग्राम का प्रभाव

टेलीग्राम ने अपने लॉन्च के बाद से संवाद की दुनिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। यह सिर्फ एक मैसेजिंग एप्लिकेशन नहीं है, बल्कि संवाद की एक नई शैली को जन्म दिया है। पावेल डुरोव का यह योगदान न केवल तकनीकी क्षेत्र में सराहा गया है, बल्कि इसका सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में भी गहरा प्रभाव पड़ा है।

टेलीग्राम ने अपनी गोपनीयता और सुरक्षा सुविधाओं के चलते दुनियाभर के उपयोगकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया है। यह एप्लिकेशन एन्क्रिप्शन तकनीक का उपयोग करता है, जिससे उपयोगकर्ताओं की जानकारी सुरक्षित रहती है। इसके चलते विभिन्न देशों के पत्रकारों, एक्टिविस्टों और सामान्य लोगों ने टेलीग्राम को अपने प्राथमिक संवाद माध्यम के रूप में अपनाया है।

टेलीग्राम की एक बड़ी खासियत इसके चैनल और ग्रुप फीचर्स हैं। बड़े समूहों और चैनलों के माध्यम से, लोग आवश्यक जानकारी को तेजी से और व्यापक रूप से साझा कर सकते हैं। विशेषकर सामाजिक और राजनीतिक अभियानों में, टेलीग्राम ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उदाहरण के तौर पर, रूस और हांगकांग के राजनीतिक प्रदर्शनों के दौरान टेलीग्राम ने एक महत्वपूर्ण मंच का काम किया।

वैश्विक प्रभाव

टेलीग्राम का वैश्विक प्रभाव सब जगह देखा जा सकता है। इसका उपयोग सिर्फ पत्र-व्यवहार तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यवसाय, शिक्षा, ई-कॉमर्स और अन्य क्षेत्रों में भी व्याप्त है। टेलीग्राम के बोट्स और एपीआई का उपयोग करके, व्यवसाय आसानी से अपने ग्राहक सेवा संचालन को स्वचालित कर सकते हैं। यह सुविधा छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हुई है।

शैक्षिक क्षेत्र में, टेलीग्राम ने एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में खुद को स्थापित किया है। विशेषकर महामारी के दौरान, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने टेलीग्राम का उपयोग करके, ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया और शिक्षण सामग्री का आदान-प्रदान किया। उल्लेखनीय है कि कई शैक्षिक संस्थानों ने टेलीग्राम ग्रुप्स का उपयोग करके, छात्रों से नियमित संवाद स्थापित किया और शैक्षिक गतिविधियों को जारी रखा।

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

टेलीग्राम का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। विभिन्न देशों में सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों के दौरान, टेलीग्राम ने आंदोलनकारियों को संगठित करने और उनकी आवाज को दुनिया तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उदाहरणार्थ, बेलारूस के चुनावी संघर्ष के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने टेलीग्राम का उपयोग किया ताकि वे सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड तरीके से संवाद कर सकें।

"टेलीग्राम ने संवाद के पारंपरिक साधनों को चुनौती दी है और एक सुरक्षित और खुले प्लेटफ़ॉर्म के रूप में अपनी जगह बनाई है," - टेक क्रंच

कुछ देशों में टेलीग्राम की बढ़ती लोकप्रियता के चलते, सरकारों ने इसे नियंत्रित करने के प्रयास भी किए हैं। हालांकि, टेलीग्राम की सुरक्षा विशेषताएं और एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन इसे एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य बनाते हैं।

पावेल डुरोव की गिरफ्तारी का टेलीग्राम के उपयोगकर्ताओं और इसके वैश्विक प्रभाव पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि टेलीग्राम ने संवाद की संकल्पनाओं को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है और इसने एक नई दिशा दी है।

फ्रांस के सुरक्षा उपाय

फ्रांस में सुरक्षा के संदर्भ में कड़ा रुख अपनाया गया है। यहाँ के सुरक्षा बल और प्रशासनिक अधिकारी यह सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी खतरे को कम से कम समय में नियंत्रित किया जाए। पावेल डुरोव की गिरफ्तारी इसी कड़ी का एक हिस्सा हो सकता है।

