वक्फ बोर्ड संशोधन बिल: बीजेपी पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का हमला

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल: बीजेपी पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का हमला
8 अगस्त 2024 12 टिप्पणि Kaushal Badgujar

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के खिलाफ आवाजें उठीं

वक्फ अधिकारों में बदलाव के प्रस्तावों के साथ सामने आया वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना झेल रहा है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस विधेयक को बीजेपी की कथित जमीन बेचने की रणनीति करार दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर यह आरोप लगाया है कि वे वक्फ बोर्ड की जमीनों को बेचने का षड्यंत्र रच रही है।

अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर बीजेपी को एक रियल एस्टेट कंपनी के रूप में संदर्भित किया और जोर दिया कि बीजेपी को अपना नाम बदलकर 'भारतीय जमीन पार्टी' (Bharatiya Zameen Party) रख लेना चाहिए। उन्होंने मांग की कि वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी, इसके लिए एक औपचारिक गारंटी दी जाए।

विपक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया

कांग्रेस पार्टी ने भी इस विधेयक का विरोध किया है। लोकसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने इस बिल की प्रस्तावना के खिलाफ एक नोटिस दिया है। उनके साथ ही कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर असर

विपक्षी दलों का मानना है कि इस विधेयक के जरिये वक्फ बोर्ड के अधिकारों को नजरअंदाज किया जा रहा है। भारतीय संघ मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने भी इस पर गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं। पार्टी का मानना है कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड के अधिकारों को कमजोर कर सकता है।

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस विधेयक को असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण बताया। ओवैसी का कहना है कि यह विधेयक मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और धार्मिक स्वतंत्रताओं में हस्तक्षेप करता है।

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024: प्रमुख प्रस्ताव

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024: प्रमुख प्रस्ताव

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 किया जाएगा।

वक्फ की नई परिभाषा

इस विधेयक में 'वक्फ' की परिभाषा को फिर से परिभाषित किया गया है। नई परिभाषा अनुसार, केवल उन्हीं वक्फों को शामिल किया जाएगा जो पिछले पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहे व्यक्तियों द्वारा स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, 'उपयोग द्वारा वक्फ' से संबंधित प्रावधानों को हटा दिया जाएगा।

पटवारी को अधिक अधिकार

विधेयक में एक और बड़ा बदलाव यह है कि संपत्ति से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार वक्फ बोर्ड के स्थान पर कलेक्टर को सौंपा जाएगा।

मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024

सरकार एक अन्य विधेयक – मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी प्रस्तुत करेगी। इसके माध्यम से मुसलमान वक्फ अधिनियम, 1923 को निरस्त करने की योजना है, जिससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और शक्तियों से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सके।

इस प्रकार, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस विधेयक के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। उनका मानना है कि यह विधेयक न केवल वक्फ बोर्ड के अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रताओं को भी खतरे में डालता है।

12 टिप्पणि

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    Noushad M.P

    अगस्त 9, 2024 AT 08:12
    ये बिल तो बस जमीन की चाहत में बनाया गया है। वक्फ की जमीनें तो अल्लाह की हैं, न कि किसी पार्टी की। बीजेपी को अपना नाम बदलकर 'भारतीय जमीन पार्टी' रख लेना चाहिए, अखिलेश बहुत सही कह रहे हैं।
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    Sanjay Singhania

    अगस्त 9, 2024 AT 23:05
    इस विधेयक के पीछे एक गहरी निर्माण-पूंजीवादी अर्थव्यवस्था छिपी है, जो धार्मिक स्वायत्तता को निजी लाभ के लिए अपराधी ढंग से निगलने की कोशिश कर रही है। वक्फ की संपत्ति एक अंतर्निहित सामाजिक साम्य का आधार है, जिसे राजनीतिक व्यापार में बदल दिया जा रहा है।
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    Raghunath Daphale

