PM 2.5 क्या है और हमारे जीवन पर इसका क्या असर है?
PM 2.5 छोटे कण होते हैं, जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम होता है. ये कण बहुत हल्के होते हैं, इसलिए हवा में लम्बे समय तक रह सकते हैं और फेफड़ों में आसानी से पहुँचते हैं. जब ये कण बायुमंडल में जमा हो जाते हैं, तो हमें धुंध, धुँआ या तेज़ सर्दी जैसी समस्याएँ झेलनी पड़ती हैं. दैनिक जीवन में हम इन्हें अक्सर अनदेखा कर देते हैं, पर इनके नकारात्मक प्रभाव बहुत गंभीर हो सकते हैं.
PM 2.5 के मुख्य स्रोत
भारत में PM 2.5 के प्रमुख कारणों में वाहन उत्सर्जन, कोयला‑आधारित बिजली प्लांट, निर्माण कार्य, कृषि में बर्निंग और घर में लकड़ी या कोयले का उपयोग शामिल है. बड़े शहरों में ट्रैफ़िक जाम और निर्माण धूल बड़ी मात्रा में छोटे कण रिलीज़ करती है. ग्रामीण इलाकों में फसल जलाना भी इसी में योगदान देता है। इन सबका मिलाजुला प्रभाव हवा को लगातार दुषित रखता है.
स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर
जब आप PM 2.5 को इनहेल करते हैं, तो कण सीधे फेफड़ों के गहराई तक पहुँचते हैं. इससे सांस लेने में तकलीफ़, एस्थमा, ब्रोंकोपल्मोनरी डिसीज़ और यहाँ तक कि हृदय रोग भी बढ़ते हैं. बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह खतरा और भी ज़्यादा होता है. कई रिसर्च ने दिखाया है कि लगातार उच्च PM 2.5 स्तर वाले क्षेत्रों में जीवन प्रत्याशा घट जाती है.
अब बात करते हैं कि आप इस धुंध को कैसे कम कर सकते हैं. सबसे पहले घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें, खासकर सोने वाले कमरे में. रोज़ाना खिड़कियों को दो‑तीन घंटे खोलकर ताज़ी हवा का आदान‑प्रदान करें, पर जब बाहर धुआँ बहुत घना हो तो बंद रखिए. इंटीरियर्स में पौधे जैसे स्नेक प्लांट, पॉथोस या एलोवेरा रखें; ये हल्के कण को थोड़ा सोख लेते हैं.
बाहरी गतिविधियों के दौरान मास्क पहनना बहुत ज़रूरी है. N95 या higher rating वाले मास्क सबसे प्रभावी होते हैं. अगर आप सुबह-शाम की धुंध में बाहर निकलते हैं, तो विंडशिल्ड या स्क्रूज के साथ गाड़ी चलाएँ, क्योंकि तेज़ हवा में कण आपके वाहन में आसानी से प्रवेश करते हैं.
सरकार के उपाय भी मददगार हैं. कई शहरों ने बसों में क्लीन फ्यूल का प्रयोग शुरू किया है, और औद्योगिक इमीशन को नियंत्रित करने के लिए डिस्पर्सल सिस्टम लगाए जा रहे हैं. लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर जागरूकता सबसे बड़ी शक्ति है. अपने पड़ोस में कूटनीतिक वार्ता करके बर्निंग बंद करने की मांग करें, और स्कूल‑कॉलेज में पर्यावरण क्लब की मदद से लोगों को शिक्षित करें.
संक्षेप में, PM 2.5 एक छोटा कण है जो बड़ी समस्या बन सकता है, पर सही जानकारी और साधारण कदमों से आप अपने और अपने परिवार की सुरक्षा कर सकते हैं. आज ही इन टिप्स को अपनाएँ और साफ़ हवा का आनंद उठाएँ.