पेरिस ओलंपिक में सिफ़ान हासन ने महिला मैराथन जीती, एथलीटों के बीच तालमेल
अग॰, 12 2024पेरिस ओलंपिक में सिफ़ान हासन ने महिलाओं की मैराथन में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। यह जीत न केवल उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि एथलेटिक्स की दुनिया में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। डच एथलीट सिफ़ान हासन, जो मूल रूप से इथियोपिया से हैं, ने इस दौड़ को 2 घंटे, 22 मिनट, और 55 सेकंड में पूरा किया, जो कि एक ओलंपिक रिकॉर्ड भी है।
इस जीत से पहले, हासन ने पेरिस गेम्स में 5000 मीटर और 10000 मीटर की दौड़ में कांस्य पदक जीते थे। इससे यह उनकी तीसरी पदक जीत बन गई। यह ऐतिहासिक उपलब्धि उन्हें एमिल ज़ातोपेक के बाद पहली एथलीट बनाती है जिन्होंने एक ही ओलंपिक गेम्स में 5000 मीटर, 10000 मीटर और मैराथन में पदक जीते हैं।
दौड़ के दौरान का नजारा बेहद तनावपूर्ण था। अंतिम 150 मीटर में हासन और इथियोपियन धावक तिग्स्ट अस्सेफ़ा के बीच कड़ी टक्कर हुई। इस दौरान वे दोनों एक दूसरे के किनारे चलते हुए एक-दूसरे को ओन्स टकराई। हासन ने एक निर्णायक चाल चलकर अंदर की ओर खिसकाते हुए स्प्रिंट किया और दौड़ को जीत लिया।
इथियोपियन टीम ने हासन के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, जिसमें धक्का देने का आरोप लगाया गया था, लेकिन यह शिकायत जूरी ऑफ अपील द्वारा खारिज कर दी गई। हासन की यह जीत उनकी अद्वितीय सहनशक्ति और प्रतिस्पर्धी भावना को प्रकट करती है, उन्होंने नौ दिनों में 38 मील से भी अधिक दौड़ लगाई है।
हसन की इस उपलब्धि का एक बड़ा हिस्सा दौड़ का चुनौतीपूर्ण कोर्स था, जिसमें 1430 फीट की ऊंचाई पर चढ़ाई शामिल थी। इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद, हसन ने अंतिम क्षणों में अपनी उत्कृष्ट गति और शक्ति की बदौलत स्वर्ण पदक जीता। दौड़ पूरी करने के बाद, वह भावुक हो गईं और उन्होंने बताया कि इस मंजिल को पाने के लिए कितनी अधिक मेहनत और ध्यान की आवश्यकता पड़ती है।
पोस्ट-रेस समाचार सम्मेलन में, अस्सेफ़ा ने हासन की जीत पर अपनी खुशी जाहिर की और बताया कि हासन की ताकत और कौशल के कारण वह जीतने में सफल रही हैं। इस तरह की प्रतिस्पर्धात्मकता और खेल भावना ओलंपिक जैसे आयोजनों में खेल का सही महत्व बताती है, जहां जीत और हार से बड़ा एथलीटों का एक-दूसरे के प्रति आदर और सम्मान होता है।