जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2025: क्या है नया और क्यों है महत्वपूर्ण?
जम्मू-कश्मीर में इस साल के विधानसभा चुनाव पूरे देश का ध्यान खींच रहे हैं। नई सीमाओं, सुरक्षा स्थिति और विकास योजना के चलते लोग बहुत उत्सुक हैं। अगर आप भी इस चुनाव को समझना चाहते हैं तो आगे पढ़िए—सबसे जरूरी बातें यहीं मिलेंगी।
मुख्य पार्टियों का रुख और गठबंधन
बीजेपी ने पिछले सत्र में कई विकास परियोजनाओं की घोषणा की थी, इसलिए अब वे सुरक्षा और रोजगार पर ज़ोर दे रहे हैं। पीडिपी (जनादेश) भी जलवायु परिवर्तन और स्थानीय रोजगार पर ध्यान दे रहा है, खासकर युवा वोटर्स को जीतने की कोशिश में। अटरावा ने बुनियादी सेवाओं जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा की कमी को प्रमुख मुद्दा बनाया है, जबकि कुछ छोटे क्षेत्रीय दल प्रांत के सांस्कृतिक अधिकारों को लेकर आवाज़ उठा रहे हैं।
गठबंधन की बात करें तो कुछ पार्टियों ने मौजूदा सरकार के साथ समझौता किया है, तो कुछ ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से गठबंधन मतदाताओं को सबसे ज्यादा भरोसा दिलाते हैं।
चुनाव के मुख्य मुद्दे
पहला बड़ा मुद्दा है रोजगार। कई जगह पर युवा बेरोजगार हैं, इसलिए कौन सबसे बेहतर नौकरी के अवसर दे सकता है, वह सवाल है। दूसरा मुद्दा है सुरक्षा—पिछले कुछ सालों में तनाव बढ़ा है, इसलिए लोग शांति चाहते हैं। तृतीय, बुनियादी ढांचा—सड़क, अस्पताल, स्कूल—इन्हें सुधारना हर पार्टी का वादा है, पर असली योजना क्या है, यह देखना बाकी है।
पर्यटन भी एक अहम बात बनी हुई है। जम्मू‑कश्मीर की खूबसूरती को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं और निवेश को आकर्षित करने की बातें अक्सर सुनी जाती हैं। अगर आप स्थानीय व्यवसायी हैं तो इन योजनाओं को समझना फायदेमंद रहेगा।
साथ ही, जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण भी बड़ी चर्चा में है। कई समूह जल संकट को लेकर आवाज़ उठा रहे हैं, इसलिए चुनाव के एजेण्डे में यह भी शामिल है।
अगर आप वोट देने जा रहे हैं तो अपने क्षेत्र के महाप्रबंधक (केसी) से मिलकर सूची में दिखाए गए नामों को दोबारा चेक कर लीजिए। यह प्रक्रिया बिल्कुल सरल है और 30 मिनट से कम समय लेती है।
भौतिक बाधाओं से बचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग (EVM) की जांच भी जरूरी है। अगर कोई समस्या दिखे तो तुरंत फ़ॉर्म भरें और रिपोर्ट करें।
आखिरकार, मतदान के दिन अपना एडीएचआर कार्ड या वोटर आईडी साथ रखें। अगर आप पहली बार वोट कर रहे हैं तो अपनी पहचान के दस्तावेज़ (जैसे आधार) भी ले जाना न भूलें।
इन छोटे-छोटे कदमों से आप अपनी आवाज़ को सही तरीके से साझा कर सकते हैं। याद रखें—सही जानकारी के साथ ही सही चुनाव होता है।
अगले हफ्तों में कई डिबेट और जनसभा भी होंगी। अगर आपके पास कोई सवाल है तो इन आयोजनों में भाग लेकर सीधे नेताओं से सवाल पूछें। इससे न केवल आपकी समझ बढ़ेगी, बल्कि आपके क्षेत्र की समस्याओं को भी रोशन किया जा सकेगा।
तो तैयार रहें, अपने मतदान केंद्र पर जाएँ और जो चाहते हैं, वो वोट दें। जम्मू‑कश्मीर के भविष्य को आपके हाथ में है!