प्रधानमंत्री मोदी का ऑस्ट्रिया दौरा: 41 वर्षों के बाद एक भारतीय प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा
भारत-ऑस्ट्रिया के संबंधों में नई ऊंचाइयां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 जुलाई, 2024 को ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में अपने एक दिवसीय राजकीय दौरे की शुरुआत की। यह यात्रा पिछले 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा पहली बार ऑस्ट्रिया का दौरा है। इससे पहले, 1983 में इंदिरा गांधी ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया था। मोदी का यह दौरा भारत और ऑस्ट्रिया के बीच कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और संबंधों का महत्व
आज से 75 साल पहले, जब भारत और ऑस्ट्रिया ने अपने कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की थी, तब से लेकर अब तक दोनों देशों के रिश्तों ने कई पड़ाव देखे हैं। मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नई जान फूंकने की उम्मीद है। ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहम्मर ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए इस यात्रा को महत्वपूर्ण बताया, क्योंकि यह दोनों देशों के रिश्तों की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर हो रही है।
उच्च स्तरीय बैठकें और व्यापारिक संवाद
प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन और चांसलर कार्ल नेहम्मर से मुलाकात से शुरू हुआ। इन महत्वपूर्ण बैठकों में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे सामान्य मूल्यों पर जोर दिया गया। इसके बाद, मोदी और नेहम्मर ने भारत और ऑस्ट्रिया के व्यापारिक नेताओं को भी संबोधित किया, जिससे दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में भी नई ऊर्जा प्राप्त हो सके।
रूस यात्रा के बाद का आयोजन
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने रूस का दो दिवसीय दौरा किया था, जहां उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान, व्यापार, जलवायु और अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में नौ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। मोदी ने रूस को 'सर्व मौसम मित्र' बताया और यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। मोदी को राष्ट्रपति पुतिन द्वारा रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल फर्स्ट-कॉल्ड से भी सम्मानित किया गया।
भारत-ऑस्ट्रिया: पारस्परिक सहयोग के नए आयाम
प्रधानमंत्री के इस दौरे से दोनों देशों के बीच शिक्षाविदों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में भी नए अवसर खुल सकते हैं। इस दौरे के माध्यम से भारत और ऑस्ट्रिया के बीच शिक्षा, विज्ञान और औद्योगिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। मोदी और नेहम्मर ने विशेष रूप से तकनीकी नवाचार, कृषि, ऊर्जा और चिकित्सा अनुसंधान क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने की वृत्ति दिखाई।
सेल्फी डिप्लोमेसी और पब्लिक आउटरीच
प्रधानमंत्री मोदी की 'सेल्फी डिप्लोमेसी' ने वियना में अलग ही रंग दिखाया। ऑस्ट्रियाई सामुदायिक नेताओं और भारतीय डाइसपोरा के साथ उनकी मुलाकातें और त्वरित बातचीत ने माहौल को गर्म कर दिया। मोदी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी मानवीय तत्वों का महत्व है, और उनके इस अवसर पर वियना में भारतीय समुदाय के साथ समय बिताना इसका जीवंत उदाहरण था।
साझा विजन और भविष्य का मार्ग
भारत और ऑस्ट्रिया ने अपने संबंधों को सशक्त बनाने के लिए कई क्षेत्रों में नई पहलों की शुरुआत की है। दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन से निपटने, साइबर सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने और महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करने की प्रतिबद्धता जाहिर की। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन की साझा मूल्यों पर आधारित हमारे संबंध एक मजबूत बुनियाद पर खड़े हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा न केवल दोनों देशों के संबंधों को एक नया आयाम देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी दोनों देशों की साझेदारी को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
Aniket Jadhav
जुलाई 12, 2024 AT 05:17Anoop Joseph
जुलाई 13, 2024 AT 05:58Kajal Mathur
जुलाई 14, 2024 AT 16:29rudraksh vashist
जुलाई 15, 2024 AT 01:21Archana Dhyani
जुलाई 17, 2024 AT 00:41Guru Singh
जुलाई 17, 2024 AT 14:00Sahaj Meet
जुलाई 17, 2024 AT 15:21Madhav Garg
जुलाई 17, 2024 AT 18:07