India VIX क्या है और क्यों मायने रखता है?
जब बाजार में हलचल का अंदाज़ा लगाना हो, तो सबसे तेज़ और सटीक तरीका है VIX को देखना। India VIX, जिसे अक्सर NIFTY VIX कहा जाता है, बेहतरीन संकेतक है जो अगले 30 दिनों की अस्थिरता को मापता है। अगर आप शेयर या डेरिवेटिव्स में निवेश करते हैं, तो VIX को समझना आपके लिए जरूरी है—नहीं तो आप अचानक आए बाजार चक्रव्यों में फँस सकते हैं।
India VIX कैसे गणना किया जाता है?
VIX की गणना बाजार के ऑप्शन प्राइस से होती है। खासकर NIFTY 50 पर ट्रेड होने वाले कॉल और पुट ऑप्शन की कीमतें ली जाती हैं, फिर उनका इम्प्लाइड वॉलाटिलिटी निकाली जाती है। इस प्रक्रिया में 30‑दिन के विकल्पों को मिलाकर एक औसत निकाला जाता है, जिससे हमें एक प्रतिशत मिलता है। अगर VIX की मान 20% है, तो इसका मतलब है कि अगले महीने में NIFTY 50 के रिटर्न में औसत 20% की उतार‑चढ़ाव की संभावना है।
ट्रेडिंग में India VIX का उपयोग कैसे करें?
VIX को पढ़ने के दो मुख्य तरीके हैं:
1. हाई VIX, हाई रिस्क: जब VIX 30% से ऊपर जाता है, तो बाजार में डर का माहौल बनता है। ऐसे में कई ट्रेडर अपने पोर्टफोलियो में सुरक्षा वाले एसेट्स जैसे गोल्ड या बैंकों के शेयर जोड़ते हैं, या सीधे VIX फ्यूचर पर शॉर्ट पोज़िशन ले सकते हैं।
2. लो VIX, लो रिस्क: VIX यदि 15% के नीचे गिरता है, तो बाजार शांत रहता है। इस समय स्टॉक्स में बायिंग अवसर मिलते हैं, खासकर उन कंपनियों में जिनकी बुनियादी हालत मजबूत है।
एक आसान टिप: VIX को सिर्फ अकेले न देखें। इसे NIFTY के मूवमेंट, आर्थिक आँकड़े और वैश्विक मार्केट के साथ मिलाकर विश्लेषण करें। अगर दोनों में एक ही दिशा दिखे, तो आपका ट्रेड अधिक भरोसेमंद रहेगा।
कभी‑कभी VIX अचानक झटकाव दिखाता है, जैसे जब RBI नीति में बदलाव की खबर आती है या राष्ट्रीय चुनाव जारी होते हैं। ऐसे में VIX अचानक 10‑15% बढ़ सकता है। तुरंत अपने पोर्टफोलियो की रीस्ट्रक्चरिंग करें—स्ट्रिंगर स्टॉक्स को कम करें और हाई-वॉलाटिलिटी एसेट्स में एंट्री सोचें।
ध्यान दें, VIX खुद ट्रेड नहीं होता, बल्कि फ़्यूचर और ऑप्शन के माध्यम से इसका एक्सपोज़र लिया जाता है। अगर आप शुरुआती हैं, तो पहले डेमो अकाउंट में VIX फ्यूचर के साथ प्रैक्टिस करें, फिर वास्तविक ट्रेडिंग में कदम रखें।
अंत में, याद रखें कि VIX सिर्फ एक टूल है। इसका सही उपयोग तभी होगा जब आप अपनी रिस्क टॉलरेंस, निवेश लक्ष्य और टाइम फ़्रेम को समझते हों। यदि आप इस संकेतक को रोज़ाना देखेंगे और अपने फैसलों में इंटीग्रेट करेंगे, तो बाजार की तेज़ धाग़ी निगरानी आसान होगी और आपके निवेश की सुरक्षा भी बढ़ेगी।