आधुनिक और सुरक्षित टैक्स प्रणाली: सीसीईए ने पैन 2.0 परियोजना को दी मंजूरी

आधुनिक और सुरक्षित टैक्स प्रणाली: सीसीईए ने पैन 2.0 परियोजना को दी मंजूरी
27 नवंबर 2024 12 टिप्पणि Kaushal Badgujar

पैन 2.0 परियोजना: आधुनिक करदाता पंजीकरण के लिए एक कदम

भारत सरकार ने तकनीकी प्रगति के इस युग में डिजिटलीकरण की राह पर एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए कैबिनेट समिति ने पैन 2.0 परियोजना को अपने राजस्व संग्रह एवं प्रशासन प्रणाली में सुधार के लिए मंजूरी दी है। इस परियोजना का उद्देश्य पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) को एक केंद्रीय पहचानकर्ता के रूप में उपयोग करना है, जो देश भर में करदाताओं और संभावित कारोबारियों के लिए सरलता, पारदर्शिता और गति प्रदान करेगा।

इस योजना के तहत विभिन्न डिजिटल सिस्टमों के साथ पैन को एकल पहचानकर्ता के रूप में प्रयोग किया जाएगा, जिससे बहु-आइडेंटिफिकेशन नंबरों की आवश्यकता खत्म होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना का प्रारंभिक प्रस्ताव FY24 बजट भाषण में दिया था। इसे एक महत्वपूर्ण सुधार के रूप में देखा जा रहा है, जिसे न केवल करदाता अनुभव को सुधारने, बल्कि सरकारी प्रक्रियाओं को अधिक संगठित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

पैन 2.0 परियोजना के लाभ

पैन 2.0 परियोजना के लाभ

पैन 2.0 परियोजना के तहत, पैन और टैन (टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर) से संबंधित सभी सेवाओं को एक ही पोर्टल में समेकित किया जाएगा। यह प्रणाली उपयोगकर्ताओं को उनके कर-संबंधित जानकारी तक सरल पहुंच प्रदान करेगी। करदाता पैन के लिए आवेदन, सुधार, ऑफलाइन व ऑनलाइन वेरिफिकेशन, आधार-पैन लिंकिंग, और अन्य सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।

इसके अतिरिक्त, परियोजना में बढ़ाई गई साइबर सुरक्षा और एक डेडिकेटेड कॉल सेंटर और हेल्पडेस्क भी होंगे, जो उपयोगकर्ताओं की शंकाओं और समस्याओं का समाधान करेंगे। सुरक्षा में सुधार के लिए, एक पैन डेटा वॉल्ट सिस्टम लागू किया जाएगा जो यह सुनिश्चित करता है कि जिन अधिकारियों के पास पैन डेटा है, वे इसे सुरक्षित रूप से संभालें।

पर्यावरणीय और वित्तीय प्रभाव

पर्यावरणीय और वित्तीय प्रभाव

पैन 2.0 परियोजना पर्यावरण-मित्र प्रक्रियाओं को अपनाएगी, जो कागजी कामकाज को हटा देगी और डिजिटल प्रणाली की ओर बढ़ जाएगी, जिससे न केवल संसाधनों की बचत होगी बल्कि प्रशासनिक लागत को भी घटाया जा सकेगा। इस परियोजना की मदद से करदाता प्रक्रियाओं को और तेज और प्रभावी बनाया जा सकेगा, जिससे न केवल सरकारी खर्च में कटौती होगी बल्कि व्यापारिक सुगमता के स्तर में भी वृद्धि की जाएगी।

आंकड़ों की व्याख्या

आंकड़ों की व्याख्या

भारत में वर्तमान में लगभग 78 करोड़ पैन जारी किए गए हैं, जिनमें से 98 प्रतिशत व्यक्तिगत करदाताओं को आवंटित हैं। पैन 2.0 परियोजना का लक्ष्य इन प्रक्रियाओं को अधिक सुसंगत और तीव्र बनाना है। इसके अंतर्गत नए डिजिटल सिस्टम के माध्यम से शिकायत निवारण तंत्र में सुधार किया जाएगा और करदाताओं के लिए डिजिटल अनुभव को अधिक सुगम बनाया जाएगा। सुरक्षा और चुस्ती की दृष्टि से, यह प्रणाली अत्याधुनिक तकनीकियों और सर्वोच्च सुरक्षा उपायों को सम्मिलित करेगी।

12 टिप्पणि

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    Sumeer Sodhi

    नवंबर 28, 2024 AT 03:24

    ये सब बकवास है। पैन 2.0? बस एक और नया नंबर जो हमें याद रखना होगा। जब तक सरकार अपने अपने डेटा को सुरक्षित नहीं करती, तब तक ये सब बस एक बड़ा फ्रॉड है। आधार के साथ जो हुआ, वो याद है? वही दोबारा होगा।