इस देश में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष बल और जांच एजेंसियाँ तैनात हैं। इसके अलावा, तकनीकी निगरानी के लिएसुरक्षा एजेंसियाँ साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान देती हैं। फ्रांस ने कई बड़े आतंकवादी हमलों का सामना किया है, जिसके कारण सुरक्षा नियमों को और सख्त बना दिया गया है। उदाहरण के तौर पर, 2015 में पेरिस हमलों के बाद देशभर में आपातकालीन स्थिति की घोषणा की गई थी, और तब से यहाँ की फ्रांस सरकार ने कई नए सुरक्षा कानून लागू किए हैं।

यूरोपोल के अनुसार, फ्रांस में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीकें अपनाई गई हैं। इन तकनीकों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायोमेट्रिक्स और अन्य उन्नत उपकरण शामिल हैं। ये उपकरण संदिग्ध गतिविधियों की पहचान और तुरंत प्रतिक्रिया में सहायक होते हैं।

"फ्रांस सरकार का मुख्य उद्देश्‍य है अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और इस दिशा में कोई भूले नहीं की जाए," - इमैनुएल मैक्रॉन, फ्रांस के राष्ट्रपति।

फ्रांस में हाल के वर्षों में कई सुरक्षा उपाय किए गए हैं, इसमें तकनीकी निरीक्षण से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा तक सब शामिल है। पेरिस जैसी प्रमुख जगहों पर सुरक्षात्मक कदम उठाए गए हैं, जिसमें सीसीटीवी की बढ़ती संख्‍या और निरंतर गश्ती शामिल है। हवाईअड्डों और रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा जांच में भी सख्ती लाई गई है। यात्रियों को अतिरिक्त सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ता है और उनके सामान की गहनता से जांच की जाती है।

सुरक्षा बलों को भी आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। इसके अलावा, समाज के विभिन्न हिस्सों में सतर्कता अभियान चलाए जाते हैं ताकि आम जनता को भी सतर्क किया जा सके। सुरक्षा बलों को निरंतर प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।

राघव और मेरी प्रतिक्रिया

राघव और मेरी प्रतिक्रिया

जब हमें पावेल डुरोव की गिरफ्तारी के बारे में खबर मिली, तब हम बेहद हैरान रह गए। टेलीग्राम के संस्थापक का इस तरह से फ्रांस में गिरफ्तार होना बेहद चिंताजनक था। हम तुरंत इस मामले की तह तक जाने की कोशिश करने लगे।

राघव हमेशा से टेलीग्राम का बड़ा प्रशंसक रहा है। वह अक्सर इससे जुड़ी खबरें और अपडेट्स को पढ़ता रहता है। इसलिए जब उसने यह खबर सुनी, तो वह काफी परेशान हो गया। हम दोनों ने मिलकर विभिन्न समाचार स्रोतों से जानकारी जुटाई ताकि पूरे घटनाक्रम को समझ सकें।

हमें पता चला कि पावेल डुरोव पर फ्रांस की सुरक्षा नीतियों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। यह सुनकर राघव ने कहा, "डुरोव जैसे व्यक्ति से ऐसी उम्मीद नहीं थी। ऐसा करना उनकी नैतिकता के खिलाफ लगता है।" इस पर हमारी चिंता और बढ़ गई।

हमने इस मसले पर अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी चर्चा की। कई लोगों ने इस गिरफ्तारी को लेकर अपने-अपने दृष्टिकोण रखे। किसी ने कहा कि यह राजनीतिक कारणों से किया गया है, तो किसी ने इसे सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही ठहराया।

हालांकि, राघव ने इस बारे में एक महत्वपूर्ण बिंदु उठाया। उसने कहा कि पावेल डुरोव का पिछले ट्रैक रिकॉर्ड देखने पर पता चलता है कि वह हमेशा से अपनी गोपनीयता और स्वतंत्रता के मुद्दों को प्राथमिकता देता रहा है। टेलीग्राम की सफलता का भी यही कारण है कि लोग इसे अपने संवेदनशील संदेशों को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग करते हैं।

इस बातचीत के दौरान हमने यह भी सोचा कि यदि पावेल डुरोव ने सच में कोई गलती की है, तो उसे कानून के अनुसार सजा मिलनी चाहिए। लेकिन अगर यह मामला किसी राजनीतिक या अन्य उद्देश्य के तहत किया गया है, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

