संयुक्त राज्य में 2025 में 6,000+ विदेशी छात्र वीजा रद्द, भारतीय छात्रों को भारी नुकसान

संयुक्त राज्य में 2025 में 6,000+ विदेशी छात्र वीजा रद्द, भारतीय छात्रों को भारी नुकसान
5 अक्तूबर 2025 1 टिप्पणि Kaushal Badgujar

संयुक्त राज्य में 2025 की शुरुआत में इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) ने एक रहस्यमयी अल्गोरिद्म के ज़रिए 6,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र वीज़ा रद्द कर दिए, जिसमें लगभग आधे भारतीय छात्रों का नाम आया। यह कदम न सिर्फ़ व्यक्तिगत भविष्य को धूमिल कर रहा है, बल्कि अमेरिकी शिक्षा‑आधार को भी गंभीर आर्थिक झटके का सामना करवा रहा है।

पृष्ठभूमि और नई नीति का उदय

ट्रम्प प्रशासन ने 2024 के अंत में वैधता‑समीक्षा प्रक्रिया को तेज़ करने के नाम पर स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विज़िटर प्रोग्राम (SEVP) को "अन्य" श्रेणी का नया कोड दिया। इस कोड को स्कूल के प्रतिनिधियों (DSOs) के सामने नहीं दिखाया जाता, जिससे ICE को बिना किसी संस्थागत जाँच के SEVIS रिकॉर्ड रद्द करने की सुविधा मिली। एमी मालडोना, एक प्रवास विशेषज्ञ ने कहा, "वे कुछ तरह का अल्गोरिद्म इस्तेमाल करते हैं जो छोटे ट्रैफ़िक टिकेट से लेकर अपराधी डाटाबेस तक की हर चीज़ को स्कैन करता है।"

विस्तृत आँकड़े और अल्गोरिद्म का काम

  • कुल 6,200+ वीज़ा रद्द, जिनमें से 1,800+ SEVIS रिकॉर्ड सीधे ICE ने समाप्त किए।
  • लगभग 4,000 केस को "अपराधिक गतिविधि" के आधार पर रद्द किया गया, जबकि 200‑300 केस को "आतंकवाद समर्थन" का आरोप लगाया गया।
  • भारत से आए छात्रों ने 50% से अधिक रद्दीकरण का हिस्सा संभाला, जबकि कुल भारतीय छात्रों की संख्या 330,000‑plus थी।

ऐसे अल्गोरिद्म ने FBI के नेशनल क्राइम इन्फॉर्मेशन सेंटर (NCIC) और स्थानीय पुलिस रिकॉर्ड को मिलाकर मामूली ट्रैफ़िक उल्लंघन, ख़ारिज किए गए केस या सिर्फ़ गवाह की सूची को भी "संदेहास्पद" मान लिया। इससे अधिकतर छात्रों को बिना किसी सुनवाई या अपील के अवसर के निरंतरता‑रहित जीवन का सामना करना पड़ा।

व्यक्तिगत कहानी: कैशिक राज का अनुभव

27‑वर्षीय भारतीय छात्र कैशिक राज ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में $100,000 की स्कॉलरशिप जीत ली थी। हालांकि, 21 अगस्त को नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास से उन्हें "भारत से पर्याप्त बंधन नहीं" का कारण देकर वीज़ा अस्वीकार कर दिया गया। राज ने कहा, "मेरी सोशल मीडिया पोस्ट्स, जो भारतीय मुस्लिम अल्पसंख्यकों के प्रति मेरे विचार दर्शाती थीं, शायद कारण बन गईं।" उनका मामला इस नई नीति का सबसे स्पष्ट उदाहरण बन गया।

