Asia Cup 2025: भारत के सुपर फोर मैच—शेड्यूल, टाइमिंग और वेन्यू डिटेल्स

भारत का शेड्यूल, टाइमिंग और वेन्यू
दो मैच, चार अंक, नेट रन रेट 4.793—भारत ने ग्रुप ए में धाक जमाते हुए सुपर फोर का टिकट पक्का कर लिया। अब असली परीक्षा शुरू होती है, जहां हर ओवर फाइनल की राह बदल सकता है।
सुपर फोर में भारत के दो अहम मुकाबले दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में होने हैं। दोनों रात के मुकाबले हैं, इसलिए ओस, टॉस और पावरप्ले की रणनीति सीधे नतीजे को छुएगी।
- बुधवार, 24 सितंबर 2025: भारत बनाम बांग्लादेश, दुबई, रात 8:00 बजे स्थानीय समय (भारत में 9:30 बजे)
- शुक्रवार, 26 सितंबर 2025: भारत बनाम श्रीलंका, दुबई, रात 8:00 बजे स्थानीय समय (भारत में 9:30 बजे)
टूर्नामेंट टी20 फॉर्मेट में 9 से 28 सितंबर तक UAE में खेला जा रहा है। सुपर फोर के शीर्ष दो टीमें 28 सितंबर, रविवार को दुबई में फाइनल खेलेंगी।
ग्रुप स्टेज में भारत ने लय वही दिखाई जिसकी उम्मीद थी। UAE के खिलाफ गेंदबाजों ने 13.1 ओवर में ही मेजबान को 57 पर समेट दिया। कुलदीप यादव ने 2.1 ओवर में 7 रन देकर 4 विकेट झटके और लक्ष्य 4.3 ओवर में 1 विकेट खोकर पूरा हो गया, जहां अभिषेक शर्मा ने 16 गेंदों पर 30 रन ठोके। इस प्रदर्शन ने सिर्फ अंक नहीं, टीम का आत्मविश्वास भी ऊपर पहुंचाया है।
अब सुपर फोर में तस्वीर कसी हुई है। पाकिस्तान भी अगले दौर में पहुंच चुका है, ऐसे में अंक तालिका और नेट रन रेट दोनों पर नजर रहेगी। रात के मैचों में टॉस जीतने की कीमत बढ़ जाती है, पर असली फर्क पावरप्ले और डेथ ओवर में अनुशासन ही डालता है।

रणनीति, पिच रिपोर्ट और क्या दांव पर है
दुबई की पिच आम तौर पर बैलेंस्ड रहती है—नई गेंद थोड़ी स्विंग करती है, बीच के ओवरों में स्पिनर्स खेल को पकड़ लेते हैं, और आखिरी ओवरों में बल्लेबाजी आसान हो सकती है, खासकर अगर ओस हो। औसतन यहां पहली पारी में 150-160 का स्कोर लड़ाकू माना जाता है, लेकिन सेट बल्लेबाज क्रीज पर टिके तो 170 पार भी नजर आता है।
भारत की प्राथमिकता साफ है—पावरप्ले में विकेट न गंवाना और बीच के ओवरों में रफ्तार बनाए रखना। wrist-spin भारत की ताकत रही है, और दुबई की सतह उस सूझबूझ को इनाम देती है। कुलदीप की फॉर्म भारत के लिए बड़ा पॉजिटिव सिग्नल है। टॉप-ऑर्डर में स्ट्राइक-रोटेशन के साथ बाउंड्री-हिटिंग का सही संतुलन बने तो डेथ ओवरों में दबाव विपक्ष पर ही रहेगा।
बांग्लादेश के खिलाफ मैच की कुंजी उनके धीमे गेंदबाजों और स्लोअर-बॉल में छिपी है। वे लेग-साइड की फील्ड सेट कर कटर्स का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए सिंगल-डबल लेते रहना और गेंद की लेंथ पर तेज फैसले लेना जरूरी होगा। शार्प फील्डिंग और रनिंग बिटवीन द विकेट्स यहां फर्क पैदा करेगी।
