प्रति सुदान: मनोज सोनी के बाद UPSC की नई प्रमुख कौन हैं?
प्रति सुदान: मनोज सोनी के बाद UPSC की नई प्रमुख
प्रति सुदान, 1983 बैच की आईएएस अधिकारी, जो कि आंध्र प्रदेश कैडर से हैं, को UPSC का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। सुदान को यह जिम्मेदारी मनोज सोनी के इस्तीफे के बाद सौंपी गई है। मनोज सोनी ने अपनी व्यक्तिगत कारणों के कारण अपने कार्यकाल की समाप्ति से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे को अभी तक स्वीकृत नहीं किया गया है, लेकिन एजेंसी ने सुदान को नयी जिम्मेदारी सौंप दी है।
संक्षिप्त जीवन परिचय
प्रति सुदान का करियर कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक भूमिकाओं से भरा है। जुलाई 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद भी उनके पास सरकारी प्रशासन का व्यापक अनुभव है। उन्होंने खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, महिला और बाल विकास विभाग, और रक्षा मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। इसके अतिरिक्त, राज्य प्रशासन में भी उन्होंने वित्त और योजना, आपदा प्रबंधन, पर्यटन, और कृषि जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
शैक्षिक योग्यताएं और अन्य योगदान
प्रति सुदान के पास इकोनॉमिक्स में एम. फिल और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) से सोशल पॉलिसी और प्लानिंग में एम.एससी है। यह शैक्षिक योग्यता उन्हें न केवल प्रशासनिक कार्यों में बल्कि नीति निर्माण में भी अत्यधिक कुशल बनाती हैं। उन्होंने वर्ल्ड बैंक के साथ भी कंसल्टेंट के रूप में कार्य किया है। इसके अलावा, उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित भूमिकाएं निभाई हैं। वह टौबेको कंट्रोल के फ्रेमवर्क कन्वेंशन की चेयर, मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य के लिए साझेदारी की वाइस चेयर, ग्लोबल डिजिटल हेल्थ पार्टनरशिप की चेयर, और WHO के स्वतंत्र पैनल की सदस्य रहीं हैं।
UPSC में योगदान
29 नवंबर 2022 को प्रति सुदान को UPSC का सदस्य नियुक्त किया गया था। अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण नीतियों और प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित किया। UPSC भारत में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करने वाली सबसे महत्वपूर्ण एजेंसी है और प्रति सुदान की नियुक्ति इस महत्वपूर्ण संस्था के लिए एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
मनोज सोनी का इस्तीफा
मनोज सोनी, जो कि एक प्रख्यात शिक्षा शास्त्री हैं, ने अपने व्यक्तिगत कारणों के चलते अपने कार्यकाल की समाप्ति से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। मई 2029 में उनका कार्यकाल समाप्त होना था, परन्तु उन्होंने मई 2023 में चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभालने के कुछ ही महीनों बाद इस्तीफा दे दिया। सोनी ने अपने इस्तीफे में समाजिक और धार्मिक गतिविधियों में अधिक समय देने की इच्छा जाहिर की थी।
नई अपेक्षाएँ और चुनौतियाँ
प्रति सुदान की नियुक्ति से UPSC को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है। उनके अनुभव और विशेषज्ञता से आयोग को नई ऊँचाइयाँ छूने में सहायता मिलेगी। उनके सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हो सकती हैं, जिनमें सिविल सेवा परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता बरकरार रखना शामिल है।
इससे जुड़ी विभिन्न प्रमुख भूमिकाओं में कुशलता से निपटते हुए उन्होंने अपनी पहचान एक दृढ़ संकल्पित और विशेषज्ञ अधिकारी के रूप में बनाई है। उनकी नियुक्ति से ना सिर्फ UPSC बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र को भी एक नई ऊर्जा मिल सकती है।
UPSC की चुनौतियों और जिम्मेदारियों के बीच प्रति सुदान का अनुभव और नेतृत्व निश्चित रूप से संस्थान को एक नया दृष्टिकोण प्रदान करेगा। उनके नेतृत्व में UPSC की नीतियों और प्रक्रियाओं में सुधार की बड़ी संभावनाएं हैं, जो इसे और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाएंगी।
उनका प्रभाव
प्रति सुदान के अनुभव के कारण, UPSC की नीतियाँ और प्रक्रियाएँ बहुत मजबूत और पारदर्शी बन सकती हैं। उनके नेतृत्व में, UPSC न केवल सिविल सेवा परीक्षाओं के संचालन में सुधार करेगा, बल्कि नई और अधिक प्रभावी नीतियों का भी सृजन करेगा। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव का लाभ उठाते हुए, UPSC का लक्ष्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है।
Abdul Kareem
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