उच्च शिक्षा संस्थानों की प्रतिक्रिया

अमेरिकन काउंसिल ऑन एजुकेशन (ACE) के अध्यक्ष टेड मिशेल ने 4 अप्रैल, 2025 को विदेश मामलों के सचिव मार्को रूबियो और होमलैंड सेक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम को एक त्वरित ब्रीफिंग की मांग की। पत्र में कहा गया, "विदेशी छात्र वीज़ा रद्दीकरण के कारण संस्थानों को छात्रों को तुरंत भेजे जाने की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, जिससे अकादमिक स्थिरता पर असर पड़ रहा है।" इस कार्रवाई के बाद कई विश्वविद्यालयों ने छात्रों को वैकल्पिक स्थिति प्रदान करने और कानूनी सहायता देने का वादा किया।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

विशेषज्ञों का अनुमान है कि वीज़ा रद्दीकरण से 2025‑26 के शैक्षणिक वर्ष में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या 30‑40% कम हो सकती है, यानी लगभग 150,000 कम छात्र आएँगे। इस घटाव से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लगभग $7 अरब की आय में कमी का जोखिम है। छात्र खर्च, आवास, स्थानीय व्यवसायों और शोध फंडिंग पर यह प्रभाव गहरा होगा।

भविष्य की दिशा और संभावित चुनौतियाँ

ट्रम्प प्रशासन अभी H‑1B वीज़ा प्रणाली को भी पुनर्रचना की योजना बना रहा है, जिससे तकनीकी क्षेत्रों में नौकरियों की कमी हो सकती है। यदि यह प्रवृत्ति जारी रही, तो संयुक्त राज्य अमेरिका को बहु‑राष्ट्रीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धी प्रतिभा को आकर्षित करने में बाधा आएगी। वहीं, भारतीय छात्रों की आवाज़ में वृद्धि हो रही है; कई दलों ने कानूनी चुनौती और संसद में पूछताछ का प्रस्ताव रखा है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्यों भारतीय छात्रों की संख्या सबसे अधिक प्रभावित हुई?

भारत से अमेरिकी विश्वविद्यालयों में सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय छात्र समूह है, लगभग 330,000 छात्र पढ़ते हैं। इसलिए कुल रद्दीकरण में भारतीय छात्रों का अनुपात स्वाभाविक रूप से उच्च रहा, जबकि अल्गोरिद्म ने छोटी‑छोटी अपराधियों को भी लक्षित किया।

क्या छात्रों को रद्दीकरण के खिलाफ अपील करने का कोई रास्ता है?

वर्तमान प्रक्रिया में ICE ने कोई सुनवाई या अपील का अवसर नहीं दिया। कई विश्वविद्यालयों ने कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन आधिकारिक तौर पर सरकार ने अभी तक कोई पुनरावलोकन प्रक्रिया नहीं दी है।

यह नीति अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करेगी?

विदेशी छात्रों के खर्च, प्रवासियों द्वारा किए जाने वाले शोध और स्थानीय व्यवसायों का राजस्व घटेगा। विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार, 2025‑26 में कुल आर्थिक नुकसान लगभग $7 बिलियन हो सकता है।

क्या इस कदम को प्रतिबंधित करने के लिए कोई कानूनी चुनौती है?

कई छात्र वकीलों ने मौलिक अधिकारों, विशेषकर उचित प्रक्रिया (Due Process) के उल्लंघन के तहत मुकदमा दायर करने की घोषणा की है। सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे की सुनवाई अगले साल के पहले भाग में होने की संभावना है।

भविष्य में क्या इस नीति में कोई बदलाव आ सकता है?

यदि व्यापक प्रतिकूल प्रतिक्रिया और आर्थिक नुकसान स्पष्ट हो जाता है, तो कांग्रेस या राष्ट्रपति कार्यालय से नीति के संशोधन की मांग आती है। अभी की स्थिति में, परिवर्तन की संभावना अस्पष्ट है।

1 टिप्पणि

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    Surya Prakash

    अक्तूबर 5, 2025 AT 21:47

    देश के प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए हमें ऐसी नीतियों की कड़ी निंदा करनी चाहिए। वीज़ा रद्दीकरण से छात्रों के भविष्य पर बुरा असर पड़ेगा।

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