संजू सैमसन ने दलीप ट्रॉफी 2024 में लगाया शानदार शतक, भारतीय टीम में वापसी की उम्मीदें बढ़ीं

संजू सैमसन ने दलीप ट्रॉफी 2024 में लगाया शानदार शतक, भारतीय टीम में वापसी की उम्मीदें बढ़ीं सित॰, 21 2024

संजू सैमसन का शानदार प्रदर्शन

मलयाली विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन ने दलीप ट्रॉफी 2024 के तीसरे चरण के मुकाबले में भारत डी के लिए खेलते हुए भारत बी के खिलाफ पुनः शानदार शतक जड़कर अपने अनुभवी बल्लेबाज होने का प्रमाण दिया। यह शतक उनके प्रथम श्रेणी करियर का 11वां शतक है और इसने उन्हें एक बार फिर से भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने के लिए एक मजबूत दावेदार बना दिया है।

सैमसन की यह शतकीय पारी तब आई जब उनकी टीम रनों के लिए संघर्ष कर रही थी। शेज़ास अय्यर के आउट होने के बाद जब सैमसन बल्लेबाजी करने आए तब भारत डी का स्कोर 175/4 था। उन्होंने छठें क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए पहले रिकी भुई (56) के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी की और फिर सरांश जैन (26) के साथ मिलकर अपनी टीम का स्कोर 307/6 तक पहुँचाया।

पहले दिन का अंत और दूसरा दिन

पहले दिन का खेल समाप्त होने तक सैमसन 89 रनों पर नाबाद थे। दूसरे दिन की शुरुआत करते हुए उन्होंने बहुत ही जल्द अपने शतक तक पहुँच कर भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को अपनी क्षमता का परिचय दिया। उनके द्वारा खेले गए 106 रन मात्र 101 गेंदों में आए और इस दौरान उन्होंने 12 चौके और 3 छक्के भी लगाए।

यद्यपि सैमसन अपने शतक के बाद अधिक समय तक क्रीज पर टिक नहीं सके, लेकिन उनकी इस आक्रामक और प्रभावशाली पारी ने भारत डी को 300 रन के पार ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पिछले प्रदर्शनों और भविष्य की उम्मीदें

पिछले प्रदर्शनों और भविष्य की उम्मीदें

यह शतक सैमसन के लिए और भी महत्वपूर्ण इसलिये है क्योंकि पहले राउंड में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था और दूसरे राउंड में उन्होंने 40 और 5 रन बनाए थे। उनका पिछला प्रथम श्रेणी शतक दिसंबर 2019 में आया था, जब उन्होंने केरल के लिए बंगाल के खिलाफ 116 रन बनाए थे। इस हालिया शतक से उनकी भारतीय टीम में वापसी की संभावनाएं काफी मजबूत हो गई हैं, विशेष रूप से टी20 प्रारूप में।

संजू सैमसन के लिए यह मैच केवल एक शतक से अधिक था। यह उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि इससे पहले उन्होंने निरंतर अच्छे प्रदर्शन के बावजूद पूरी तरह से भारतीय टीम में स्थाई स्थान नहीं बनाया था। भारतीय क्रिकेट में चयन के लिए न केवल परिस्थिति पर ध्यान देना आवश्यक होता है बल्कि अपने प्रदर्शन को भी निरंतर उच्च स्तर पर बनाए रखना पड़ता है, और सैमसन इस शतक से यह साबित कर सके हैं कि वे एक विश्वसनीय और मजबूत बल्लेबाज हैं।

संजू सैमसन की चुनौतियाँ और उतार-चढ़ाव

संजू सैमसन की चुनौतियाँ और उतार-चढ़ाव

एक क्रिकेटर के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, और संजू सैमसन भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। भारतीय टीम में जगह बनाना कोई आसान काम नहीं है, खासकर जब टीम में पहले से ही कई दिग्गज और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की लंबी फेहरिस्त हो। सैमसन ने हमेशा ही अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन किया है, लेकिन निरंतरता की कमी के कारण वे टीम में अपनी जगह पुख्ता नहीं कर पाए थे।

इस शतक के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि सैमसन ने अपनी कड़ी मेहनत और अद्वितीय तकनीक से भारतीय चयनकर्ताओं को एक बार फिर से विचार करने पर मजबूर कर दिया है। खासकर कि वे परिस्थिति और दबाव में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं।

टीम इंडिया की संभावनाएँ और आगामी सीज़न

भारतीय क्रिकेट टीम के आगामी सीज़न को देखते हुए सैमसन जैसी अनुभवशील और प्रतिभाशाली बल्लेबाज की जरूरत बनेगी। चाहे वह वनडे हो या टी20, सैमसन के पास भारतीय टीम में अपनी जगह बनाने के पर्याप्त मौके हैं। उनका यह शतक निश्चित रूप से चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करेगा, और वे आशा करेंगे कि सैमसन इस फॉर्म को जारी रखें।

संजू सैमसन की इस शतकीय पारी ने न सिर्फ उनकी बल्लेबाजी कौशल को साबित किया है बल्कि यह भी दर्शाया है कि वे भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हो सकते हैं। उम्मीद की जा सकती है कि उनकी यह पारी उनकी जिंदगी और करियर में एक सुनहरा अवसर लेकर आएगी।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

संजू सैमसन का यह शतक भारतीय क्रिकेट में उनके नए युग की शुरुआत हो सकता है। बिना किसी संदेह के, यह प्रदर्शन उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित होगा। भारत बी के खिलाफ इस अहम मैच में उनके शतक ने न केवल उनकी टीम को मजबूत स्थिति में पहुँचाया, बल्कि उनकी खुद की भारतीय टीम में वापसी की संभावनाओं को भी मजबूत किया है। सैमसन ने अपने इस प्रदर्शन से यह साबित कर दिया है कि वह भारतीय क्रिकेट में लंबे समय तक योगदान देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

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