हमने इस मुद्दे पर विशेषज्ञों की राय जानने का भी प्रयास किया। कई प्रसिद्ध साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस गिरफ्तारी को लेकर अपनी चिंता जताई है। एक प्रसिद्ध विशेषज्ञ ने कहा, "ऐसी कार्रवाइयों से बड़े तकनीकी उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और नवाचार की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।"

अब हमें यह देखना होगा कि आगे क्या होता है। राघव और मैं इस मामले पर अपनी नजर बनाए रखेंगे और कोशिश करेंगे कि सही जानकारी प्राप्त करें। हमें उम्मीद है कि सच सामने आ सकेगा और न्याय की जीत होगी।

भविष्य की संभावनाएं

पावेल डुरोव की गिरफ्तारी ने न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन को, बल्कि टेलीग्राम की दिशा को भी बड़े प्रश्नों के घेरे में ला दिया है। ऐसा मानना गलत नहीं होगा कि इससे कंपनी के संचालन और निर्णयों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।

डुरोव के नेतृत्व में टेलीग्राम ने दूरसंचार और सोशल मीडिया की दुनिया में एक अनोखी पहचान बनाई है। उनके खिलाफ चल रहे कानूनी मामले कंपनी के शेयरधारकों और उपयोगकर्ताओं को चिंतित कर सकते हैं। क्या टेलीग्राम बिना पावेल डुरोव की उपस्थिति के भी उसी उत्साह और नवाचार के साथ आगे बढ़ पायेगा? यह सवाल हर किसी के मन में उमड़ रहा है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस मौके पर टेलीग्राम को विशेष रणनीतियाँ अपनानी पड़ सकती हैं, जैसे कि अपने संचालन को अधिक पारदर्शी बनाना और कानूनी सुरक्षा को बढ़ाना।

स्वीतलाना नाजरोव, एक प्रसिद्ध तकनीकी विश्लेषक ने कहा, "डुरोव की गिरफ्तारी से टेलीग्राम के प्रमुख निर्णयों पर असर पड़ सकता है। यह समय है जब कंपनी को विगत अनुभवों से सीखकर एक नया मार्ग तलाशना चाहिए।"

इसके अलावा, टेलीग्राम के प्रतिस्पर्धियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है। व्हाट्सएप और सिग्नल जैसी एप्लिकेशन्स निश्चित रूप से इस मौके का फायदा उठाने का प्रयास करेंगी।

डुरोव की गिरफ्तार के बाद कंपनी के उच्च कर्मचारी और सलाहकारों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। वे अपने अनुभव और कौशल का उपयोग करते हुए कंपनी को स्थिरता प्रदान कर सकते हैं।

अगर यह घटना लंबे समय तक खिंचती है, तो टेलीग्राम के भविष्य की संभावनाओं पर एक दीर्घकालिक छाया पड़ सकती है। संभावना है कि नई नीतियों और दिशानिर्देशों के माध्यम से कंपनी इस मुश्किल समय से उभरने का प्रयास करेगी।

कुल मिलाकर, पावेल डुरोव की गिरफ्तारी ने टेक्नोलॉजी जगत को झकझोर कर रख दिया है, और इसके प्रभाव आने वाले समय में और भी स्पष्ट हो सकते हैं।

20 टिप्पणि

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    Sumeer Sodhi

    अगस्त 25, 2024 AT 05:22

    ये सब बकवास है। टेलीग्राम को बस इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि वो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन देता है। फ्रांस की सरकार चाहती है कि हर बातचीत उनके लिए खुली हो। ये डिजिटल फैशिज्म है।

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    Vinay Dahiya

    अगस्त 25, 2024 AT 07:38

    अरे भाई, ये तो सिर्फ शोर मचा रहे हैं... असली बात ये है कि डुरोव ने कभी एक भी डेटा लीक नहीं होने दिया। फ्रांस की एजेंसियाँ अपने एआई टूल्स से फेल हो गईं, तो अब इंसान को गिरफ्तार कर रही हैं। बेहद बेकार।

