मानसून 2025 – क्या बदलाव हैं और कैसे रहें सुरक्षित
भारत में हर साल मानसून की धूम का इंतजार रहता है। 2025 का मानसून भी अलग नहीं रहेगा, लेकिन कुछ नई बातों को ध्यान में रखना ज़रूरी है। इस लेख में हम बताएंगे कि कब बारिश शुरू होगी, कौन से शहरों में सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है और बारिश के मौसम में रोज़मर्रा की ज़िन्दगी को आसानी से कैसे चलाया जाए।
मानसून कब शुरू होगा?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में मानसून की पहली सक्रिय बौछारें 2 जुलाई के आसपास दक्षिणी भारत में शुरू होनी चाहिए। दक्कन, महाराष्ट्र और केरल पहले दो हफ्तों में लगातार बारिश देखेंगे। मध्य भारत में बारिश की लहरें लगभग 10 जुलाई से शुरू होंगी, जबकि उत्तरी राज्यों में देर से, यानी 15‑20 जुलाई के बाद ही लगातार बारिश की उम्मीद है।
इस साल एएलएनओ (एल नीनो) का असर थोड़ा कम रहने वाला है, इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि वर्षा की मात्रा देश के अधिकांश हिस्सों में औसत से थोड़ी अधिक होगी। खासकर पहाड़ी इलाकों में तेज़ धारा और बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए स्थानीय अधिकारियों के अलर्ट पर नज़र रखें।
मानसून में सुरक्षा के 5 आसान टिप्स
1. फ्लूड इंटेलिजेंस: अपने घर के नीचे की नालियों को साफ रखें। रुकावटें जलभराव का कारण बनती हैं। अगर आपके पड़ोस में कोई जलभरणी है, तो स्थानीय ग्राम पंचायत से संपर्क करें।
2. ड्राइविंग सावधानी: तेज़ बहते पानी में गाड़ी चलाना खतरनाक है। यदि जल स्तर 5‑10 सेंटीमीटर से अधिक हो, तो गाड़ी को रोक दें। टायर की स्पीड कम रखें और ब्रेक धीरे‑धीरे लगाएँ।
3. बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण: पावन बारिश में पावर सॉकेट को कवर करें या रिवर्स पोलरिटी वाले उपकरणों को बंद रखें। अचानक बिजली गिरने से बचने के लिए घर के अंदर छत के ठंडे हिस्से में न बैठें।
4. धूप से बचाव: भारी बारिश के बाद धूप तेज़ी से वापस आ जाती है। जब बाहर निकलें तो हल्की कपड़े और सनग्लास पहनें, क्योंकि बारिश के बाद यूवी किरणें भी भरोसेमंद होती हैं।
5. फसल और बगीचा: अगर आप खेती या बागवानी करते हैं, तो बीज बोने से पहले मिट्टी की नमी जांचें। बहुत जलजड़ें फसल को नुकसान दे सकती हैं, इसलिए उचित ड्रेनेज सिस्टम स्थापित करना जरूरी है।
इन आसान कदमों से आप न सिर्फ अपने और अपने परिवार की सुरक्षा कर पाएँगे, बल्कि बारिश के कारण होने वाले नुकसानों को भी काफी हद तक कम कर सकेंगे। याद रखें, मानसून भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जलसंधि के लिए वरदान भी है, इसलिए इसे सम्मान और सतर्कता के साथ अपनाएँ।
अंत में, अगर आप यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो अपने गंतव्य के मौसम अपडेट को रोज़ चेक करें। ट्रेन और फ्लाइट के शेड्यूल बारिश के कारण बदल सकते हैं, इसलिए बुकिंग आधी होने पर रीफ़ंड या री‑शेड्यूल की नीति को समझ लें। छोटी‑छोटी तैयारियों से आपका मानसून ट्रिप सुखद और सुरक्षित बन सकता है।