दिवाली पटाखे: सुरक्षित और मज़ेदार जश्न के टिप्स
दिवाली का मौसम अक्सर पटाखे खरीदने और जलाने की शोर में बदल जाता है। लेकिन उत्सव को सुरक्षित रखना भी उतना ही ज़रूरी है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी दिवाली हँसी‑खुशी से भरपूर और जोखिम‑मुक्त हो, तो नीचे बताए गए आसान टिप्स को ज़रूरत से ज़्यादा न भूलें।
पटाखा खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें
सबसे पहले सही दाम पर भरोसेमंद उत्पाद चुनें। सरकारी मानकों के अनुसार लाइसेंस वाला उन्हें खरीदें, क्योंकि बिना लाइसेंस वाले अक्सर असुरक्षित होते हैं। पैकेज पर “IS‑I” या सरकारी छाप देखें, वो दर्शाता है कि जांच पास कर चुका है।
एक ही बार में बहुत सारे अलग‑अलग प्रकार के पटाखे लाने की बजाय, जरूरी और भरोसेमंद ब्रांड के कुछ लोकप्रिय सेट ही लें। इससे न केवल खर्च घटता है, बल्कि अनजाने में कम‑जोर वाले या ढीले फूटने वाले सामान से सुरक्षा भी बढ़ती है।
खरीदते समय धुएँ या गंध में असामान्य महसूस होने वाले उत्पादों से बचें। अगर कोई पटाखा फटना चाहिए पर बहुत तेज़ आवाज़ आना चाहिए, तो वह अक्सर खराब हो सकता है। ऐसे में विक्रेता को तुरंत बताएं या रिटर्न करें।
पटाखा जलाते समय सुरक्षा के प्रमुख नियम
जगह चुनना बहुत अहम है। खुली, खुली जगह में, इमारतें, पेड़, और जल स्रोत से दूर, और यदि संभव हो तो साफ़ जमीन पर पटाखा जलाएँ। बच्चों को कभी भी किसी भी पटाखे को हाथ में न दें, चाहे वह छोटा ही क्यों न हो।
आग बुझाने वाला बाल्टी या रेत का पिट हमेशा पास रखें। अगर कोई पटाखा फँस जाए या अनजाने में फट जाये, तो तुरंत इसे कवर करके बुझा सकें। कभी भी पानी से नहीं बुझाएँ, क्योंकि पानी से इलेक्ट्रिक या रासायनिक प्रभाव बढ़ सकता है।
जिनकी उम्र 12 साल या उससे कम है, उन्हें केवल ध्वनि‑प्रभाव वाले “सेंसर बैंड” या लाइट शो दिखाने वाले इलेक्ट्रॉनिक पटाखे दें। दिल की धड़कन को तेज़ करने वाले शोर को कम करने से कान की चोट का जोखिम भी घटता है।
धूम्रपान, शराब या दवाइयों का असर रहे तो पटाखे न जलाएँ। ये चीज़ें संज्ञान घटा देती हैं और असावधानियों को बढ़ाती हैं। साथ ही, कोई भी पेट्रोल, टर्बीन या तेज़ी से जलने वाले गैस वाले पदार्थों के पास पटाखे नहीं लगाएं।आकाश में फटने वाले पटाखों को देर शाम के बाद जलाना बेहतर रहता है, क्योंकि यह ध्वनि के प्रभाव को कम करता है और आस-पास के लोगों को बिना परेशान किए खुशी देता है।
इन्हें समाप्त करने के बाद, सभी बचे हुए मलबे को ठीक से इकट्ठा कर निचले पड़ाव में फेंके या रिसाइक्लिंग बिन में डालें। इस तरह जलने पर वातावरण में रासायनिक प्रदूषण कम होता है और भविष्य में कमी आती है।
अंत में, अगर कोई बटा हुआ या फटा हुआ पटाखा दिखे, तो उसे तुरंत स्थानीय विभाग या पुलिस को रिपोर्ट करें। यह न केवल दूसरों को बचाता है, बल्कि मालिक को भी सतर्क करता है।
इन सरल लेकिन प्रभावी उपायों से आप अपनी दिवाली को यादगार बना सकते हैं, बिना किसी दुर्घटना या विवाद के। तो चलिए, इस साल की दिवाली को सुरक्षित, हर्षित और पर्यावरण‑मित्र बनाते हैं।