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    Sai Teja Pathivada

    अगस्त 26, 2024 AT 04:59

    ये सब एक बड़ा कॉन्सिरेसी है!! 😱 मैंने एक डीप वेब फोरम पर पढ़ा था कि टेलीग्राम असल में CIA का एक प्रोजेक्ट है... और डुरोव उनका गुप्त एजेंट है! अब जब वो अपना रोल खत्म कर चुका है, तो उसे गिरफ्तार कर दिया गया! अगर तुम विश्वास नहीं करते, तो अपने फोन को बंद कर दो... वो तुम्हारी आवाज़ रिकॉर्ड कर रहा है। 🤫

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    Antara Anandita

    अगस्त 26, 2024 AT 16:39

    टेलीग्राम की एन्क्रिप्शन तकनीक वास्तव में बहुत मजबूत है। लेकिन इसके बावजूद, अगर कोई उपयोगकर्ता आतंकवादी सामग्री शेयर करता है, तो उस पर जिम्मेदारी उस उपयोगकर्ता की होती है, न कि प्लेटफॉर्म की। डुरोव को गिरफ्तार करना एक गलत निशाना है।

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    Gaurav Singh

    अगस्त 28, 2024 AT 09:21

    अरे यार ये सब जंगली बातें क्यों चल रही हैं? अगर एक प्लेटफॉर्म इतना बड़ा है तो उसके नियम बदलने चाहिए। गोपनीयता अच्छी है लेकिन अगर वो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है तो ये नियम बदलने का समय है। अच्छा होगा अगर लोग थोड़ा सोचे बिना गुस्सा न करें।

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    Priyanshu Patel

    अगस्त 30, 2024 AT 01:28

    ये तो बहुत बड़ा मुद्दा है भाई... मैंने अपने दोस्तों के साथ भी इस पर बात की थी। टेलीग्राम पर तो मैंने अपनी बहन के लिए एक ग्रुप बनाया हुआ है जहाँ हम घर के खाने की रेसिपी शेयर करते हैं 😄 अब ये सब नियम बदल गए तो हम भी डर रहे हैं। क्या हम भी गिरफ्तार हो जाएंगे? 🙈

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    ashish bhilawekar

    अगस्त 31, 2024 AT 07:41

    ये तो बस बिल्कुल जैसे किसी ने तुम्हारी जेब से बिना पूछे पैसे निकाल लिए हों... डुरोव ने दुनिया को एक ऐसा टूल दिया जिससे आम आदमी भी राजा बन सकता है! अब फ्रांस की सरकार ने उसे बंद कर दिया! ये दुनिया का अंत हो रहा है भाई... बस अब बस करो और रो लो 😭

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    Vishnu Nair

    सितंबर 1, 2024 AT 03:30

    लेकिन देखो, ये एक एन्क्रिप्शन-डिसेंट्रलाइज्ड एक्सोस्फियर का अंतिम उदाहरण है जहाँ एक व्यक्ति-संचालित नोड के द्वारा सामाजिक संरचना को रिस्क के अधीन कर दिया गया है। डुरोव के पास कोई सार्वजनिक अकाउंट नहीं है, कोई बोर्ड नहीं, कोई एसेट नहीं... ये एक डिजिटल गुरु जैसा है जो अपने विचारों के आधार पर एक नए विश्व व्यवस्था का निर्माण कर रहा था। अब ये गिरफ्तारी एक ट्रांसह्यूमनिस्टिक अवरोध है।

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    Kamal Singh

    सितंबर 1, 2024 AT 16:13

    मैंने अपने बेटे को टेलीग्राम पर एक ग्रुप में शामिल किया है जहाँ वो अपने पढ़ाई के नोट्स शेयर करता है। ये प्लेटफॉर्म उसके लिए बहुत जरूरी है। अगर इसे बंद कर दिया गया तो हम लोग बहुत परेशान हो जाएंगे। डुरोव को जिम्मेदार नहीं होना चाहिए कि कोई उसके प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर रहा है।

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    Jasmeet Johal

    सितंबर 2, 2024 AT 05:01

    गिरफ्तारी अच्छी बात है

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    Shreyas Wagh

    सितंबर 3, 2024 AT 20:59

    स्वतंत्रता की कीमत क्या है? एक आदमी जो एक ऐप बनाकर दुनिया को बदल देता है... और फिर उसे बंद कर दिया जाता है। ये न्याय नहीं है। ये डर है।