    अगस्त 11, 2024 AT 04:20
    अरे भाई, ये सब बहस बस इंटरनेट पर हो रही है... असली मुसलमान अब तक बाजार में दूध खरीद रहे हैं। ये बिल तो बस ट्रेंड के लिए बनाया गया है। 😒 #बीजेपीजमीनपार्टी
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    Renu Madasseri

    अगस्त 12, 2024 AT 14:22
    मैं समझती हूँ कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन सुधारने की जरूरत है, लेकिन इस तरह से नहीं। अगर वक्फ बोर्ड की शक्तियाँ कमजोर हो गईं, तो छोटे-छोटे मस्जिदों का भी भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। हमें संवेदनशीलता से काम लेना चाहिए।
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    Aniket Jadhav

    अगस्त 12, 2024 AT 21:29
    कोई भी बदलाव अच्छा हो सकता है अगर वो सबके लिए हो। लेकिन अगर ये बिल मुस्लिम समुदाय को नुकसान पहुंचाएगा, तो ये गलत है। हम सब भारतीय हैं, एक साथ चलना होगा।
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    Anoop Joseph

    अगस्त 14, 2024 AT 14:04
    मैं इस बिल के बारे में ज्यादा नहीं जानता, लेकिन अगर कोई संपत्ति धार्मिक उद्देश्य के लिए है, तो उसे बेचना ठीक नहीं होगा।
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    Kajal Mathur

    अगस्त 15, 2024 AT 08:23
    इस विधेयक के विरोध में जो आवाजें उठ रही हैं, वे बिल्कुल उचित हैं। लेकिन इसका विश्लेषण करने के लिए एक विधि-विशेषज्ञ की आवश्यकता है, न कि राजनीतिक नारे। विधान का अर्थ और उद्देश्य तकनीकी रूप से समझा जाना चाहिए, न कि भावनात्मक तरीके से।
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    rudraksh vashist

    अगस्त 15, 2024 AT 17:11
    मुझे लगता है कि अगर वक्फ बोर्ड का प्रबंधन बेहतर हो जाए, तो जमीनों का उपयोग भी बेहतर होगा। लेकिन अगर कलेक्टर को अधिकार दे दिए जाएं, तो ये बहुत खतरनाक हो सकता है। हमें संतुलन बनाना होगा।
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    Archana Dhyani

    अगस्त 15, 2024 AT 22:10
    ये विधेयक न केवल एक धार्मिक संस्था के अधिकारों को नष्ट कर रहा है, बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 को भी चुनौती दे रहा है। ये एक ऐसा निर्णय है जो अल्पसंख्यकों के लिए एक खतरनाक पूर्वाभास है - एक धार्मिक विशेषाधिकार के नाम पर अलगाव की राह बनाने का। इसका असर न सिर्फ वक्फ बोर्ड पर होगा, बल्कि भारतीय सामाजिक संरचना के स्तर पर भी।
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    Guru Singh

    अगस्त 16, 2024 AT 19:01
    वक्फ बोर्ड की जमीनें बेचने का विचार गलत है। लेकिन अगर उनका प्रबंधन बेहतर हो जाए, तो ये जमीनें बेहतर तरीके से इस्तेमाल हो सकती हैं। बस एक न्यायपालिका जैसी निर्भरता वाली संरचना चाहिए।
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    Sahaj Meet

    अगस्त 17, 2024 AT 19:05
    हम सब अलग हैं, लेकिन एक ही देश में रहते हैं। अगर वक्फ की जमीनें बेची जाएंगी, तो ये सिर्फ मुसलमानों का नुकसान नहीं, बल्कि पूरे देश की एकता का नुकसान होगा। हमें एक साथ खड़े होना होगा।
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    Madhav Garg

    अगस्त 19, 2024 AT 16:24
    वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य स्पष्ट है: वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता लाना। यदि कलेक्टर को अधिकार देने से यह संभव हो जाए, तो यह एक सकारात्मक कदम है। विपक्ष की आलोचना भावनात्मक है, न कि नीतिगत।

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