श्रीलंका के खिलाफ कहानी अलग है। उनकी ताकत विविधता है—मिस्ट्री स्पिन, बैक-ऑफ-द-हैंड स्लोअर, और हाई-टेम्पो फील्ड सेटिंग। भारतीय बल्लेबाजों के लिए बल्ले के फेस को देर से खोलना, स्पिन के खिलाफ स्वीप-रिवर्स स्वीप का चयन सोच-समझकर करना और छोटे-छोटे पार्टनरशिप जोड़ना कारगर रहेगा। श्रीलंकाई बल्लेबाजों के खिलाफ नई गेंद से चैनल में लगातार गेंदबाजी करना भारत के पेसर्स की प्राथमिकता होनी चाहिए।
मौसम फैक्टर सीधा असर डाल सकता है। सितंबर के आखिर में दुबई में रातें गर्म और नम रहती हैं, इसलिए ओस की पतली चादर बन सकती है। अगर ओस पड़ी तो दूसरी पारी में गेंदबाजों के लिए ग्रिप चुनौती होगी। ऐसे में चेंज-ऑफ-पेस, वाइड यॉर्कर और बाउंसर-फॉलो-अप जैसी योजनाएं मायने रखेंगी।
टीम मैनेजमेंट के सामने फिटनेस और रोटेशन भी वास्तविक मुद्दा है। 24 और 26 सितंबर के बीच सिर्फ एक दिन का अंतर है, यानी रिकवरी टाइम सीमित होगा। तेज गेंदबाजों की वर्कलोड मैनेजमेंट, और ऑलराउंडरों का स्मार्ट उपयोग—यही चयन की दिशा तय करेगा। बेंच स्ट्रेंथ भारत की पूंजी है, पर कॉम्बिनेशन में निरंतरता भी उतनी ही जरूरी है।
रिकॉर्ड की बात करें तो टी20 में बांग्लादेश के खिलाफ भारत का पलड़ा पारंपरिक रूप से भारी रहा है। श्रीलंका के साथ मुकाबले अक्सर नजदीकी रहे हैं, जहां छोटे-छोटे सत्र मैच को मोड़ देते हैं। यानी शुरुआत अच्छी हो, पर निर्णायक क्षणों में क्रिया और भी तेज होनी चाहिए—यही टी20 का सच है।
रणनीति का एक और अहम पेंच—टॉस। रात के मैच में लक्ष्य का पीछा करने का लालच रहता है, पर अगर पिच सूखी दिखे और स्पिन पकड़ रही हो तो पहले बल्लेबाजी कर 165-175 का स्कोर बोर्ड पर रखना समझदारी हो सकती है। यह वही रेंज है जहां एक-दो जादुई ओवर मैच पलट देते हैं।
फैंस के लिए समय का हिसाब सीधा है—दुबई में मैच रात 8 बजे शुरू होंगे, भारत में 9:30 बजे। टीवी और डिजिटल पर लाइव प्रसारण होगा; प्री-शो विश्लेषण और पोस्ट-मैच चैट में शेड्यूलिंग अपडेट्स पर भी नजर रखें। स्टेडियम की बड़ी बाउंड्रीज और रिंग फील्ड सेटअप के कारण 2 रन अक्सर मिलते हैं—यानी चालाक रनिंग और तेज कवर-ड्राइव्स का दिन भी हो सकता है।
अब बात दांव पर लगी चीजों की। सुपर फोर में हर जीत 2 अंक देती है, और बराबरी पर नेट रन रेट फैसला करता है। भारत के पास अभी जो बढ़त है, उसे बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है टॉप-ऑर्डर से स्थिर शुरुआत और बीच के ओवरों में विकेट-टू-विकेट गेंदबाजी। अगर शुरुआत में 45-50 बिना नुकसान के मिल जाएं, तो आखिरी 5 ओवर 50+ का धक्का विपक्ष की योजना तोड़ देता है।
फैंस का फोकस सरल है—क्या भारत पावरप्ले में अनुकूल हालात का पूरा फायदा उठा पाएगा? क्या wrist-spin मध्य ओवरों में मैच की कड़ी अपने पास रखेगा? और क्या डेथ ओवरों में यॉर्कर्स और मिश्रित लेंथ से रन चोक होंगे? इन ही सवालों के जवाब फाइनल का रास्ता साफ करेंगे।
Asia Cup 2025 की इस स्टेज पर भारत के पास गति और लय दोनों हैं। अब जरूरत है अनुशासन की—क्योंकि यहां छोटी चूक भी बड़ी लगती है, और एक बड़ा पल पूरे टूर्नामेंट की कहानी बदल देता है।