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    Vinay Dahiya

    नवंबर 29, 2024 AT 00:54

    ये पैन 2.0 वाला नंबर... अरे भाई, ये तो बस एक और ब्यूरोक्रेटिक चीज है, जिसका इस्तेमाल करने वाले खुद नहीं समझते। क्या होगा अगर मेरा पैन लीक हो गया? कौन जिम्मेदार होगा? और फिर ये 'पैन डेटा वॉल्ट'... बस नाम बदल दिया, असली चीज़ वही है।

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    Sai Teja Pathivada

    नवंबर 30, 2024 AT 22:46

    ये सब तो बस एक बड़ा गुप्त नेटवर्क है... 😈 सरकार तुम्हारा हर खर्चा, हर खरीदारी, हर ट्रांजैक्शन ट्रैक कर रही है। पैन 2.0? ये तो बस एक डिजिटल फिंगरप्रिंट है! अगर तुम्हारा बैंक अकाउंट बंद हो गया, तो याद रखना... ये पैन नंबर ने तुम्हारा बिजनेस रोक दिया। तुम्हारा डेटा अभी एक डैशबोर्ड पर बैठा है... और कोई तुम्हारी आवाज़ नहीं सुन रहा।

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    Antara Anandita

    दिसंबर 2, 2024 AT 03:03

    पैन 2.0 का असली फायदा ये है कि अब आपको अलग-अलग पोर्टल्स पर लॉगिन करने की जरूरत नहीं होगी। एक ही प्लेटफॉर्म पर आवेदन, वेरिफिकेशन, और शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ये बहुत बड़ा सुधार है, खासकर छोटे व्यापारियों के लिए।

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    Gaurav Singh

    दिसंबर 2, 2024 AT 10:43

    क्या ये पैन 2.0 वाला नंबर हमारे लिए अच्छा है या सिर्फ ब्यूरोक्रेट्स के लिए? क्योंकि अगर ये सब इतना बेहतर है तो फिर क्यों नहीं बताया कि ये कैसे काम करेगा? बस एक नया नाम देकर लोगों को भ्रमित करना आसान है।

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    Priyanshu Patel

    दिसंबर 3, 2024 AT 11:09

    अरे यार इतना बड़ा बदलाव हो रहा है और हम इसे नहीं देख रहे? ये तो बहुत बड़ी बात है! अब न कोई कागज, न कोई भीड़, न कोई घंटों की लाइन... बस एक टैप और तैयार! इसकी तारीफ करना चाहिए 😊

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    ashish bhilawekar

    दिसंबर 4, 2024 AT 16:07

    ये पैन 2.0 तो बस एक जादू की छड़ी है जो सरकार ने निकाल ली! अब तो बिना कागज के, बिना भीड़ के, बिना बार-बार जानकारी दिए... सब कुछ एक जगह! ये तो बस भारत का डिजिटल रिवॉल्यूशन है! ये नंबर तो अब तुम्हारा डिजिटल जीवन का चाबी है! जय हिंद! 🚀🇮🇳

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    Vishnu Nair

    दिसंबर 6, 2024 AT 12:46

    अगर हम इस पैन 2.0 सिस्टम को डीप लेवल पर एनालाइज़ करें, तो ये एक डिस्ट्रिब्यूटेड आइडेंटिटी मैनेजमेंट आर्किटेक्चर का एक अंश है जो ब्लॉकचेन-एनेबल्ड डेटा लिंकिंग के साथ एक सेंट्रलाइज्ड डेटा वॉल्ट के जरिए एंड-टू-एंड एंक्रिप्शन के जरिए एक ट्रस्टलेस एक्सचेंज इकोसिस्टम को फैलाता है। ये नहीं कि बस एक नंबर है, ये एक न्यूरल नेटवर्क है जो टैक्स रिटर्न, बैंकिंग, और स्वास्थ्य डेटा को इंटीग्रेट करता है। अगर ये सिस्टम बेहतर तरीके से डिज़ाइन किया गया तो ये भारत के लिए एक ग्लोबल बेंचमार्क बन सकता है।

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    Jasmeet Johal

    दिसंबर 8, 2024 AT 02:34

    पैन 2.0

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    Abdul Kareem

    दिसंबर 10, 2024 AT 01:13

    इस परियोजना के तहत डेटा सुरक्षा के लिए कौन सी एंक्रिप्शन तकनीकें इस्तेमाल की जा रही हैं? क्या ये डेटा वॉल्ट सिस्टम एक डिसेंट्रलाइज्ड आधार पर काम करता है या फिर एक सेंट्रलाइज्ड सर्वर पर? इसकी टेक्निकल डिटेल्स जानना चाहूंगा।

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    Namrata Kaur

    दिसंबर 10, 2024 AT 03:54

    अब कर भरने में आसानी होगी। बस एक ऐप खोलो और कर भर दो। बहुत अच्छा हुआ।

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    indra maley

    दिसंबर 11, 2024 AT 00:00

    एक नंबर से सब कुछ जुड़ जाएगा... लेकिन क्या हम वाकई इस नंबर को इतना बड़ा अधिकार दे सकते हैं? क्या हम अपनी निजता को इस तरह बेच रहे हैं? ये सवाल अभी भी खुला है।

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