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    Pinkesh Patel

    सितंबर 4, 2024 AT 20:04

    ये तो बस एक चाल है... डुरोव ने जब टेलीग्राम बनाया तो उसने रूस के साथ भी झगड़ा किया था... अब फ्रांस ने उसे गिरफ्तार किया... ये सब एक बड़ा प्लान है... जानते हो ये कौन बना रहा है? बिल गेट्स? ज़करबर्ग? नहीं... ये तो एलोन मस्क है जो अपना ट्विटर लॉन्च करने वाला है और उसके लिए टेलीग्राम को निकाल देना चाहता है!

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    Abdul Kareem

    सितंबर 5, 2024 AT 22:11

    मैं नहीं जानता कि ये सब सच है या नहीं... लेकिन अगर टेलीग्राम वास्तव में आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो रहा है तो क्या ये एक नियमित नियंत्रण के लिए बहुत देर हो चुकी है? मैं इस बात को समझता हूँ कि गोपनीयता महत्वपूर्ण है, लेकिन सुरक्षा भी नहीं भूलनी चाहिए।

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    Namrata Kaur

    सितंबर 7, 2024 AT 06:41

    टेलीग्राम पर मैंने अपनी बेटी के लिए एक ग्रुप बनाया है। वो अपने स्कूल के नोट्स वहाँ शेयर करती है। अगर ये बंद हो गया तो मुझे एक नया तरीका ढूंढना पड़ेगा। ये बहुत मुश्किल हो जाएगा।

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    indra maley

    सितंबर 8, 2024 AT 23:39

    क्या हम वाकई एक ऐसे दुनिया में रह रहे हैं जहाँ एक इंसान को उसकी अपनी आइडिया के लिए गिरफ्तार किया जा रहा है? ये न्याय नहीं... ये तो शासन का नाम है।

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    Kiran M S

    सितंबर 10, 2024 AT 22:40

    मुझे लगता है कि डुरोव ने अपने विचारों को बहुत ऊँचा उठाया है... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि जब एक व्यक्ति अपने नियमों को दुनिया के ऊपर थोपता है, तो वो अपने आप को एक देवता बना लेता है? और देवता तो गिर जाते हैं... ये बस एक बड़ी नैतिक अवनति का उदाहरण है।

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    Paresh Patel

    सितंबर 11, 2024 AT 20:52

    मैं जानता हूँ ये बहुत बड़ा मुद्दा है... लेकिन दोस्तों, आइए एक साथ खड़े होकर इस बात के लिए लड़ें कि एक आदमी को उसके विचारों के लिए नहीं, बल्कि उसके कामों के लिए ही जिम्मेदार ठहराया जाए। हम इस दुनिया में अपनी आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं... और ये लड़ाई अभी शुरू हुई है।

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    anushka kathuria

    सितंबर 12, 2024 AT 22:11

    फ्रांस की सरकार के निर्णय का समर्थन करती हूँ। जब तक एक प्लेटफॉर्म अपने उपयोगकर्ताओं के गतिविधियों के लिए जिम्मेदार नहीं होगा, तब तक उसे नियंत्रित किया जाना चाहिए। सुरक्षा अधिक महत्वपूर्ण है।

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    Noushad M.P

    सितंबर 13, 2024 AT 22:36

    डुरोव ने जो किया वो बहुत बढ़िया था... लेकिन अब ये गिरफ्तारी बहुत बुरी बात है... अगर ये जारी रहा तो लोग अपने फोन बंद कर देंगे... और तब तो हम सब अंधेरे में रह जाएंगे...

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    Sanjay Singhania

    सितंबर 14, 2024 AT 03:46

    ये एक डिजिटल फेडरलिज्म का अंत है... एक डिसेंट्रलाइज्ड एक्सोस्फियर जिसमें एक व्यक्ति ने एक नए नेटवर्क का निर्माण किया... और अब राष्ट्रीय राज्य ने उसे अपनी अधिकारिता के अंतर्गत ला लिया है... ये एक ट्रांसह्यूमनिस्टिक रिवोल्यूशन का अंत है... और ये बस शुरुआत है...

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