योगी आदित्यनाथ: जीवन, राजनीति और ताज़ा खबरें
अगर आप भारत की राजनीति देखें तो योगी आदित्यनाथ का नाम अक्सर सुनेंगे। उनका असली नाम अंबिकोलाब मेहता है, लेकिन कुंडली‑विचार वाले योगी ने इस नाम से पहचान बना ली। आज वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और भाजपा के मुख्य चेहरों में से एक हैं। इस लेख में हम उनके बचपन से लेकर आज तक के सफर को आसान भाषा में देखेंगे और कुछ ताज़ा खबरें भी जोड़ेंगे।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
योगी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सन 1990 के दशक में RSS के युवा संघ (एकीकृत बाल संघ) से की। वहां उन्हें संगठनात्मक कामकाज सिखाया गया और उन्होंने जल्दी ही अपने नेतृत्व कौशल से लोगों का भरोसा जीता। 1998 में उन्होंने अपना पहला चुनाव जीता, लेकिन वह भी छोटे स्तर पर था। धीरे‑धीरे उन्होंने भाजपा में जगह बनायी और 2002 में उत्तर प्रदेश के सागर सिंह बोर्ड पर बड़े पद पर आए।
2007 में योगी ने पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और उधम सिंह (सिंगर) के साथ गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी को सरकार में लाने में मदद की। उन्होंने 2012 में फिर से चुनाव लड़ते हुए अपने निर्वाचन क्षेत्र (कुशीनगर) को जीत लिया। हर बार उनका प्रदर्शन लोगों की उम्मीदों को पूरा करता रहा।
मुख्यमंत्री बनना और नवीनीकरण
2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी राज्य में law‑and‑order की स्थिति सुधारना। उन्होंने पुलिस को सशक्त बनाया, सड़कें साफ़ रखी और शराब पर कड़ी पैनी लगाई। बहुत से लोग उनके ‘जस्टिस’ को सराहते हैं, जबकि कुछ ने उनकी नीतियों को कठोर बताया।
उनकी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि में भी कई योजनाएँ शुरू कीं। महिला सुरक्षा के लिए ‘भुगतान‑आधारित’ योजनाओं को लागू किया गया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी कई बार अपने विचार रखे और बीजेपी के नेशनल पार्टी के बैठकों में बोलते रहे।
भले ही उनके कार्यों पर अल्पकालीन राय में भिन्नता हो, पर राजनैतिक रूप से वे बहुत प्रभावशाली रहे हैं। उनके अनुयायियों का कहना है कि वो ‘जनसेवा’ को सबसे ऊपर रखते हैं। विरोधी कहते हैं कि उनकी नीतियों में अक्सर दखलंदाज़ी और कठोरता दिखती है।
हाल की खबरें और अपडेट
2025 में योगी आदित्यनाथ ने कई बड़े मुद्दे उठाए। उन्होंने किसान आंदोलन पर अपनी राय दी और कहा कि सरकार को ईंधन की कीमत कम करनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने उत्तर प्रदेश में कोविड‑19 के खिलाफ टीकाकरण को तेज़ किया और कई अस्पतालों को नवीनीकरण करने का आदेश दिया।
हाल ही में उन्होंने बायोहाज़र्ड टैक्स पर नई घोषणा की, जिससे छोटे व्यवसायियों को राहत मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने के लिए नए प्राइवेट‑पब्लिक पार्टनरशिप मॉडल की भी घोषणा की। इन सब कदमों का असर अब देखना बाकी है, पर जनता में इनका विरोध‑समर्थन दोनों रूप मिले हैं।
यदि आप योगी आदित्यनाथ के बारे में और गहराई से जानना चाहते हैं, तो इन बातों को ध्यान से पढ़ें। उनका जीवन और काम दोनों ही भारत के राजनैतिक मंच को आकार देने में अहम भूमिका निभाते हैं। आपके सवाल हों या राय, कमेंट में लिखिए, हम जरूर चर्चा करेंगे।