आयकर विभाग – क्या नया है और टैक्स फाइल कैसे करें?
आयकर विभाग हर साल नए नियम लाता है, जिससे हमें अपने टैक्स को सही तरीके से भरना आसान हो जाता है। अगर आप भी सोच रहे हैं कि इस साल रिटर्न कैसे जमा करें, तो आप सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम आसान भाषा में बताएँगे कि क्या बदल रहा है, कौन‑सी सुविधाएँ ऑनलाइन हैं और कर बचत के कौन‑से उपाय काम करते हैं।
2025 के प्रमुख आयकर बदलाव
इस साल आयकर विभाग ने कुछ अहम अपडेट किए हैं। सबसे पहले, वैधता अवधि को 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने कर दिया गया है, जिससे फाइलिंग की प्रक्रिया में देरी वाले लोगों को राहत मिलेगी। दूसरा, आरएसएफ ऑप्ट‑इन स्कीम अब सभी आय वर्गों पर लागू होगी, जिससे छोटे निवेशकों को टैक्स बचाने में मदद मिलेगी। तीसरा, फॉर्म 16A का डिजिटलीकरण हो गया है, अब आप अपनी वेतन स्लिप के साथ सीधे पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं।
टैक्स रिटर्न फाइल करने की स्टेप‑बाय‑स्टेप गाइड
फाइलिंग को मुश्किल समझते हैं? निश्चिंत रहें, नीचे बताये गए कदमों को फॉलो करें और आप कुछ ही मिनटों में अपना रिटर्न जमा कर सकते हैं:
1. इन्कम टैक्स पोर्टल (www.incometax.gov.in) पर लॉग इन करें। अगर आपका PAN अभी तक लिंक नहीं है तो ‘नया उपयोगकर्ता’ विकल्प चुनें।
2. ‘फ़ाइल योर रिटर्न’ चुनें और फॉर्म ITR‑1 या ITR‑2, जो भी आपके आय स्रोत के अनुसार हो, उसे चुनें।
3. आय विवरण (वेतन, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गैन्स) को सही क्रम में भरें। ज़रूरत पड़ने पर पिछले साल की ‘आनुप्रस्थ’ फॉर्म से डेटा इम्पोर्ट कर सकते हैं।
4. सभी उपलब्ध धारा 80C, 80D, 80G के छूट विवरण जोड़ें – यह कर बचत का मुख्य हिस्सा है।
5. वैलीडेशन बटन दबाएँ, अगर कोई त्रुटि नहीं दिखी तो ‘सबमिट’ करें।
6. रसीद (ACK) को डाउनलोड करके सुरक्षित रखें। यह आपके दाखिल किए गए रिटर्न का आधिकारिक प्रमाण है।
इन चरणों को पालन करके आप बिना किसी झंझट के रिटर्न फाइल कर लेगे। अगर कोई प्रश्न है तो पोर्टल पर ‘FAQ’ सेक्शन देख सकते हैं या आयकर हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं।
आयकर विभाग ने अब ई‑वेरिफिकेशन को भी सरल बना दिया है – आप अपने Aadhar कार्ड या नेट बैंकिंग के ज़रिये तुरंत वेरिफाई कर सकते हैं। इससे देर‑देर तक रिटर्न पेंडिंग रहने की समस्या खत्म हो गई है।
अंत में, कर बचाव के लिए कुछ छोटे‑छोटे कदम अपनाएँ:
- साल भर के निवेश को 80C के तहत योजना‑बद्ध रखें – पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, लाइफ इन्श्योरेंस या ELSS फंड आदि।
- हाउस प्रॉपर्टी पर ली गई होम लोन की इंटरेस्ट को 2 लाख तक टैक्स में छूट मिलती है।
- हेल्थ इन्शुरेंस प्रीमियम (धारा 80D) को पूरा उपयोग में लाएँ।
ऐसे उपायों से आपकी टैक्स लायबिलिटी कम होगी और आपको रिफंड मिलने की सम्भावना बढ़ेगी।
हर साल आयकर विभाग नई अद्यतन लाता है, इसलिए समय‑समय पर पोर्टल पर अपडेट चेक करते रहें। इस गाइड को बुकमार्क कर रखें – जब भी रिटर्न फाइल करने का समय आए, यह आपकी मददगार साथी बनकर रहेगा।